हजारीबाग: विनोबा भावे विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज के छात्रों ने केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री के समक्ष विरोध दर्ज कराया है. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विनोबा भावे विश्वविद्यालय को 100 करोड़ रुपये की सौगात दे रहे थे. उस समय विवेकानंद सभागार परिसर में विरोध प्रदर्शन चल रहा था. बाहर जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे भी लग रहे थे. स्थिति यह थी कि कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी बाहर जा रहीं थी तो छात्रों ने उनके सामने अपनी बात रखी. साथ ही यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. छात्रों का कहना था कि लॉ कॉलेज में नामांकन के बाद भी उन्हें फॉर्म भरने नहीं दिया जा रहा है.
छात्रों का नामांकन अधर में लटका
छात्रों ने मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज के सत्र 2022 - 2025 और बीए एलएलबी 2022 - 2027 के सेमेस्टर 1 के लिए छात्रों का नामांकन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किया गया था. जिसमें छात्रों ने प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित कट ऑफ मार्क्स के आधार पर नामांकन लिया. शेष सीटों पर तत्कालीन प्राचार्य डॉ. जयदीप सान्याल ने सेल्फ फाइनेंस कोर्स का हवाला देकर 82 छात्रों का नामांकन ले लिया.
आज लगभग 2 वर्ष बीत गए लेकिन अभी तक छात्र दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. विशेष प्रवेश परीक्षा भी ली गयी. लेकिन इसके नतीजों में सिर्फ 6 बच्चे ही पास हुए और बाकी छात्रों का नामांकन अधर में लटक गया है. न तो उनकी परीक्षाएं हो रही हैं और न ही कक्षाएं. ऐसे में छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है.
मंत्री ने प्रबंधन को समाधान के दिए निर्देश
प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि छात्रों से बातचीत हुई है. यूनिवर्सिटी प्रबंधन से जल्द से जल्द इस समस्या को खत्म करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि छात्रों का भविष्य अधर में न लटके. इस पूरे मामले को लेकर कुलपति सुमन कैथरीन किस्पोट्टा ने कहा कि राजभवन को भी इस पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है. नियमानुसार कार्रवाई भी की जा रही है.
यह मामला पिछले कई दिनों से हजारीबाग में सुर्खियों में है. लॉ कॉलेज के छात्र भी अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है. ऐसे में प्रवेश लेने के बावजूद करीब 70 विद्यार्थी आगे की पढ़ाई से वंचित हैं.
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