सोलन: हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही प्राकृतिक आपदा की झलक भी देखने को मिल रही है. बरसात की पहली बारिश में ही पहाड़ों से मलबा सड़कों पर आने लगा है. सोलन जिले में भी बारिश ने जहां लोगों को चिलचिलाती गर्मी से राहत दिलाई है. वहीं, मानसून की पहली बारिश ही सोलन के लिए मुसीबत बन कर भी आई है.
चंडीगढ़-शिमला एनएच पर गिरे पत्थर
शुक्रवार को सोलन में बारिश के बाद चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर पहाड़ी से पत्थर दरक कर सड़क पर गिरे. जिसके चलते एनएच पर गाड़ियों का जाम लग गया. हालांकि एहतियातन तौर पर फोरलेन कंपनी ने पहाड़ी वाली साइड को बंद कर दिया और ट्रैफिक को वन लेन कर दिया, लेकिन कई और जगहों पर भी सड़कों पर पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिरने के मामले सामने आए हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ने वाहन चालकों से अपील की है वो गाड़ी सावधानी पूर्वक चलाएं.
पिछले साल भी एनएच पर बरपा था बरसात का कहन
बता दें कि पिछले साल हुई भारी बरसात में दतियार के पास सड़क का एक हिस्सा बह जाने से ट्रैफिक एक तरफ से ही चलाया जा रहा है. जबकि चक्की मोड के पास सड़क को ठीक करके चौड़ा कर दिया गया है. हालांकि गाड़ियां की संख्या ज्यादा होने पर दोनों ही जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है. एनएचएआई द्वारा चक्की मोड के पास सड़क को चौड़ा कर किनारे पर डंगा लगाया गया है, लेकिन उसके ऊपर कच्चा पहाड़ होने के चलते बारिश में अक्सर मलबा और पत्थर सड़क पर आ गिरते हैं. शुक्रवार को भी एनएच पर इन दोनों जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति देखी गई, जिसे अब बहाल कर दिया गया है.
मानसून की एंट्री के साथ मुसीबत
गौरतलब है कि 27 जून से प्रदेश में मानसून की एंट्री हुई है. प्रदेश में अभी पहली बारिश ही पड़ी थी कि पहाड़ों से मलबा और पत्थर गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. जिसने पिछली बरसात की यादों को ताजा कर दिया और लोगों में दहशत का माहौल बन गया. आज भी सोलन जिले में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में प्रशासन ने लोगों से सावधानी पूर्वक एनएच पर सफर करने की अपील की है.