लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय में कम्प्यूटेशन सेंटर खोलने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. इस सेंटर के खुलने के बाद विद्यार्थी सूचना तकनीक की आधुनिक पढ़ाई में भी तेजी से आगे बढ़ेंगे. यहां पर छात्र डेटा विज्ञान के साथ ऑपरेशन रिसर्च, मैनेजमेंट एनालिस्ट, मार्केट रिसर्च, लाजिस्टियन आदि की पढ़ाई करेंगे, जो अब वैश्विक बाजार में प्लेसमेंट की जरूरत बन गया है. प्रदेश के इंजीनियरिंग और तकनीक संस्थानों में यह पहला कंप्यूटेशनल डिसीजन विभाग होगा.
इंजीनियरिंग संकाय के अंतर्गत खुलने वाले इस विभाग में स्नातक व परास्नातक स्तर के नए पाठ्यक्रमों की पढ़ाई आरंभ होने जा रही है. अब तक इंजीनियरिंग विभाग में कंप्यूटर साइंस की शाखा में ही सूचना तकनीक की पढ़ाई कराई जाती रही है, लेकिन इसके लगातार बढ़ते महत्व और उद्योग जगत में मांग को देखते हुए पृथक विभाग शुरू किया जा रहा है. इसके खुलने के बाद आईटी क्षेत्र में नई तकनीक और नवाचारों से संबंधित पढ़ाई आसान हो जाएगी.
अगले सत्र से शुरू होगी पढ़ाई : सूचना और तकनीक की एडवांस पढ़ाई अगले सत्र से शुरू कर दी जाएगी. इसमें छात्र-छात्राओं को डेटा का विश्लेषण, डाटा आकलन, गूगल एल्गोरिदम समेत सूचना संबंधित एल्गोरिदम, मैनेजमेंट एनालिस्ट, मार्केट रिसर्च एनालिस्ट, ऑपरेशन्स रिसर्च एनालिस्ट, लॉजिस्टिसियन में प्लेसमेंट के दरवाजे खुल जाएंगे.
क्या होता है कंप्यूटेशनल डिसीजन : यह कार्यक्रम अनुसंधान केंद्रित प्रणाली है, जो समस्याओं और उद्योग से संबंधों के साथ व्यावहारिक अनुभव के आधार पर निर्णय लेने में सुधार के लिए प्रयोग किया जाता है. इसमें सिमुलेशन, गणितीय अनुकूलन, डेटा विश्लेषण, सांख्यिकी, तंत्रिका नेटवर्क, विशेषज्ञ प्रणाली और निर्णय विश्लेषण शामिल हैं, जिसे कंप्यूटेशनल डिसीजन प्रक्रिया कहते हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय कहा है कि हम सभी का प्रयास है कि लखनऊ विश्वविद्यालय एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 50 में स्थान हासिल करे. विश्वविद्यालय की प्रबंधन और विधि की रैंकिंग पहले से बेहतर हो. साथ ही राज्य विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में लखनऊ विश्वविद्यालय सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करे.
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