दुमका : पिछले महीने 26 जुलाई की रात पाकुड़ जिले के केकेएम कॉलेज के छात्रावास में पुलिसकर्मियों द्वारा छात्रों की पिटाई के विरोध में दुमका में छात्र समन्वय समिति के बैनर तले जन आक्रोश रैली निकाली गई. इसमें छात्रों के साथ लोबिन हेम्ब्रम भी शामिल हुए. आयुक्त कार्यालय में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया और छात्रों की पिटाई करने वाले 150 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई.
क्या है पूरा मामला
लगातार हो रही बारिश के बीच दुमका में छात्र समन्वय समिति के छात्रों का गुस्सा सड़कों पर देखने को मिला. पाकुड़ जिले में आदिवासी छात्रों की पिटाई के विरोध में सैकड़ों छात्रों ने सरकार के खिलाफ जन आक्रोश रैली निकाली. इसमें छात्रों के साथ लोबिन हेम्ब्रम भी शामिल हुए. दुमका के संथाल परगना कॉलेज से शुरू होकर यह रैली शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से होते हुए आयुक्त कार्यालय पहुंची. यहां उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा.
छात्रों ने मांग की कि पाकुड़ जिले में आदिवासी छात्रों के साथ मारपीट कर उन्हें गंभीर रूप से घायल करने के दोषी करीब 150 लोगों के खिलाफ एसटी-एससी अत्याचार अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए. उन्होंने यह भी मांग की कि संथाल परगना क्षेत्र में रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें नजरबंद करने की व्यवस्था की जाए. उन्होंने यह भी मांग की कि दूसरे राज्यों के लोग जो दान पत्र के माध्यम से जमीन खरीद कर संथाल परगना में रह रहे हैं, उनकी पहचान की जाए तथा झारखंड राज्य की किसी भी योजना का लाभ लेने की उनकी स्वतंत्रता पर रोक लगाई जाए. साथ ही इस क्षेत्र में आदिवासियों की घटती जनसंख्या को रोकने के लिए संथाल क्षेत्र से बाहर के मूल निवासी लोगों को अलग कर जनगणना कराई जाए.
क्या कहते हैं लोबिन हेम्ब्रम
इस अवसर पर झामुमो विधायक रहे लोबिन हेम्ब्रम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज छात्र सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. पाकुड़ में जिस तरह से छात्रों के साथ मारपीट की गई, उसके खिलाफ यह रैली है. दोषी लोगों पर कार्रवाई हो, प्राथमिकी दर्ज हो. सरकार को यह पता लगाना चाहिए कि बांग्लादेशी लोग किस तरह से घुसपैठ कर रहे हैं, क्योंकि वे आदिवासियों की जमीन हड़प रहे हैं. वहीं छात्र नेताओं ने कहा कि हमें अपने हक के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है.
यह भी पढ़ें: