भरतपुर : डीग जिले के कामां क्षेत्र के ग्राम सहेरा के रहने वाले चेतन शर्मा का अंडर-19 भारतीय टीम में चयन होने पर हर तरफ खुशी का माहौल है, लेकिन हकीकत में चेतन शर्मा ने यह मुकाम कड़े संघर्ष से हासिल किया है. चेतन शर्मा के पास किराए के मकान में रहने के लिए भी पैसे नहीं थे. ऐसे में वो अपने दोस्त के साथ एक मंदिर में किसी तरह से रात गुजरते और अगली सुबह ग्राउंड में पहुंचकर प्रैक्टिस करते थे. चेतन के परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं है. वहीं, पिता वृंदावन के एक मंदिर में पूजा पाठ करते हैं.
पिता दुष्यंत शर्मा ने बताया कि चेतन शर्मा जब छोटे थे तो गांव में ही क्रिकेट खेला करते थे. धीरे-धीरे क्रिकेट में रुचि बढ़ने लगी तो आगे क्रिकेट खेलने की इच्छा जताई. इसके लिए चेतन शर्मा भरतपुर में जिला क्रिकेट संघ में परीक्षा देने पहुंचे. जिला क्रिकेट संघ के सचिव शत्रुघ्न तिवारी ने चेतन शर्मा का खेल देखा और उसके हुनर को पहचाना.
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पिता ने बताया कि घर की स्थिति इतनी सही नहीं थी कि रोजाना कामां से भरतपुर और भरतपुर से कामां अभ्यास करने आ जा सके. ऐसे में चेतन कामां में किसी परिचित के साथ भरतपुर में आता था. जब कोई नहीं मिलता तो जेब खर्च के पैसे से भी आता-जाता था. भरतपुर में अभ्यास के दौरान ज्यादा दिन रहने के लिए चेतन भरतपुर में एक मित्र के मंदिर ठहरता और सुबह ग्राउंड में अभ्यास करने जाता था. साथ ही मंदिर में थोडी सेवा भी करता था.
पिता ने बताया कि हमारे पास चेतन को क्रिकेट प्रैक्टिस कराने के लिए पैसे नहीं थे. ऐसे में सचिव शत्रुघ्न तिवारी ने ही अपने स्तर पर कोचिंग दी. साथ दिल्ली और जयपुर में आगे का प्रशिक्षण दिलाया. पिता दुष्यंत ने बताया कि बेटा चेतन शर्मा की इस उपलब्धि की बहुत खुशी है.हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारा बच्चा यहां तक खेल पाएगा. पिता ने बताया कि वो खुद उत्तर प्रदेश के वृंदावन के एक मंदिर में पूजा पाठ करते हैं, जिससे ही घर का गुजर बसर होता है. चेतन का बड़ा भाई दान बिहारी शर्मा (20) है जो कि पढ़ाई कर रहा है. चेतन स्वयं 12 वी की पढ़ाई कर रहा है. माता प्रिया देवी गृहणी है.