रांचीः झारखंड के कुछ जिलों में नक्सली और उग्रवादियों के साथ साथ कुछ आपराधिक तत्वों ने गोलीबारी आगजनी कर दहशत फैला रखा है. लातेहार, खूंटी और हजारीबाग जैसे जिले बेहद संवेदनशील हो गए हैं. यहां आए दिन यहां वाहनों को आग लगाया जा रहा है.
ऐसे मामलों को लेकर अब पुलिस मुख्यालय बेहद सख्त हो गया. झारखंड के डीजीपी ने आगजनी के सभी मामलों की डिटेल रिपोर्ट के साथ-साथ 7 दिनों के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट भी मांगी है. इसके साथ ही कार्रवाई की भी तैयारी है.
कड़े निर्देश जारी
झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि हाल के दिनों में हजारीबाग, खूंटी, चतरा, रांची और लातेहार में नक्सली उग्रवादी स्प्लिंटर ग्रुप और अपराधी गुटों के द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं. जिन स्थानों पर आगजनी और फायरिंग की वारदातें हुई है अधिकतर मामलों में स्थानीय थाना को सूचना दी जाती है.
पूर्व में यह निर्देश दिया गया था कि ऐसे सभी मामलों में एफआईआर दर्ज करते हुए सभी आवश्यक कार्रवाई की जाए. ऐसे सभी मामलों में थाना प्रभारी को बेहद सचेत रहने की जरूरत है. प्रभावित जिलों के एसपी को खुद से पूरे मामले की मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया गया है.
लापरवाह थाना प्रभारियों पर मुख्यालय लेगा एक्शन
आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि आपराधिक गुटों द्वारा आगजनी और फायरिंग के मामलों में अगर सही समय पर एक्शन नहीं लिया गया. साथ ही ऐसे मामलों में अगर संबंधित थाना प्रभारियों की भूमिका लापरवाही भरी रही तो उनके ऊपर सीधे पुलिस मुख्यालय से कार्रवाई की जाएगी.
अभियान चलाएं, कसें नकेल
आईजी अभियान ने बताया कि जिन जिलों में उग्रवादियों, नक्सलियों और अपराधी गुटों के द्वारा वारदातों को अंजाम दिया गया है. वहां उनके खिलाफ मजबूत पुलिसिया कार्रवाई के निर्देश सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को दिया गया है.
थाना प्रभारी ही करेंगे मामले की जांच
आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि डीजीपी झारखंड ने कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि जिन थाना क्षेत्रों में आगजनी से लेकर फायरिंग की घटनाएं हुई हैं उस मामले की जांच थाना का कोई भी कनीय अफसर नहीं करेगा. इस मामले में डीजीपी का स्पष्ट निर्देश है कि मामले की जांच सिर्फ और सिर्फ थाना प्रभारी ही करेंगे. केस का आईओ खुद थाना प्रभारी ही रहेंगे.
लातेहार, खूंटी, हजारीबाग और चतरा में वारदात
राजधानी रांची के ग्रामीण इलाके खूंटी, चतरा और लातेहार और हजारीबाग जैसे जिलों में उग्रवादी संगठन टीपीसी, पीएलएफआई, जेजेएमपी के साथ साथ कुछ आपराधिक गुट दहशत फैलाने में लगे हुए हैं. नक्सलियों के खात्मे में लगी झारखंड पुलिस के लिए स्प्लिंटर ग्रुप परेशानी का सबक बने हुए हैं. स्प्लिंटर ग्रुप न सिर्फ बल्कि अमन साव,अमन श्रीवास्तव और सुजीत श्रीवास्तव गिरोह भी उग्रवादियों के तर्ज पर फायरिंग और आगजनी कर रहे हैं.
25 नवंबर को तो पीएलएफआई के हथियार बंद दस्ते ने चाईबासा के गुदड़ी में बालू तस्करी को लेकर दो युवकों की हत्या कर दी थी. वहीं 26 नवंबर और 3 दिसंबर को पीएलएफआई के द्वारा खूंटी में कई वाहनों में आगजनी की गई.
लातेहार में ज्यादा दहशत
सबसे ज्यादा दहशत झारखंड के लातेहार जिला में कायम किया जा रहा है. यहां एक महीने के भीतर आगजनी और गोलाबारी की 10 वारदातें सामने आ चुकी हैं. लातेहार में 20 नवंबर को जेजेएमपी के उग्रवादियों ने चार हाइवा वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. 24 नवंबर को अमन साव के गुर्गों के द्वारा एके 47 से एक कोयला ट्रक पर फायरिंग की गई. 15 नवंबर को लातेहार के चंदवा में पेट्रोल पंप पर फायरिंग की गयी.
वहीं नवंबर महीने में ही लातेहार के बालूमाथ स्थित कोयला साइडिंग पर भी फायरिंग की गई. इस मामले की जांच में यह बात सामने आई है कि फायरिंग और आगजनी करने वाले उग्रवादी संगठनों के स्प्लिंटर ग्रुप हैं जो सिर्फ और सिर्फ पैसे वसूलने के लिए घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.
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