श्रीगंगानगर. जिले में शुक्रवार को छात्रों ने कंसलटेंसी एजेंसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और जोरदार नारेबाजी की. उनका आरोप है कि श्रीगंगानगर निवासी एक छात्र को कनाडा भेजने के बाद पता चला कि जिस कॉलेज में उसका दाखिला किया गया है, वह महज दो कमरों का है. इसपर छात्रों ने फीस वापस करने की मांग रखी. आक्रोशित छात्रों ने रास्ते को भी जाम कर दिया.
यह है पूरा मामला : कनाडा गए छात्र सचिन लाहोटी के भाई सौरभ लाहोटी ने बताया कि उसके भाई को कनाडा भेजने के लिए श्रीगंगानगर के एक कंसलटेंसी एजेंसी के माध्यम से फाइल लगाई गई थी. मार्च में उसके भाई का वीजा लगवा कर उसे कनाडा भेज दिया गया. सौरभ लाहोटी ने बताया कि कंसलटेंसी के संचालको ने कनाडा में अच्छे कॉलेज में एडमिशन दिलवाने और एक साल बाद वर्क परमिट मिलने की बात कही थी. उन्होंने इसकी एवज में 16 लाख 70 हजार रुपए की फीस ली. मार्च में जब उसका भाई कनाडा पहुंचा तो उसे पता चला कि जिस कॉलेज में उसे दाखिला मिला वो महज दो कमरों का था. उसे वहां जाकर पता चला कि उस कॉलेज की फीस भी मात्र दो लाख के करीब है. कालेज में पढ़ाई के बाद उसे जल्द वर्क परमिट मिलने की उम्मीद भी नहीं है.
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छात्र ने कंसलटेंसी एजेंसी को फोन किया, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला. सौरभ लाहोटी का आरोप है कि जब वे लोग सेंटर पर पहुंचे तो संचालकों ने पहले तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और बाद में उसके भाई को कनाडा से डिपोर्ट करवाने की धमकी दी. इस बात से आक्रोशित होकर बड़ी संख्या में छात्र एकत्रित हो गए और उन्होंने कंसलटेंसी के सामने जोरदार नारेबाजी की और रास्ता जाम कर दिया. इस संबंध में कोतवाली थाना में परिवाद भी दिया गया है.
कंसलटेंसी की पार्टनर श्रुति सिडाना ने बताया कि छात्र के साथ कोई धोखाधड़ी नहीं की गई है. जब सचिन लाहोटी श्रीगंगानगर से कनाडा गया तो बाकायदा उसे सारी जानकारी के पेपर देकर रवाना किया गया था और जाते समय सेंटर पर सेलिब्रेशन भी किया गया था. वहां जाने के बाद वह अब हमसे हमारी बचत के रुपए मांगने के लिए इस तरह के काम कर रहा है. छात्र के परिजनों से उसकी कभी बात नहीं हुई, लेकिन कनाडा जाने के तीन महीनों के बाद अब कुछ दिनों से छात्र सचिन के व्हाट्सप्प पर रुपए वापस लेने के लिए ऑडियो मैसेज आ रहे हैं.