वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ट्रस्ट का कार्यकाल पूरा हो चुका है. 9 दिसंबर 2021 को मंदिर न्यास के अध्यक्ष के तौर पर प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसके अलावा न्यास सदस्य के तौर पर प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय, दीपक मालवीय, पंडित प्रसाद दीक्षित, प्रो वेंकट रमन धनपाठी और प्रो ब्रजभूषण ओझा को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. अपने 3 साल के कार्यकाल में न्यास के इन सदस्यों ने धर्मार्थ कार्य में विभाग और राज्य सरकार के साथ मिलकर कई बड़े निर्णय लिए, लेकिन अब कार्यकाल पूर्ण हो चुका है. अब नए सिरे से सदस्यों के साथ अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं और शासन स्तर पर भी मंथन शुरू हो चुका है.
कुल 15 लोग हैं शामिल : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास का प्रदेश सरकार ने 1983 में अधिग्रहण किया था. इसके बाद दो इकाइयों का गठन किया गया. इसमें पूजन-परंपरा की निगरानी समेत निर्णय लेने के लिए विधायी संस्था के तौर पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद बनाया गया था. इसमें श्रृंगेरी शंकराचार्य और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ ही वित्त, कानून एवं विधि परामर्शी, धर्मार्थ, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और सीईओ को पदेन सदस्य बनाया गया. साथ ही पांच विद्वानों को बतौर सदस्य तीन-तीन वर्ष के लिए नामित करने का प्रावधान किया गया. जिसके तहत 2021 में नियुक्ति की गई थी.
इन नामों पर चर्चा : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास में जो भी नामित सदस्य और अध्यक्ष हैं उनको शासन स्तर पर अप्लाई करना होता है. एप्लीकेशन के बाद इस पर धर्मार्थ कार्य विभाग शासन के साथ मिलकर यह निर्णय लेता है कि नामी सदस्य के तौर पर किस विद्वान को न्यास में जगह दी जानी है, यदि वर्तमान के सदस्य एप्लीकेशन देते हैं तो उस पर चर्चा होगी और नए सदस्य के तौर पर फिलहाल अभी कोई आगे नहीं आया है. हां अध्यक्ष के नाम को लेकर मंथन जरूर हो रहा है. माना जा रहा है कि न्यास में बतौर सदस्य सेवा देने वाले प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय अध्यक्ष के तौर पर अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं. इसके अलावा पूर्व में अध्यक्ष रह चुके पंडित अशोक द्विवेदी के नाम की भी चर्चा हो रही है.
इस बारे में न्यास में पदेन सदस्य के तौर पर जिम्मेदारी संभालने वाले कमिश्नर कौशल राज शर्मा का कहना है कि कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इसे लेकर शासन स्तर पर विचार विमर्श से शुरू हो गया है. शासन स्तर पर शीघ्र ही धर्मार्थ कार्य विभाग की तरफ से इस पर नोटिफिकेशन जारी करते हुए निर्णय लिया जाएगा. अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर भी जल्द ही फैसला हो जाएगा. पुराने सदस्य ही निरंतर सदस्य हैं या कुछ बदलाव होते हैं इसके अलावा अध्यक्ष को लेकर भी फैसला शीघ्र ही होगा.
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