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छात्र मौत मामला : मांगों को लेकर बनी सहमति, छात्रों ने धरना खत्म किया - RU Protest - RU PROTEST

Student Death in RU, छात्र की मौत के बाद मांगों को लेकर कुलपति आवास के बाहर धरना दे रहे छात्रों का धरना समाप्त हो गया है. विधायक गोपाल शर्मा के समझाइश के बाद मांगों पर सहमति बनी.

Student Death in RU
छात्रों का धरना जारी (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 28, 2024, 6:44 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र के स्विमिंग पूल में डूब कर हुई मौत के मामले में न्याय की मांग करते हुए धरना दे रहे छात्रों से विधायक गोपाल शर्मा समझाइश करने पहुंचे. छात्रों की मांग पर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा, बीमा राशि और मृतक विकास यादव की छोटी बहन को निशुल्क शिक्षा देने की मांग पर सहमति बनी. जिसके बाद छात्रों ने अपना धरना खत्म किया. वहीं, एसएमएस अस्पताल में मृतक विकास यादव का पोस्टमार्टम भी किया गया, जिसकी रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन ने पुलिस प्रशासन को सौंप दी है.

बता दें कि राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति के आवास के बाहर गुरुवार रात जो सैकड़ों छात्र जुटे, वो शुक्रवार को भी पूरे दिन डटे रहे. अपने साथ विकास यादव को न्याय दिलाने की मांग को लेकर छात्र संगठनों ने मृतक के परिजनों के साथ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता भी मौजूद रहा, जो छात्रों से समझाइश भी करता रहा. छात्र प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि एक तरफ छात्रों से फॉर्म भरते समय स्विमिंग पूल एरिया में उनकी सिक्योरिटी के मद्देनजर फीस ली जाती है.

वहीं, दूसरी तरफ मौके पर जहां चार लाइफगार्ड और दो कोच होने चाहिए. उनकी बजाए दो लाइफगार्ड और एक कोच ही मिलता है, वो व्यस्त रहते हैं. उन्होंने पूरे प्रकरण में विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस गैर जिम्मेदाराना हरकत पर कुलपति और कोच से इस्तीफा मांगा.

पढे़ं : राजस्थान विश्वविद्यालय के स्विमिंग पूल में डूबने से छात्र की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप... सैकड़ों छात्रों ने किया प्रदर्शन - Student dies due to drowning

वहीं, घटना के दौरान मृतक विकास यादव के साथ मौजूद रहे अविनाश चौधरी ने बताया कि अंबेडकर हॉस्टल से शाम के समय वो साथ ही स्विमिंग पूल गए थे. वहां वो खुद तो साढ़े 5 फीट पर तैराकी कर रहे थे और विकास लर्नर था, इसलिए साढ़े 4 फीट पर तैराकी करना सीख रहा था. ये पूरा इंसिडेंट 10 मिनट के अंदर हुआ. उन्होंने बताया कि एक तैराक 10 मिनट में 25-25 मीटर के चार राउंड कर पाता है. वो तीन राउंड कंप्लीट कर चौथा राउंड कर रहे थे और जब खुद को रिलैक्स करने के लिए शरीर को पूल से बाहर निकाला. उस वक्त उनके दोस्त विकास यादव को कुछ छात्र सीपीआर दे रहे थे और उन छात्रों ने ही विकास को पूल से बाहर निकाला था.

उसके बाद कोच की गाड़ी से ही विकास को एसएमएस अस्पताल ले जाया गया था. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किए जा रहे दावे को मनगढ़ंत बताते हुए कहा कि वो खुद 2 साल से विकास के साथ हैं. उसके ना तो कोई सांस की प्रॉब्लम थी और ना ही कोई मिर्गी के दौरे पड़ते थे. विकास की एथलीट बॉडी थी.

वहीं, विकास के परिजन रोहिताश यादव ने बताया कि विकास के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है. उसके पिता बेरोजगार हैं. दो छोटी बहनें हैं. विकास शुरू से ही एक होनहार छात्र था. उसी से ही पूरे परिवार की उम्मीद बंधी हुई थी, इसलिए उन्होंने मांग उठाई कि उनके बच्चे को न्याय मिले और परिवार में उस पर आश्रित बहनों के लिए कोई ऐसी मदद हो कि उन पर आर्थिक भार ना आए. उनके परिवार में से किसी एक को सरकारी नौकरी दी जाए.

हालांकि, खबर लिखे जाने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ. वहीं, छात्रों से समझा इसके लिए जब भुकाल पति आवाज से बाहर आई तो छात्रों ने गो बैक के नारे लगाए, इस पर वह लौट गई. हालांकि, उन्होंने फोन पर बताया कि फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे पता चल सके कि आखिर विकास की मौत की वजह क्या थी.

छात्र संगठनों ने ये रखी मांग :

  1. छात्र के परिजनों को एक करोड रुपए का आर्थिक मुआवजा दिया जाए.
  2. कुलपति और स्विमिंग कोच जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दें.
  3. आश्रितों में से किसी एक को सरकारी नौकरी दी जाए.
  4. विकास की दोनों छोटी बहनों की शिक्षा का खर्च विश्वविद्यालय प्रशासन उठाए.
  5. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में निष्पक्षता हो.
  6. विश्वविद्यालय में 24 घंटे एंबुलेंस और परिसर में ए ग्रेड चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र के स्विमिंग पूल में डूब कर हुई मौत के मामले में न्याय की मांग करते हुए धरना दे रहे छात्रों से विधायक गोपाल शर्मा समझाइश करने पहुंचे. छात्रों की मांग पर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा, बीमा राशि और मृतक विकास यादव की छोटी बहन को निशुल्क शिक्षा देने की मांग पर सहमति बनी. जिसके बाद छात्रों ने अपना धरना खत्म किया. वहीं, एसएमएस अस्पताल में मृतक विकास यादव का पोस्टमार्टम भी किया गया, जिसकी रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन ने पुलिस प्रशासन को सौंप दी है.

बता दें कि राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति के आवास के बाहर गुरुवार रात जो सैकड़ों छात्र जुटे, वो शुक्रवार को भी पूरे दिन डटे रहे. अपने साथ विकास यादव को न्याय दिलाने की मांग को लेकर छात्र संगठनों ने मृतक के परिजनों के साथ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता भी मौजूद रहा, जो छात्रों से समझाइश भी करता रहा. छात्र प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि एक तरफ छात्रों से फॉर्म भरते समय स्विमिंग पूल एरिया में उनकी सिक्योरिटी के मद्देनजर फीस ली जाती है.

वहीं, दूसरी तरफ मौके पर जहां चार लाइफगार्ड और दो कोच होने चाहिए. उनकी बजाए दो लाइफगार्ड और एक कोच ही मिलता है, वो व्यस्त रहते हैं. उन्होंने पूरे प्रकरण में विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस गैर जिम्मेदाराना हरकत पर कुलपति और कोच से इस्तीफा मांगा.

पढे़ं : राजस्थान विश्वविद्यालय के स्विमिंग पूल में डूबने से छात्र की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप... सैकड़ों छात्रों ने किया प्रदर्शन - Student dies due to drowning

वहीं, घटना के दौरान मृतक विकास यादव के साथ मौजूद रहे अविनाश चौधरी ने बताया कि अंबेडकर हॉस्टल से शाम के समय वो साथ ही स्विमिंग पूल गए थे. वहां वो खुद तो साढ़े 5 फीट पर तैराकी कर रहे थे और विकास लर्नर था, इसलिए साढ़े 4 फीट पर तैराकी करना सीख रहा था. ये पूरा इंसिडेंट 10 मिनट के अंदर हुआ. उन्होंने बताया कि एक तैराक 10 मिनट में 25-25 मीटर के चार राउंड कर पाता है. वो तीन राउंड कंप्लीट कर चौथा राउंड कर रहे थे और जब खुद को रिलैक्स करने के लिए शरीर को पूल से बाहर निकाला. उस वक्त उनके दोस्त विकास यादव को कुछ छात्र सीपीआर दे रहे थे और उन छात्रों ने ही विकास को पूल से बाहर निकाला था.

उसके बाद कोच की गाड़ी से ही विकास को एसएमएस अस्पताल ले जाया गया था. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किए जा रहे दावे को मनगढ़ंत बताते हुए कहा कि वो खुद 2 साल से विकास के साथ हैं. उसके ना तो कोई सांस की प्रॉब्लम थी और ना ही कोई मिर्गी के दौरे पड़ते थे. विकास की एथलीट बॉडी थी.

वहीं, विकास के परिजन रोहिताश यादव ने बताया कि विकास के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है. उसके पिता बेरोजगार हैं. दो छोटी बहनें हैं. विकास शुरू से ही एक होनहार छात्र था. उसी से ही पूरे परिवार की उम्मीद बंधी हुई थी, इसलिए उन्होंने मांग उठाई कि उनके बच्चे को न्याय मिले और परिवार में उस पर आश्रित बहनों के लिए कोई ऐसी मदद हो कि उन पर आर्थिक भार ना आए. उनके परिवार में से किसी एक को सरकारी नौकरी दी जाए.

हालांकि, खबर लिखे जाने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ. वहीं, छात्रों से समझा इसके लिए जब भुकाल पति आवाज से बाहर आई तो छात्रों ने गो बैक के नारे लगाए, इस पर वह लौट गई. हालांकि, उन्होंने फोन पर बताया कि फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे पता चल सके कि आखिर विकास की मौत की वजह क्या थी.

छात्र संगठनों ने ये रखी मांग :

  1. छात्र के परिजनों को एक करोड रुपए का आर्थिक मुआवजा दिया जाए.
  2. कुलपति और स्विमिंग कोच जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दें.
  3. आश्रितों में से किसी एक को सरकारी नौकरी दी जाए.
  4. विकास की दोनों छोटी बहनों की शिक्षा का खर्च विश्वविद्यालय प्रशासन उठाए.
  5. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में निष्पक्षता हो.
  6. विश्वविद्यालय में 24 घंटे एंबुलेंस और परिसर में ए ग्रेड चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
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