हिसार: हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. इसको लेकर कृषि विभाग की टीम सक्रिय हो गई है. इसकी रिपोर्ट फील्ड से जुटाई जा रही है. बता दें कि फसलों के अव प्रबंधन की जिम्मेदारी सीधे तौर से प्रदूषण विभाग बोर्ड के कृषि अधिकारियों की होगी. पराली जलाने के लिए जितने किसान जिम्मेदार होंगे, उतने ही अधिकारी भी होंगे. इसको लेकर अधिकारियों में खलबली मची है. अधिकारी गांव-गांव में जाकर फीडबैक जुटा रहे हैं.
दरअसल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अतिरिक्त निदेशक अंकुर तिवारी हिसार पहुंचे, जहां उन्होंने कृषि अधिकारियों के साथ फीड बैक लिया. इस दौरान उन्होंने हांसी, नारनौद माढा और सिसाय गाव का दौरा किया और पराली प्रबंधन के लिए किसानों के लिए आदेश भी जारी किए. हरियाणा में अब तक पराली जलाने के 378 मामले सामने आ चुके हैं. हिसार में भी पांच केस पराली जलाने के सामने आए हैं.
अब तक 378 मामले सामने आए : सेटेलाइट और सरकारी आकंड़ों के अनुसार अब तक राज्य में पराली जलाने के केस 378 मामले दर्ज किए गए हैं. प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. पराली जलाने से रोकने के लिए तैनात अधिकारी और जिला स्तरीय टीम कमेटियां नाकाम साबित हो रही है. एक दिन में 98 मामले भी देखे गए हैं. वहीं, पजाब में पराली जलाने के 710 मामले सामने आ चुके हैं. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 57 और करनाल में 47 मामले संज्ञान में आए हैं.
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अधिकारियों ने जायजा लिया : हिसार के कृषि उपनिदेशक राजबीर सिंह ने कहा कि अभी हिसार में स्थिति ठीक है. कुछ दूसरों जिलों में पराली जलाने के केस अधिक सामने आए हैं. प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी हिसार आए थे, उन्होंने कई स्थानों पर खेतों में जायजा लिया है. उन्होंने कहा कि उनके विभाग की टीम निगरानी कर रही है. इस बीच बता दें कि अब तक की रिपोर्ट के अनुसार कैथल जिले में सर्वाधिक केस सामने आए हैं, कुरुक्षेत्र भी उससे ज्यादा दूर नहीं है.
हरियाणा के इन जिलों में इतने पराली के केस :-
जिला | यमुनानगर | सोनीपत | सिरसा | रोहतक | पंचकुला | पलवल | करनाल | कुरुक्षेत्र | कैथल |
केस | 18 | 28 | 7 | 14 | 5 | 19 | 47 | 57 | 58 |
जिला | जींद | हिसार | फतेहाबाद | अंबाला |
केस | 34 | 8 | 17 | 38 |