सूरजपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले सूरजपुर जिले के कर्मचारी अधिकारियों ने अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. फेडरेशन बीजेपी सरकार को उनके घोषणा पत्र में किए गए वादों को याद दिलाने की कोशिश कर रहा था.
क्या हैं चार सूत्रीय मांगें : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने सरकार से अपनी लंबित चार प्रमुख मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन की मुख्य चार मांगें है कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की तरह एक जनवरी 2024 से चार प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जाए. साथ में जुलाई 2019 से मंहगाई भत्ता एवं एरियर राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए. प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए. सरकार की तरह गृह भाड़ा दिया जाए. मध्यप्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन का किया जाए.फेडरेशन के पदाधिकारियों ने मांगे पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
'' फेडरेशन की ये मांग पूरी नहीं होती है तो हम सभी आगे अनिश्चित कालीन हड़ताल में जाने को बाध्य रहेंगे. जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.''-डॉ आरएस सिंह,जिला संयोजक, कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन
वहीं कर्मचारियों के ज्ञापन ने सूरजपुर एसडीएम ने लेने के बाद कहा कि जो भी मांगें सामने आईं हैं उन्हें कलेक्टर के माध्यम से सरकार तक भेजा जाएगा.
'फेडरेशन ने हमें ज्ञापन दिया है.इनकी मांग है कि इनका डीए और एरियर बढ़े,साथ ही कुछ और भी मांगें हैं .हमने इनका ज्ञापन ले लिया है,जिसे सरकार तक प्रेषित किया जाएगा.'- जनार्दन शर्मा, एसडीएम
आपको बता दें कि कर्मचारी और अधिकारियों ने चार स्तरीय वेतनमान देने की मांग की है. इसके साथ ही अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल किया था. मांगें पूरी नहीं होने पर फेडरेशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है.अब देखना होगा कि सरकार फेडरेशन के गुस्से को किस तरह से कम करती है.