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मेरठ मंडल की लोकसभा सीटों पर धुआंधार प्रचार आखिर क्यों नहीं छोड़ पाया छाप, आखिर वजह क्या है? - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

मेरठ में लगातार तीन बार से सांसद रहे राजेंद्र अग्रवाल का टिकट (lok sabha election 2024) काटकर रामायण सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 27, 2024, 11:47 AM IST

मेरठ : मेरठ मंडल के 6 जिलों के पांच लोकसभा क्षेत्रों में इस बार जनता में मतदान के प्रति दिलचस्पी घट गई. यह हाल तब है जब पश्चिमी यूपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद चुनावी शंखनाद किया. गाजियाबाद में रोड शो किया. विपक्षी नेताओं में अखिलेश यादव और मायावती के अधिक से अधिक मतदान की अपील का भी कोई असर नहीं पड़ा. मंडल की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट मेरठ पर मशहूर टीवी कलाकार अरुण गोविल की उपस्थिति भी मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ा सकी, जिससे दूसरे चरण में वोटिंग घटी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

8.67 प्रतिशत मतदाताओं ने कम दिखाई दिलचस्पी : 18वीं लोकसभा के लिए दूसरे चरण के लिए बीते दिन मतदान हुआ. पहले चरण के बाद तमाम दलों को यह उम्मीद थी कि वोटिंग प्रतिशत सुधरेगा, लोग घरों से निकलेंगे. लेकिन, इस बार भी दूसरे चरण में ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब मेरठ मंडल के 6 जिलों के पांच लोकसभा क्षेत्र में जनता ने मतदान के प्रति 2019 के बराबर भी दिलचस्पी नहीं दिखाई. मंडल के पांच जिलों में बागपत में 2019 की तुलना में सबसे अधिक 8.67 प्रतिशत मतदाताओं ने कम दिलचस्पी दिखाई. वहीं, दूसरे नंबर पर गौतमबुद्धनगर में 2019 की तुलना में इस बार 7.28 प्रतिशत मतदाता घट गये. बुलंदशहर में 7.06 प्रतिशत, गाजियाबाद में 6.21 प्रतिशत और मेरठ में 5.56 प्रतिशत कम मतदान हुआ है.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ व मशहूर टीवी कलाकार अरुण गोविल
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ व मशहूर टीवी कलाकार अरुण गोविल

मतदाताओं में देखने को मिलेगा उत्साह : मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले चर्चित अभिनेता अरुण गोविल के प्रत्याशी बनने के बाद से सियासी पंडित ऐसा मान रहे थे कि यहां मतदाताओं में उत्साह देखने को मिलेगा. तमाम रोड शो हुए, सीएम योगी ने जहां अरुण गोविल के समर्थन में शहर की गलियों तक में पहुंचकर रोड शो किया था. वहीं, अखिलेश यादव से लेकर मायावती तक ने अपने-अपने प्रत्याशी के लिए यहां चुनावी जनसभा की. पीएम मोदी ने चुनावी शंखनाद यहीं से किया, मतदाताओं ने लेकिन चुनाव में उत्साह ही नहीं दिखाया. पीएम मोदी ने मेरठ से ही चुनावी शंखनाद किया था.

बसपा की रैली (फाइल फोटो)
बसपा की रैली (फाइल फोटो)

मतदाताओं ने नहीं दिखाई रूचि : टीवी सीरियल रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल के प्रत्याशी बनने से मेरठ लोकसभा सीट की चर्चाएं तो खूब हुईं. नेशनल मीडिया भी मेरठ में डेरा डाले पड़ी रही. सीरियल में लक्ष्मण और सीता का किरदार निभाने वाले कलाकारों ने जब रोड शो किया था तो सड़कों पर पब्लिक का हुजूम था, लेकिन वोटिंग के दिन मतदाताओं ने रूचि नहीं दिखाई. यही वजह है कि बीते तीन बार के लोकसभा चुनावों पर गौर करें तो इस बार मतदान के प्रतिशत में गिरावट आई है.

अखिलेश यादव की जनसभा (फाइल फोटो)
अखिलेश यादव की जनसभा (फाइल फोटो)

दूसरे चरण में 58.70 फीसदी मतदान : दूसरे चरण में हुए मतदान में केवल 58.70 फीसदी मतदाता ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने बूथों तक पहुंचे. जबकि, आंकड़ों पर नजर डालें तो जब 2019 में मेरठ में जो मतदान प्रतिशत था, इस बार उसमें 5.56 फीसदी की गिरावट है. मतलब पिछले बार की तुलना में इस बार लगभग एक लाख 11 हजार से अधिक मतदाताओं ने अपने वोट नहीं डाले. 15 साल में मेरठ में सबसे कम मतदान होने से राजनैतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि यह संकेत भाजपा के लिए अच्छे नहीं हैं.

अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)


भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं से इस बारे में बात करने की कोशिश की तो सभी कुछ बोलने की बजाए मौन मुद्रा में जाते दिखे. हालांकि, यह बात भी सच है कि इन दिनों शादी सीजन चल रहा है, वहीं, दूसरी तरफ किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण समय है. जब खेतों में कटाई चल रही है. लेकिन, जहां हर विधानसभा क्षेत्र में मतदान के प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, मेरठ शहर में यह सर्वाधिक है.

मायावती (फाइल फोटो)
मायावती (फाइल फोटो)

2019 में 64.26 प्रतिशत हुआ था मतदान : 2014 में जब देशभर में मोदी लहर बनी तब 63 प्रतिशत वोट मेरठ लोकसभा क्षेत्र की जनता ने डाले थे. 2019 में 64.26 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि, 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में मेरठ पिछड़ गया. कुल 58.7 प्रतिशत जनता ही अपने मताधिकार का प्रयोग करने बूथ तक पहुंची. इसी तरह मेरठ मंडल की बाकी जिन लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए हैं वहां भी मतदाताओं में रोड शो और चुनावी रैलियों का कोई असर नहीं दिखा.

बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र में 7.06 प्रतिशत कम मतदान : यही वजह है कि चाहे मेरठ हो चाहे, बुलंदशहर, चाहे गाजियाबाद, या फिर बागपत लोकसभा सीट या फिर गौतमबुद्ध नगर मेरठ मंडल की हर लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत इस बार कम है. मेरठ में जहां 5.56 प्रतिशत कम वोट पड़े हैं वहीं, बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं 7.06 प्रतिशत कम मतदान किया. कुल मिलाकर देखें तो दूसरे चरण में मेरठ समेत एनसीआर में आठ प्रतिशत से अधिक तक मतदान कम हुआ है.

बागपत लोकसभा क्षेत्र में 8.67 प्रतिशत कम मतदान : बागपत लोकसभा क्षेत्र में 2019 के मुकाबले इस बार सर्वाधिक 8.67 प्रतिशत मतदान कम रहा है. फिलहाल यह बेहद ही चिंता का विषय है कि मतदान के प्रति लोगों में रूचि कम हो रही है और इस बार तो भारतीय जनता पार्टी भी यह मानकर चल रही थी कि पश्चिमी यूपी की मजबूत पार्टी रालोद उनके साथ है तो मतदान के दौरान उत्साह बढ़ेगा. हैरानी की बात तो यह है कि रालोद के गढ़ वाली सीट बागपत में भी मतदान का प्रतिशत कम रहा है.

यह भी पढ़ें : अंबाला लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर! राजनीतिक विशेषज्ञों से जानें कौन किस पर भारी - Lok Sabha Election 2024

यह भी पढ़ें : देश में अब तक हुए मतदान के बाद निकल गई BJP की हवा- विक्रमादित्य सिंह - Vikramaditya Singh Targets BJP

मेरठ : मेरठ मंडल के 6 जिलों के पांच लोकसभा क्षेत्रों में इस बार जनता में मतदान के प्रति दिलचस्पी घट गई. यह हाल तब है जब पश्चिमी यूपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद चुनावी शंखनाद किया. गाजियाबाद में रोड शो किया. विपक्षी नेताओं में अखिलेश यादव और मायावती के अधिक से अधिक मतदान की अपील का भी कोई असर नहीं पड़ा. मंडल की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट मेरठ पर मशहूर टीवी कलाकार अरुण गोविल की उपस्थिति भी मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ा सकी, जिससे दूसरे चरण में वोटिंग घटी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

8.67 प्रतिशत मतदाताओं ने कम दिखाई दिलचस्पी : 18वीं लोकसभा के लिए दूसरे चरण के लिए बीते दिन मतदान हुआ. पहले चरण के बाद तमाम दलों को यह उम्मीद थी कि वोटिंग प्रतिशत सुधरेगा, लोग घरों से निकलेंगे. लेकिन, इस बार भी दूसरे चरण में ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब मेरठ मंडल के 6 जिलों के पांच लोकसभा क्षेत्र में जनता ने मतदान के प्रति 2019 के बराबर भी दिलचस्पी नहीं दिखाई. मंडल के पांच जिलों में बागपत में 2019 की तुलना में सबसे अधिक 8.67 प्रतिशत मतदाताओं ने कम दिलचस्पी दिखाई. वहीं, दूसरे नंबर पर गौतमबुद्धनगर में 2019 की तुलना में इस बार 7.28 प्रतिशत मतदाता घट गये. बुलंदशहर में 7.06 प्रतिशत, गाजियाबाद में 6.21 प्रतिशत और मेरठ में 5.56 प्रतिशत कम मतदान हुआ है.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ व मशहूर टीवी कलाकार अरुण गोविल
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ व मशहूर टीवी कलाकार अरुण गोविल

मतदाताओं में देखने को मिलेगा उत्साह : मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले चर्चित अभिनेता अरुण गोविल के प्रत्याशी बनने के बाद से सियासी पंडित ऐसा मान रहे थे कि यहां मतदाताओं में उत्साह देखने को मिलेगा. तमाम रोड शो हुए, सीएम योगी ने जहां अरुण गोविल के समर्थन में शहर की गलियों तक में पहुंचकर रोड शो किया था. वहीं, अखिलेश यादव से लेकर मायावती तक ने अपने-अपने प्रत्याशी के लिए यहां चुनावी जनसभा की. पीएम मोदी ने चुनावी शंखनाद यहीं से किया, मतदाताओं ने लेकिन चुनाव में उत्साह ही नहीं दिखाया. पीएम मोदी ने मेरठ से ही चुनावी शंखनाद किया था.

बसपा की रैली (फाइल फोटो)
बसपा की रैली (फाइल फोटो)

मतदाताओं ने नहीं दिखाई रूचि : टीवी सीरियल रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल के प्रत्याशी बनने से मेरठ लोकसभा सीट की चर्चाएं तो खूब हुईं. नेशनल मीडिया भी मेरठ में डेरा डाले पड़ी रही. सीरियल में लक्ष्मण और सीता का किरदार निभाने वाले कलाकारों ने जब रोड शो किया था तो सड़कों पर पब्लिक का हुजूम था, लेकिन वोटिंग के दिन मतदाताओं ने रूचि नहीं दिखाई. यही वजह है कि बीते तीन बार के लोकसभा चुनावों पर गौर करें तो इस बार मतदान के प्रतिशत में गिरावट आई है.

अखिलेश यादव की जनसभा (फाइल फोटो)
अखिलेश यादव की जनसभा (फाइल फोटो)

दूसरे चरण में 58.70 फीसदी मतदान : दूसरे चरण में हुए मतदान में केवल 58.70 फीसदी मतदाता ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने बूथों तक पहुंचे. जबकि, आंकड़ों पर नजर डालें तो जब 2019 में मेरठ में जो मतदान प्रतिशत था, इस बार उसमें 5.56 फीसदी की गिरावट है. मतलब पिछले बार की तुलना में इस बार लगभग एक लाख 11 हजार से अधिक मतदाताओं ने अपने वोट नहीं डाले. 15 साल में मेरठ में सबसे कम मतदान होने से राजनैतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि यह संकेत भाजपा के लिए अच्छे नहीं हैं.

अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)


भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं से इस बारे में बात करने की कोशिश की तो सभी कुछ बोलने की बजाए मौन मुद्रा में जाते दिखे. हालांकि, यह बात भी सच है कि इन दिनों शादी सीजन चल रहा है, वहीं, दूसरी तरफ किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण समय है. जब खेतों में कटाई चल रही है. लेकिन, जहां हर विधानसभा क्षेत्र में मतदान के प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, मेरठ शहर में यह सर्वाधिक है.

मायावती (फाइल फोटो)
मायावती (फाइल फोटो)

2019 में 64.26 प्रतिशत हुआ था मतदान : 2014 में जब देशभर में मोदी लहर बनी तब 63 प्रतिशत वोट मेरठ लोकसभा क्षेत्र की जनता ने डाले थे. 2019 में 64.26 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि, 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में मेरठ पिछड़ गया. कुल 58.7 प्रतिशत जनता ही अपने मताधिकार का प्रयोग करने बूथ तक पहुंची. इसी तरह मेरठ मंडल की बाकी जिन लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए हैं वहां भी मतदाताओं में रोड शो और चुनावी रैलियों का कोई असर नहीं दिखा.

बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र में 7.06 प्रतिशत कम मतदान : यही वजह है कि चाहे मेरठ हो चाहे, बुलंदशहर, चाहे गाजियाबाद, या फिर बागपत लोकसभा सीट या फिर गौतमबुद्ध नगर मेरठ मंडल की हर लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत इस बार कम है. मेरठ में जहां 5.56 प्रतिशत कम वोट पड़े हैं वहीं, बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं 7.06 प्रतिशत कम मतदान किया. कुल मिलाकर देखें तो दूसरे चरण में मेरठ समेत एनसीआर में आठ प्रतिशत से अधिक तक मतदान कम हुआ है.

बागपत लोकसभा क्षेत्र में 8.67 प्रतिशत कम मतदान : बागपत लोकसभा क्षेत्र में 2019 के मुकाबले इस बार सर्वाधिक 8.67 प्रतिशत मतदान कम रहा है. फिलहाल यह बेहद ही चिंता का विषय है कि मतदान के प्रति लोगों में रूचि कम हो रही है और इस बार तो भारतीय जनता पार्टी भी यह मानकर चल रही थी कि पश्चिमी यूपी की मजबूत पार्टी रालोद उनके साथ है तो मतदान के दौरान उत्साह बढ़ेगा. हैरानी की बात तो यह है कि रालोद के गढ़ वाली सीट बागपत में भी मतदान का प्रतिशत कम रहा है.

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