बोकारोः अगर किसी कंपनी द्वारा 75 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को नहीं दिया जाता हो, तो उन पर जुर्माना लगाते हुए आयोग को प्रतिवेदन समर्पित करें. ये बातें योगेंद्र प्रसाद महतो ने समीक्षा बैठक में कहीं. बता दें कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की टीम जिला के दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को बोकारो परिसदन सभागार में पदाधिकारियों के साथ बैठक की.
झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद महतो ने बोकारो जिला नियोजन पदाधिकारी मनोज मंजित से जिले में संचालित पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीएसयू) और निजी कंपनियों की जानकारी ली. इसके साथ उन कंपनियों के द्वारा झारखंड राज्य के क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवार के लिए नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 के तहत की गई कार्रवाई के संबंध में पूछा.
जिला नियोजन पदाधिकारी ने आयोग को बताया कि जिला में लगभग 777 कंपनियों ने पोर्टल पर 34,000 कर्मियों का डाटा उपलब्ध कराया है. इसमें 05 हजार कर्मियों का आवासीय प्रमाण पत्र अपलोड हुआ है. वहीं, 800 स्थानीय उम्मीदवारों को स्थानीय कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराया गया है. इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और जिला नियोजन पदाधिकारी एवं श्रम अधीक्षक को जिले में संचालित पीएसयू एवं निजी कंपनियों में स्थानीय उम्मीदवारों को 75 फीसदी स्थानीय को रोजगार मुहैया कराने को लेकर एसओपी तैयार करने को कहा. उन्होंने संबंधित कंपनियों को तामिला कर पिछले दो वर्षों में इस दिशा में क्या कार्य किया गया है, कितने स्थानीय को रोजगार दिया गया है इसकी जानकारी मांगने और आयोग को उपलब्ध कराने को कहा है.
आयोग ने पिछड़े वर्गों के कल्याणार्थ सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ सभी जरूरतमंदों को मिले, कोई वंचित नहीं रहें को लेकर समीक्षा की.इस दौरान कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्री–पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति, साइकिल वितरण एवं मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनाओं की प्रगति की समीक्षा और कार्यों के निष्पादन में लक्ष्य अनुरूप तेजी लाने का निर्देश दिया. कसमार प्रखंड में पूर्व के वर्षों में क्रय किए गए साइकिल का वितरण नहीं होने को लेकर जांच टीम गठित कर दोषी एजेंसी/अधिकारी को चिन्हित कर आयोग को प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया.
इसके साथ ही, कल्याण विभाग के सभी छात्रावासों का जिला कल्याण पदाधिकारी को निरीक्षण करते हुए अद्यतन प्रतिवेदन सौंपने को कहा. वहीं डीएसई को आरटीई के तहत हुए पिछड़ों के नामांकन की जानकारी मांगी. आयोग ने क्रमवार आयोग को प्राप्त आवेदनों पर अनुपालन की विभाग वार समीक्षा की. उन्होंने शिक्षा, समाज कल्याण, भू अर्जन, राजस्व, मत्स्य, भवन प्रमंडल, पुलिस विभाग, नियोजनालय से संबंधित मामलों पर विस्तार से समीक्षा की.
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