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दिल्ली कोचिंग हादसाः राजेंद्र नगर में स्टूडेंट्स की भूख हड़ताल, मुखर्जी नगर में रोड जाम - Rajendra Nagar coaching incident

दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित RAUs IAS कोचिंग सर्किल हादसे को लेकर छात्र-छात्राओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. छात्रों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाए. साथ ही मृतकों की सही संख्या बताई जाए.

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दिल्ली कोचिंग हादसे के चौथे दिन छात्रों ने शुरू की भूख हड़ताल. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 30, 2024, 6:19 PM IST

Updated : Jul 30, 2024, 10:48 PM IST

छात्र-छात्राओं की भूख हड़ताल (ETV Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के कारण हुई तीन छात्रों की मौत के बाद मंगलवार को छात्र-छात्राओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दी. धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि इस हादसे की जिम्मेदारी लेने के लिए अभी तक न दिल्ली सरकार और ना एमसीडी तैयार है. घटना पर सिर्फ राजनीति हो रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे आगे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.

वहीं, मुखर्जी नगर में लगातार दूसरे दिन भी छात्र छात्राओं का प्रदर्शन जारी है. आज भी मुख्य सड़क को एक तरफ से जाम कर दिया है. मौके पर बड़ी मात्रा में पुलिस और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती हुई है. छात्रों का कहना है कि आज हमारे धरने को चार दिन बीतने जा रहे हैं, लेकिन जो इस हादसे के मुख्य जिम्मेदार दिल्ली नगर निगम है. किसी भी अधिकारी ने आकर हमसे बात नहीं की. ना ही यहां की समस्याओं को आकार देखा. इसलिए मजबूर होकर हमें भूख हड़ताल शुरू करनी पड़ी है.

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छात्र-छात्राओं की भूख हड़ताल (ETV Bharat)

"जबसे घटना हुई है तबसे मैं यहां रहा हूं. आप सबकी भावनाओं और मांगों से वाकिफ हूं. अब तक 7 लोगों की गिरफ्तरी हुई है, कोचिंग सेंटर के मालिक, को-ऑर्डिनेटर समेत इन्वेस्टिगेशन अभी चल रहा है. समय- समय पर इन्वेस्टिगेशन की जानकारी मिलती रहेगी. एमसीडी को कहा है जिम्मेदारी तय करने के लिए. हमने एमसीडी से पूछा है, ड्रेनेज की सफाई के लिए क्या सिस्टम है? एमसीडी ने जेई को टर्मिनेट किया है, असिस्टेंट इंजीनियर को सस्पेंड किया है. सीलिंग का काम चल रहा है. एमसीडी को पुलिस से जो सहयोग चाहिए वो मिलेगा. एलजी ने उच्च अधिकारियों की बैठक ली, इतने बड़े स्तर पर आपकी बात सुनी जा रही है, इसलिए हमारा रिक्वेस्ट भी है आपसे, जिस सिस्टम का आप हिस्सा बनने के लिए अपने घरों से यहां आए हैं, तो उस सिस्टम पर थोड़ा भरोसा भी रखें. आप धरना खत्म करें." - एम हर्षवर्धन, डीसीपी सेंट्रल

हादसे की सही जानकारी दे अफसरः आईएएस की तैयारी कर रहे एक छात्र ने बताया कि यहां जितने भी बेसमेंट हैं, सभी बेसमेंट की क्लास में 500-600 अभ्यर्थी पढ़ते हैं. जब क्लास खत्म होती है तो 15 से 20 मिनट छात्रों को बेसमेंट खाली करने में लग जाते हैं. अगर आगे भी बेसमेंट में कोचिंग जारी रही तो इस तरह की घटना दोबारा घट सकती है, क्योंकि छात्रों की संख्या इतनी ज्यादा रहती है कि वह कोई भी दुर्घटना होने की स्थिति में एकदम बेसमेंट को खाली नहीं कर सकते हैं.

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धूप कम होते ही राजेंद्र नगर में जुटने लगे स्टूडेंट्स. (ETV Bharat)

छात्रों ने कहा कि हमें बताया जा रहा है कि सिर्फ तीन लोगों की मौत हुई है, लेकिन ऐसा नहीं है. तीन से ज्यादा छात्रों की मौतें हुई हैं. हमारी मांग है कि हमें मृतकों की सही संख्या बताई जाए. जो लोग घटना के समय मौजूद थे उनका भी कहना है कि 8-8 एंबुलेंस आई थी तो 8 एंबुलेंस तीन लोगों के लिए तो आएंगे नहीं. इसलिए यहां पर तीन से ज्यादा मौतें हुई हैं. लेकिन हमसे आंकड़ा छुपाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे का मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, मुख्य सचिव व एमसीडी आयुक्त से मांगी रिपोर्ट

वहीं, एक छात्रा ने भी मांग की है कि जितने लोगों की मौत हुई है उसका सही नंबर नहीं बताया जा रहा है. हम बिल्कुल यह नहीं मान सकते कि सिर्फ तीन या पांच लोगों की मौत हुई है. सरकार आंकड़ा छुपा रही है. हम मांग करते हैं कि हमें मृतकों की सही संख्या बताई जाए. इसके अलावा जिन कोचिंग सेंटर के बेसमेंट को सील किया गया है वह कोचिंग सेंटर अब फर्स्ट फ्लोर या सेकंड फ्लोर पर क्लास चलती हैं उन क्लासों में स्टूडेंट को एडजस्ट किया जाए. या जब तक उनके पास व्यवस्था नहीं है तब तक ऑनलाइन क्लासेस भी शुरू की जा सकती हैं.

ये भी पढ़ें: राजेंद्र नगर हादसे पर चीफ सेक्रेटरी ने सरकार को सौंपी अंतर‍िम र‍िपोर्ट, जान‍िए- मज‍िस्‍ट्रेट जांच में क्‍या आया सामने

छात्र-छात्राओं की भूख हड़ताल (ETV Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के कारण हुई तीन छात्रों की मौत के बाद मंगलवार को छात्र-छात्राओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दी. धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि इस हादसे की जिम्मेदारी लेने के लिए अभी तक न दिल्ली सरकार और ना एमसीडी तैयार है. घटना पर सिर्फ राजनीति हो रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे आगे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.

वहीं, मुखर्जी नगर में लगातार दूसरे दिन भी छात्र छात्राओं का प्रदर्शन जारी है. आज भी मुख्य सड़क को एक तरफ से जाम कर दिया है. मौके पर बड़ी मात्रा में पुलिस और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती हुई है. छात्रों का कहना है कि आज हमारे धरने को चार दिन बीतने जा रहे हैं, लेकिन जो इस हादसे के मुख्य जिम्मेदार दिल्ली नगर निगम है. किसी भी अधिकारी ने आकर हमसे बात नहीं की. ना ही यहां की समस्याओं को आकार देखा. इसलिए मजबूर होकर हमें भूख हड़ताल शुरू करनी पड़ी है.

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छात्र-छात्राओं की भूख हड़ताल (ETV Bharat)

"जबसे घटना हुई है तबसे मैं यहां रहा हूं. आप सबकी भावनाओं और मांगों से वाकिफ हूं. अब तक 7 लोगों की गिरफ्तरी हुई है, कोचिंग सेंटर के मालिक, को-ऑर्डिनेटर समेत इन्वेस्टिगेशन अभी चल रहा है. समय- समय पर इन्वेस्टिगेशन की जानकारी मिलती रहेगी. एमसीडी को कहा है जिम्मेदारी तय करने के लिए. हमने एमसीडी से पूछा है, ड्रेनेज की सफाई के लिए क्या सिस्टम है? एमसीडी ने जेई को टर्मिनेट किया है, असिस्टेंट इंजीनियर को सस्पेंड किया है. सीलिंग का काम चल रहा है. एमसीडी को पुलिस से जो सहयोग चाहिए वो मिलेगा. एलजी ने उच्च अधिकारियों की बैठक ली, इतने बड़े स्तर पर आपकी बात सुनी जा रही है, इसलिए हमारा रिक्वेस्ट भी है आपसे, जिस सिस्टम का आप हिस्सा बनने के लिए अपने घरों से यहां आए हैं, तो उस सिस्टम पर थोड़ा भरोसा भी रखें. आप धरना खत्म करें." - एम हर्षवर्धन, डीसीपी सेंट्रल

हादसे की सही जानकारी दे अफसरः आईएएस की तैयारी कर रहे एक छात्र ने बताया कि यहां जितने भी बेसमेंट हैं, सभी बेसमेंट की क्लास में 500-600 अभ्यर्थी पढ़ते हैं. जब क्लास खत्म होती है तो 15 से 20 मिनट छात्रों को बेसमेंट खाली करने में लग जाते हैं. अगर आगे भी बेसमेंट में कोचिंग जारी रही तो इस तरह की घटना दोबारा घट सकती है, क्योंकि छात्रों की संख्या इतनी ज्यादा रहती है कि वह कोई भी दुर्घटना होने की स्थिति में एकदम बेसमेंट को खाली नहीं कर सकते हैं.

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धूप कम होते ही राजेंद्र नगर में जुटने लगे स्टूडेंट्स. (ETV Bharat)

छात्रों ने कहा कि हमें बताया जा रहा है कि सिर्फ तीन लोगों की मौत हुई है, लेकिन ऐसा नहीं है. तीन से ज्यादा छात्रों की मौतें हुई हैं. हमारी मांग है कि हमें मृतकों की सही संख्या बताई जाए. जो लोग घटना के समय मौजूद थे उनका भी कहना है कि 8-8 एंबुलेंस आई थी तो 8 एंबुलेंस तीन लोगों के लिए तो आएंगे नहीं. इसलिए यहां पर तीन से ज्यादा मौतें हुई हैं. लेकिन हमसे आंकड़ा छुपाया जा रहा है.

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वहीं, एक छात्रा ने भी मांग की है कि जितने लोगों की मौत हुई है उसका सही नंबर नहीं बताया जा रहा है. हम बिल्कुल यह नहीं मान सकते कि सिर्फ तीन या पांच लोगों की मौत हुई है. सरकार आंकड़ा छुपा रही है. हम मांग करते हैं कि हमें मृतकों की सही संख्या बताई जाए. इसके अलावा जिन कोचिंग सेंटर के बेसमेंट को सील किया गया है वह कोचिंग सेंटर अब फर्स्ट फ्लोर या सेकंड फ्लोर पर क्लास चलती हैं उन क्लासों में स्टूडेंट को एडजस्ट किया जाए. या जब तक उनके पास व्यवस्था नहीं है तब तक ऑनलाइन क्लासेस भी शुरू की जा सकती हैं.

ये भी पढ़ें: राजेंद्र नगर हादसे पर चीफ सेक्रेटरी ने सरकार को सौंपी अंतर‍िम र‍िपोर्ट, जान‍िए- मज‍िस्‍ट्रेट जांच में क्‍या आया सामने

Last Updated : Jul 30, 2024, 10:48 PM IST
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