कोटा. मुख्य सचिव सुधांश पंत ने प्रदेश के सरकारी कार्मिकों की लेटलतीफी को दुरुस्त करने के लिए खुद निरीक्षण करना शुरू किया है. इसी क्रम में कोटा जिला कलेक्टर के निर्देश पर बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण किया, इस 84 कार्यालयों में किए गए निरीक्षण में 504 कर्मचारी गैर हाजिर मिले. ये सभी समय से ऑफिस नहीं पहुंचे थे या नदारद थे. जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि 14 अधिकारियों को 84 ऑफिस के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई थी.
बंद मिले कार्यालय : इन अधिकारियों ने अलग-अलग कार्यालयों में सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक निरीक्षण किया, जिसमें 122 उपस्थिति रजिस्टर उन्होंने जब्त किए हैं. इनमें अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम के आगे क्रॉस अंकित किया गया. उपस्थिति रजिस्टर को अतिरिक्त कलेक्टर कार्यालय में ले जाकर जमा कराया, जिसमें अनुपस्थित मिले अधिकारियों की संख्या 105 और कर्मचारियों की संख्या 399 थी. कलेक्टर डॉक्टर गोस्वामी के अनुसार पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी और जेवीवीएनएल के कैथून के कार्यालयों में सुबह 9:40 बजे के बाद तक भी ऑफिस नहीं खुला, वहां ताले लटके मिले.
गैर हाजिर कर्मचारियों को नोटिस जारी : अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक (समसा) कोटा, देवस्थान विभाग व जेवीवीएनएल मंडाना के कार्यालयों में सभी कर्मचारी और अधिकारी गैर हाजिर पाए गए. जिला परिषद कोटा में वाटर शेड का रजिस्टर उपलब्ध नहीं हुआ. मुख्य आयोजना अधिकारी के सांख्यिकी प्रकोष्ठ में सभी चार कर्मचारी अनुपस्थित मिले. शिक्षा, चिकित्सा, जिला परिषद, नगर निगम, नगर विकास न्यास, पंचायत समिति लाडपुरा, सार्वजनिक निर्माण विभाग, बाल विकास परियोजना अधिकारी आदि कार्यालयों में अधिक संख्या में अधिकारी, कर्मचारी अनुपस्थित मिले. अनुपस्थित मिले अधिकारी और कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए हैं.