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साइबर अपराध रोकने के लिए पुलिस तैयार करेगी 'साइबर सिटीजन', डिजिटल लाइजनिंग ग्रुप बनाकर पॉजिटिव ट्रेंड चलाने का भी सुझाव - Police Officers Conference - POLICE OFFICERS CONFERENCE

'पुलिसिंग विद एक्सीलेंस-द वे फॉरवर्ड‘ की थीम पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में दो दिवसीय ‘स्टेट लेवल पुलिस ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस‘ का शुक्रवार को समापन हुआ.

POLICE OFFICERS CONFERENCE
जयपुर में पुलिस ऑफिसर्स कॉफ्रेंस (Etv Bharat JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 30, 2024, 8:39 PM IST

जयपुर. ‘पुलिसिंग विद एक्सीलेंस-द वे फॉरवर्ड‘ की थीम पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में दो दिवसीय ‘स्टेट लेवल पुलिस ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस‘ का शुक्रवार शाम को समापन हुआ. इससे पहले दिनभर चले तकनीकी सत्रों में पुलिस अधिकारियों व विषय विशेषज्ञों के प्रेजेंटेशंस, ग्रुप डिस्कसंस, खुली चर्चाओं और क्वेश्चन-आंसर सेशंस में चिंतन-मनन के निष्कर्षों के आधार पर प्रदेश में और बेहतर पुलिसिंग का रोडमैप तैयार किया गया.

ऑर्गेनाइजेशन कमेटी की चेयरपर्सन और एडीजी (ट्रेनिंग) मालिनी अग्रवाल ने बताया कि कांफ्रेंस के अंतिम दिन साइबर सिक्योरिटी, डार्क वेब, साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन और क्रिप्टो करेंसी के विषयों पर एडीजी (टी एंड टी) बिपिन कुमार पांडे के नेतृत्व में आईजी साइबर क्राइम शरत कविराज के साथ पुलिस ऑफिसर्स ने ग्रुप प्रजेंटेशन दिया.

उन्होंने बताया कि इस सत्र की अध्यक्षता डीजी (एसीबी) डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने की. इसमें यह बात प्रमुख रूप से उभरकर आई कि आने वाले समय में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश में डिजिटल लिटरेसी और अवेयरनेस के लिए कैंपेन चलाते हुए नागरिकों को ‘डिजिटल सिटीजन‘ के तौर पर सक्षम बनाने की जरूरत है. इसके लिए सभी स्तरों पर साझा प्रयास किए जाएं. सेशन में सोशल मीडिया पर पुलिस के स्तर से ‘डिजिटल लाइजनिंग ग्रुप‘ बनाकर लोगों में विश्वास और जागरूकता के लिए ‘पॉजिटिव ट्रेंड्स‘ चलाने के बारे में भी सुझाव दिया गया.

इसे भी पढ़ें : पुलिस ऑफिसर्स कांफ्रेंस: विशेषज्ञ बोले-आने वाले समय में कोई भी क्षेत्र AI से अछूता नहीं होगा - Police Officers Conference

इस सत्र के गेस्ट स्पीकर आईपीएस अधिकारी राजेश कुमार और आईपीएस व एसवीपीएनपीए के डिप्टी डायरेक्टर भूषण बोरास थे. उन्होंने साइबर सिक्योरिटी, डाटा वेब, साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन विद स्पेशल रेफरेंस टू साइबर स्लेवरी, क्रिप्टो करेंसी, ब्लॉक चैन और बिटकॉइन जैसे विषयों पर ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण दिए. इसमें क्रिप्टो करेंसी से जुड़े फ्रॉड के मामलों की तहकीकात से लेकर पंचनामा तैयार करने में ध्यान रखने योग्य बिन्दुओं को रेखांकित किया गया. साथ ही इस सत्र में भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश के निर्देशन में साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन एंटी वायरस‘ के बारे में विशेष प्रस्तुतीकरण दिया गया.

डीजीपी ने बढ़ाया पुलिस टीम का मनोबल : कांन्फ्रेंस के दूसरे दिन आयोजित तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता करते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू ने कहा कि कॉन्फ्रेंस के सेशंस में गहन मंथन से कई महत्वपूर्ण सुझाव निकलकर सामने आए हैं. पुलिस मुख्यालय के स्तर से इन सुझावों और अनुशंसाओं को समाहित करते हुए एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. इसे आने वाले दिनों में अंतिम रूप देकर उच्च स्तर पर भेजा जाएगा. उन्होंने तकनीकी सत्रों के दौरान प्रदेश में अपराध नियंत्रण और जनसुरक्षा के लिए प्रदेश की पुलिस टीम की सक्सेस स्टोरीज और केस स्टडीज की सराहना करते हुए पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि अपराध की रोकथाम के लिए अपराधियों और उनके फॉलोअर्स को तलाशने, संदिग्धों की पहचान और अन्य लिंकेजेज की पड़ताल जैसी कार्रवाइयों को लगातार जारी रखा जाए.

एजीटीएफ ने कसी संगठित अपराधों पर नकेल : ‘इमर्जिंग ट्रेंड्स ऑफ क्राइम इन राजस्थानः इवॉल्विंग ए यूनिफाइड स्ट्रेटेजी टू कॉम्बेट इंटर एंड इंट्रा स्टेट गैंग्स‘ पर एडीजी क्राइम दिनेश एमएन की अगुआई में आईजी क्राइम ब्रांच प्रफुल्ल कुमार और पुलिस ऑफिसर्स की टीम ने प्रेजेंटेशन दिया. इसमें प्रदेश में संगठित अपराधों की पृष्ठभूमि, मौजूदा परिदृश्य और उस पर नियंत्रण के लिए गत महीनों में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. बताया गया कि राजस्थान पुलिस की गैंगस्टर्स और उनसे जुड़े लोगों पर सतत कार्रवाइयों और सक्रिय प्रयासों से प्रदेश में गैंगवार और संगठित अपराध के प्रकरणों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है. मादक पदार्थों की तस्करी और इनके उपभोग की रोकथाम के लिए संचालित अभियान में भारी मात्रा में अफीम, गांजा और डोडा पोस्त के साथ सिंथेटिक ड्रग्स और मेडिकेटेड ड्रग्स की भी जब्ती की गई है. सत्र के मॉडरेटर एडीजी (आर्म्ड बटालियन) आनंद श्रीवास्तव थे.

इसे भी पढ़ें : पुलिस ऑफिसर्स कांफ्रेंस: सीएम भजनलाल करेंगे शुभारंभ, 'पुलिसिंग विद एक्सीलेंस-द वे फॉरवर्ड' थीम पर होंगे सेशंस - Police Officers Conference

पेपरलीक पर एसआईटी से लौटा युवाओं में विश्वास : डीजीपी यूआर साहू की अध्यक्षता में आयोजित ‘कॉपिंग विद चैलेंजेस ऑफ चीटिंग इन कॉम्पीटीटिव एक्जामिनेशनः नीड फोर मल्टी डाइमेंशनल अप्रोच‘ सेशन में एटीएस और एसओजी के एडीजी वीके सिंह के नेतृत्व में प्रस्तुतीकरण हुआ. इसमें बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से 16 दिसंबर 2023 को गठित एसआईटी की सतत और प्रभावी कार्रवाइयों के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं. एडीजी वीके सिंह ने बताया कि एसआईटी की कार्रवाइयों से मिली सीख को अन्य प्रदेशों के साथ भी साझा किया जा रहा है. प्रदेश में पेपरलीक के मामलों की जानकारी देने के लिए एसओजी की ओर से जो हेल्पलाइन बनाई गई है, उस पर युवा और आमजन खुलकर तथ्यों के साथ में उपयोगी सूचनाएं साझा करते हैं. इनके आधार पर एसआइटी ने कार्रवाइयों को अंजाम दिया है. जिससे लोगों में यह विश्वास कायम हुआ है कि उनको सुना और समझा जा रहा है और उनकी सूचना पर एसओजी प्रभावी एक्शन ले रही है. इस सत्र के मॉडरेटर एडीजी (कार्मिक) संजीब कुमार नार्जरी थे.

इसे भी पढ़ें : पुलिस ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस जयपुर में 29-30 अगस्त को, सीएम भजनलाल करेंगे उद्घाटन - Policing with Excellence

महिला और बाल अपराध पर भी हुई चर्चा : क्राइम अगेंस्ट वीमन, चिल्ड्रन एंड अदर वीकर सेक्शन पर सेशन का आयोजन डीजी (साइबर अपराध और एससीआरबी) हेमंत प्रियदर्शी की अध्यक्षता में हुआ. इसमें प्रजेंटेशन एडीजी (सिविल राइट्स) भूपेंद्र साहू के साथ बीकानेर रेंज के आईजी ओमप्रकाश और बीकानेर एसपी तेजस्वनी गौतम की टीम ने दिया. सत्र को एडीजी (हाऊसिंग) बिनिता ठाकुर ने मॉडरेट किया. रोड सेफ्टी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट पर आयोजित सेशन का आयोजन डीजीपी यूआर साहू की अध्यक्षता में हुआ. इसमें एडिशनल कमिश्नर (ट्रैफिक) प्रीति चंद्रा और पुलिस अधिकारियों के समूह ने प्रस्तुतीकरण दिया. इस सत्र में गेस्ट स्पीकर इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन के प्रेसीडेंट रोहित बालुजा थे. इस सत्र को ऑर्गेनाइजेशन कमेटी की चेयरपर्सन और एडीजी (ट्रेनिंग) मालिनी अग्रवाल और एडीजी (हाऊसिंग) बिनिता ठाकुर ने पैनेलिस्ट के तौर पर माॅडरेट किया.

इंटरनल सिक्योरिटी पर हुए आखिरी तकनीकी सत्र में आईजी आंतरिक सुरक्षा राजेश मीना, भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश और अतिरिक्त कमिश्नर जयपुर कुंअर राष्ट्रदीप सहित अधिकारियों के दल ने प्रस्तुतीकरण दिया. इस सत्र को डीजी (इंटेलीजेंस) संजय अग्रवाल ने मॉडरेट किया. सेशन में गेस्ट स्पीकर आईबी के जॉइंट डायरेक्टर रमाकांत गुप्ता थे. सभी तकनीकी सत्रों का संचालन डीआईजी (ट्रेनिंग) राहुल कोटोकी ने किया.

जयपुर. ‘पुलिसिंग विद एक्सीलेंस-द वे फॉरवर्ड‘ की थीम पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में दो दिवसीय ‘स्टेट लेवल पुलिस ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस‘ का शुक्रवार शाम को समापन हुआ. इससे पहले दिनभर चले तकनीकी सत्रों में पुलिस अधिकारियों व विषय विशेषज्ञों के प्रेजेंटेशंस, ग्रुप डिस्कसंस, खुली चर्चाओं और क्वेश्चन-आंसर सेशंस में चिंतन-मनन के निष्कर्षों के आधार पर प्रदेश में और बेहतर पुलिसिंग का रोडमैप तैयार किया गया.

ऑर्गेनाइजेशन कमेटी की चेयरपर्सन और एडीजी (ट्रेनिंग) मालिनी अग्रवाल ने बताया कि कांफ्रेंस के अंतिम दिन साइबर सिक्योरिटी, डार्क वेब, साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन और क्रिप्टो करेंसी के विषयों पर एडीजी (टी एंड टी) बिपिन कुमार पांडे के नेतृत्व में आईजी साइबर क्राइम शरत कविराज के साथ पुलिस ऑफिसर्स ने ग्रुप प्रजेंटेशन दिया.

उन्होंने बताया कि इस सत्र की अध्यक्षता डीजी (एसीबी) डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने की. इसमें यह बात प्रमुख रूप से उभरकर आई कि आने वाले समय में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश में डिजिटल लिटरेसी और अवेयरनेस के लिए कैंपेन चलाते हुए नागरिकों को ‘डिजिटल सिटीजन‘ के तौर पर सक्षम बनाने की जरूरत है. इसके लिए सभी स्तरों पर साझा प्रयास किए जाएं. सेशन में सोशल मीडिया पर पुलिस के स्तर से ‘डिजिटल लाइजनिंग ग्रुप‘ बनाकर लोगों में विश्वास और जागरूकता के लिए ‘पॉजिटिव ट्रेंड्स‘ चलाने के बारे में भी सुझाव दिया गया.

इसे भी पढ़ें : पुलिस ऑफिसर्स कांफ्रेंस: विशेषज्ञ बोले-आने वाले समय में कोई भी क्षेत्र AI से अछूता नहीं होगा - Police Officers Conference

इस सत्र के गेस्ट स्पीकर आईपीएस अधिकारी राजेश कुमार और आईपीएस व एसवीपीएनपीए के डिप्टी डायरेक्टर भूषण बोरास थे. उन्होंने साइबर सिक्योरिटी, डाटा वेब, साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन विद स्पेशल रेफरेंस टू साइबर स्लेवरी, क्रिप्टो करेंसी, ब्लॉक चैन और बिटकॉइन जैसे विषयों पर ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण दिए. इसमें क्रिप्टो करेंसी से जुड़े फ्रॉड के मामलों की तहकीकात से लेकर पंचनामा तैयार करने में ध्यान रखने योग्य बिन्दुओं को रेखांकित किया गया. साथ ही इस सत्र में भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश के निर्देशन में साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन एंटी वायरस‘ के बारे में विशेष प्रस्तुतीकरण दिया गया.

डीजीपी ने बढ़ाया पुलिस टीम का मनोबल : कांन्फ्रेंस के दूसरे दिन आयोजित तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता करते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू ने कहा कि कॉन्फ्रेंस के सेशंस में गहन मंथन से कई महत्वपूर्ण सुझाव निकलकर सामने आए हैं. पुलिस मुख्यालय के स्तर से इन सुझावों और अनुशंसाओं को समाहित करते हुए एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. इसे आने वाले दिनों में अंतिम रूप देकर उच्च स्तर पर भेजा जाएगा. उन्होंने तकनीकी सत्रों के दौरान प्रदेश में अपराध नियंत्रण और जनसुरक्षा के लिए प्रदेश की पुलिस टीम की सक्सेस स्टोरीज और केस स्टडीज की सराहना करते हुए पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि अपराध की रोकथाम के लिए अपराधियों और उनके फॉलोअर्स को तलाशने, संदिग्धों की पहचान और अन्य लिंकेजेज की पड़ताल जैसी कार्रवाइयों को लगातार जारी रखा जाए.

एजीटीएफ ने कसी संगठित अपराधों पर नकेल : ‘इमर्जिंग ट्रेंड्स ऑफ क्राइम इन राजस्थानः इवॉल्विंग ए यूनिफाइड स्ट्रेटेजी टू कॉम्बेट इंटर एंड इंट्रा स्टेट गैंग्स‘ पर एडीजी क्राइम दिनेश एमएन की अगुआई में आईजी क्राइम ब्रांच प्रफुल्ल कुमार और पुलिस ऑफिसर्स की टीम ने प्रेजेंटेशन दिया. इसमें प्रदेश में संगठित अपराधों की पृष्ठभूमि, मौजूदा परिदृश्य और उस पर नियंत्रण के लिए गत महीनों में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. बताया गया कि राजस्थान पुलिस की गैंगस्टर्स और उनसे जुड़े लोगों पर सतत कार्रवाइयों और सक्रिय प्रयासों से प्रदेश में गैंगवार और संगठित अपराध के प्रकरणों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है. मादक पदार्थों की तस्करी और इनके उपभोग की रोकथाम के लिए संचालित अभियान में भारी मात्रा में अफीम, गांजा और डोडा पोस्त के साथ सिंथेटिक ड्रग्स और मेडिकेटेड ड्रग्स की भी जब्ती की गई है. सत्र के मॉडरेटर एडीजी (आर्म्ड बटालियन) आनंद श्रीवास्तव थे.

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पेपरलीक पर एसआईटी से लौटा युवाओं में विश्वास : डीजीपी यूआर साहू की अध्यक्षता में आयोजित ‘कॉपिंग विद चैलेंजेस ऑफ चीटिंग इन कॉम्पीटीटिव एक्जामिनेशनः नीड फोर मल्टी डाइमेंशनल अप्रोच‘ सेशन में एटीएस और एसओजी के एडीजी वीके सिंह के नेतृत्व में प्रस्तुतीकरण हुआ. इसमें बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से 16 दिसंबर 2023 को गठित एसआईटी की सतत और प्रभावी कार्रवाइयों के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं. एडीजी वीके सिंह ने बताया कि एसआईटी की कार्रवाइयों से मिली सीख को अन्य प्रदेशों के साथ भी साझा किया जा रहा है. प्रदेश में पेपरलीक के मामलों की जानकारी देने के लिए एसओजी की ओर से जो हेल्पलाइन बनाई गई है, उस पर युवा और आमजन खुलकर तथ्यों के साथ में उपयोगी सूचनाएं साझा करते हैं. इनके आधार पर एसआइटी ने कार्रवाइयों को अंजाम दिया है. जिससे लोगों में यह विश्वास कायम हुआ है कि उनको सुना और समझा जा रहा है और उनकी सूचना पर एसओजी प्रभावी एक्शन ले रही है. इस सत्र के मॉडरेटर एडीजी (कार्मिक) संजीब कुमार नार्जरी थे.

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महिला और बाल अपराध पर भी हुई चर्चा : क्राइम अगेंस्ट वीमन, चिल्ड्रन एंड अदर वीकर सेक्शन पर सेशन का आयोजन डीजी (साइबर अपराध और एससीआरबी) हेमंत प्रियदर्शी की अध्यक्षता में हुआ. इसमें प्रजेंटेशन एडीजी (सिविल राइट्स) भूपेंद्र साहू के साथ बीकानेर रेंज के आईजी ओमप्रकाश और बीकानेर एसपी तेजस्वनी गौतम की टीम ने दिया. सत्र को एडीजी (हाऊसिंग) बिनिता ठाकुर ने मॉडरेट किया. रोड सेफ्टी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट पर आयोजित सेशन का आयोजन डीजीपी यूआर साहू की अध्यक्षता में हुआ. इसमें एडिशनल कमिश्नर (ट्रैफिक) प्रीति चंद्रा और पुलिस अधिकारियों के समूह ने प्रस्तुतीकरण दिया. इस सत्र में गेस्ट स्पीकर इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन के प्रेसीडेंट रोहित बालुजा थे. इस सत्र को ऑर्गेनाइजेशन कमेटी की चेयरपर्सन और एडीजी (ट्रेनिंग) मालिनी अग्रवाल और एडीजी (हाऊसिंग) बिनिता ठाकुर ने पैनेलिस्ट के तौर पर माॅडरेट किया.

इंटरनल सिक्योरिटी पर हुए आखिरी तकनीकी सत्र में आईजी आंतरिक सुरक्षा राजेश मीना, भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश और अतिरिक्त कमिश्नर जयपुर कुंअर राष्ट्रदीप सहित अधिकारियों के दल ने प्रस्तुतीकरण दिया. इस सत्र को डीजी (इंटेलीजेंस) संजय अग्रवाल ने मॉडरेट किया. सेशन में गेस्ट स्पीकर आईबी के जॉइंट डायरेक्टर रमाकांत गुप्ता थे. सभी तकनीकी सत्रों का संचालन डीआईजी (ट्रेनिंग) राहुल कोटोकी ने किया.

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