मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : समाज में बढ़ते महिला अपराध और नाबालिगों को लेकर हो रहे यौन शोषण को लेकर मनेंद्रगढ़ के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें न्यायधीश सरिता दास और न्यायधीश श्रुति दुबे ने शिरकत की. शिविर का उद्देश्य छात्राओं को पॉक्सो एक्ट समेत दूसरे विषयों पर आधारित कानून की जानकारी देना था.
बाल अपराध पर हुई चर्चा : इस दौरान न्यायधीश सरिता दास ने छात्राओं को गुड टच और बैड टच के बीच का अंतर समझाया. उन्होंने नाबालिगों के खिलाफ हो रहे अपराधों और उनसे बचने के उपायों की भी जानकारी दी. छात्राओं को आत्मविश्वास के साथ किसी भी तरह की असहज स्थिति में आवाज उठाने की सीख दी गई. न्यायधीश श्रुति दुबे ने संविधान में मौलिक अधिकारों और विधिक सहायता अधिनियम की चर्चा छात्राओं से की. इसके अलावा उन्होंने मोटर व्हीकल एक्ट और यातायात नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार ये कानून नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.
छात्राओं ने पूछे सवाल : इस व्याख्यान में स्कूली छात्राओं ने न्यायधीशों से बेझिझक होकर सवाल पूछे.जिसमें गलत तरीके से छूने, किसी भी तरह की अश्लील तरह की बात करने और वाहन चलाने को लेकर चर्चा की. न्यायधीशों ने हर सवाल का जवाब देते हुए छात्राओं को कानूनी प्रक्रिया और उनके अधिकारों के बारे में समझाया.
कानून न केवल समाज को अनुशासन में बांधता है बल्कि हमें सुरक्षित रखने में भी मदद करता है.इस सेमिनार में न्यायधीश श्रुति दुबे और सरिता दास ने छात्राओं को गुड टच बैड टच के बारे में बताया.साथ ही पॉस्को एक्ट के प्रावधानों को बताया - टीविजय गोपाल राव, व्याख्याता
समाज में जागरूकता बढ़ाने की अपील : शिविर के अंत में न्यायधीशों और शिक्षकों ने छात्राओं से आग्रह किया कि वे अपने परिवार और समाज में भी इन जानकारियों को साझा करें. शिविर के दौरान छात्राओं में कानूनी जागरुकता बढ़ी.साथ ही साथ उन्हें दूसरों को भी कानून के बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया.