अंबिकापुर: बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए सरगुजा में एकलव्य आवासीय विद्यालय की शुरुआत सरकार ने की थी. लेकिन शिक्षकों और वार्डन की मनमानी के चलते अब यहां पढ़ने वाले बच्चे परेशान हैं. मैनपाट के एकलव्य विद्यालय में पढ़ने वाले 400 बच्चे प्रभारी प्राचार्य को हटाने की मांग लेकर सड़कों पर उतर चुके हैं. विद्यालय प्रबंधन ने जब उनकी मांगों को नहीं सुना तब वो जिला मुख्यालय की ओर कूच कर गए. जैसे ही अफसरों को ये जानकारी मिली की बच्चे शिकायत लेकर जिला मुख्यालय की और आ रहे हैं तो उनके हाथ पांव फूल गए. बच्चों को रास्ते से ही अफसरों ने लौटाने की कोशिश की. अफसरों के समझाने के बाद भी बच्चे नहीं माने. बच्चे अपने शिकायत लेकर जिला मुख्यालय की ओर बढ़ते रहे.
कलेक्टर ने रोका अपना काफिला: सरगुजा कलेक्टर को जैसे ही बच्चों के मार्च की जानकारी मिली वो तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्चों से बात की. बच्चों ने जैसे ही प्रभारी प्राचार्य की शिकायत की वैसे ही कलेक्टर ने तुरंत अफसरो को कार्रवाई की निर्देश जारी कर दिए. बच्चों को जैसे ही जानकारी मिली की प्रभारी प्राचार्य को पद से हटा दिया गया है तो वो खुश हो गए. कलेक्टर ने आदेश पर फिलहाल नायब तहसीलदार को नियुक्त किया गया है जो नोडल अधिकारी बनकर एकलव्य स्कूल की व्यवस्था को देखेगा.
क्या थी बच्चों की शिकायत: मैनपाट एकलव्य आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की शिकायत प्रभारी प्राचार्य को लेकर थी. बच्चों का कहना था कि प्रभारी प्राचार्य उनके साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. स्कूल की ओर से जो सुविधाएं उनको मिलनी चाहिए वो नहीं दी जाती हैं. जब प्रभारी प्राचार्य से सुविधाओं की मांग की जाती है तो वो बच्चों से गलत व्यवहार करते हैं. बच्चे जब अपने स्कूल से जिला मुख्यालय के निकले थे तो रास्ते में भूखे बच्चों को गांव वालों ने बिस्कुल खिलाया और पानी भी दिया.