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छात्रों ने रचा रिकॉर्ड, 30 घंटे में बनाया 30 फीट ऊंचा पीएम मोदी का पोर्ट्रेट; इस खास विधि का किया इस्तेमाल - PM Modi portrait - PM MODI PORTRAIT

लखनऊ में 30 घंटे का समय, 15 किलो धागा और एक खास तकनीक का इस्तेमाल कर छात्रों ने पीएम मोदी का 30 फीट ऊंचा पोर्ट्रेट बनाया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 30, 2024, 9:00 PM IST

लखनऊ: 30 घंटे का समय, 15 किलो धागा और एक खास तकनीक का इस्तेमाल. इसके बाद बना पीएम मोदी का 30 फीट ऊंचा पोर्ट्रेट (व्यक्ति चित्र). इसे साकार किया है गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज, लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने. छात्रों ने इसे बनाने में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट को आजमाया और एक रिकॉर्ड बना डाला.

पीएम मोदी का पोर्ट्रेट बनाने में 8 छात्रों की टीम ने मिलकर काम किया. धागे से बना यह पोर्ट्रेट अपने आप में खास है. इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा. जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है. छात्रों ने बताया चित्र के आकार में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है. जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित किया गया है.

छात्रों की टीम का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा ने किया. टीम के अन्य सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का खास योगदान है. इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया. निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय और राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया.

लखनऊ: 30 घंटे का समय, 15 किलो धागा और एक खास तकनीक का इस्तेमाल. इसके बाद बना पीएम मोदी का 30 फीट ऊंचा पोर्ट्रेट (व्यक्ति चित्र). इसे साकार किया है गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज, लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने. छात्रों ने इसे बनाने में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट को आजमाया और एक रिकॉर्ड बना डाला.

पीएम मोदी का पोर्ट्रेट बनाने में 8 छात्रों की टीम ने मिलकर काम किया. धागे से बना यह पोर्ट्रेट अपने आप में खास है. इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा. जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है. छात्रों ने बताया चित्र के आकार में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है. जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित किया गया है.

छात्रों की टीम का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा ने किया. टीम के अन्य सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का खास योगदान है. इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया. निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय और राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया.

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