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उत्तराखंड के स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे आपदा प्रबंधन और साइबर अपराध से निपटने के गुर, 9 से 12वीं के पाठ्यक्रम में होंगे शामिल - cyber crime disaster management

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 12, 2024, 3:48 PM IST

Updated : Aug 12, 2024, 5:40 PM IST

शैक्षिक सत्र 2025-26 में 9 से 12वीं तक के छात्रों को साइबर अपराध और आपदा प्रबंधन के पाठ पढ़ाए जाएंगे. इसके लिए एक्सपर्ट पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं. उत्तराखंड शिक्षा विभाग की तरफ से ये जानकारी दी गई है.

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कॉन्सेप्ट इमेज (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में हर साल मानसून अपने साथ सुहाना मौसम नहीं, बल्कि आफत लेकर आता है. ऐसा ही कुछ नजारा इस साल भी देखने को मिल रहा है. इस साल भी मानसून उत्तराखंड में जमकर कहर बरपा रहा है. आपदा के दौरान उत्तराखंड में सबसे पहले मदद के लिए कोई सामने आता है तो वो स्थानीय लोग ही होते हैं. हालांकि अज्ञानता के कारण वो कई बार अपनी ही मदद नहीं कर पाते हैं. इसीलिए उत्तराखंड शिक्षा विभाग नई पहले शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत अब कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों को आपदा प्रबंधन के तरीके सिखाए जाएंगे. इसी के साथ उन्हें साइबर क्राइम के बारे में भी अवगत कराया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक आगामी शैक्षिक सत्र में कक्षा 9 से 12वीं तक के पाठयक्रम में आपदा प्रबंधन और साइबर क्राइम को जोड़ा जाएगा. उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने इसको लेकर अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. सरकार का मानना है कि आपदा प्रबंधन और साइबर क्राइम से निपटने में युवा पीढ़ी को आगे आना चाहिए और शिक्षा से बेहतर इसके लिए कोई विकल्प नहीं हो सकता है, जहां युवा पीढ़ी को आपदा प्रबंधन और साइबर क्राइम के हर पहलू को आसानी से समझाया जा सकता है. इसके लिए एनसीईआरटी ने पाठ्यक्रम का खाका भी तैयार कर लिया है.

पाठ्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तराखंड से जुड़ी बड़ी आपदाओं के बारे में पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा उनके कारण और उन परिस्थितियों में राहत और बचाव के कार्य कैसे किए जाएं, इसके बारे में समझाया जाएगा. आपदा के साथ-साथ साइबर क्राइम से बचने के तरीकों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. क्योंकि आज के समय में पुलिस के सामने साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है, जिससे लड़ना बहुत जरूरी है.

एकेडमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक वंदना गर्ब्याल ने बताया कि जल्द ही पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी. आगामी शैक्षिक सत्र तक किताबें स्कूलों में पहुंच जाएंगी. पूरा पाठ्यक्रम एक्सपर्ट की सलाह पर ही तैयार किया जाएगा. वंदना गर्ब्याल ने बताया कि दोनों की मुद्दे उत्तराखंड के लिए काफी संवेदनशील हैं. क्योंकि जिस तरह के आज के समय में साइबर क्राइम के केस बढ़ रहे हैं, उनको देखते हुए बच्चों का जागरूक होना बहुत जरूरी है. इसीलिए 9 क्लास से ही बच्चों को साइबर क्राइम के बारे में बताया जाएगा.

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देहरादून: उत्तराखंड में हर साल मानसून अपने साथ सुहाना मौसम नहीं, बल्कि आफत लेकर आता है. ऐसा ही कुछ नजारा इस साल भी देखने को मिल रहा है. इस साल भी मानसून उत्तराखंड में जमकर कहर बरपा रहा है. आपदा के दौरान उत्तराखंड में सबसे पहले मदद के लिए कोई सामने आता है तो वो स्थानीय लोग ही होते हैं. हालांकि अज्ञानता के कारण वो कई बार अपनी ही मदद नहीं कर पाते हैं. इसीलिए उत्तराखंड शिक्षा विभाग नई पहले शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत अब कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों को आपदा प्रबंधन के तरीके सिखाए जाएंगे. इसी के साथ उन्हें साइबर क्राइम के बारे में भी अवगत कराया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक आगामी शैक्षिक सत्र में कक्षा 9 से 12वीं तक के पाठयक्रम में आपदा प्रबंधन और साइबर क्राइम को जोड़ा जाएगा. उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने इसको लेकर अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. सरकार का मानना है कि आपदा प्रबंधन और साइबर क्राइम से निपटने में युवा पीढ़ी को आगे आना चाहिए और शिक्षा से बेहतर इसके लिए कोई विकल्प नहीं हो सकता है, जहां युवा पीढ़ी को आपदा प्रबंधन और साइबर क्राइम के हर पहलू को आसानी से समझाया जा सकता है. इसके लिए एनसीईआरटी ने पाठ्यक्रम का खाका भी तैयार कर लिया है.

पाठ्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तराखंड से जुड़ी बड़ी आपदाओं के बारे में पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा उनके कारण और उन परिस्थितियों में राहत और बचाव के कार्य कैसे किए जाएं, इसके बारे में समझाया जाएगा. आपदा के साथ-साथ साइबर क्राइम से बचने के तरीकों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. क्योंकि आज के समय में पुलिस के सामने साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है, जिससे लड़ना बहुत जरूरी है.

एकेडमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक वंदना गर्ब्याल ने बताया कि जल्द ही पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी. आगामी शैक्षिक सत्र तक किताबें स्कूलों में पहुंच जाएंगी. पूरा पाठ्यक्रम एक्सपर्ट की सलाह पर ही तैयार किया जाएगा. वंदना गर्ब्याल ने बताया कि दोनों की मुद्दे उत्तराखंड के लिए काफी संवेदनशील हैं. क्योंकि जिस तरह के आज के समय में साइबर क्राइम के केस बढ़ रहे हैं, उनको देखते हुए बच्चों का जागरूक होना बहुत जरूरी है. इसीलिए 9 क्लास से ही बच्चों को साइबर क्राइम के बारे में बताया जाएगा.

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Last Updated : Aug 12, 2024, 5:40 PM IST
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