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यूपी के खिलाड़ियों के लिए बुरी खबर, प्रदेश भर में खेल के मैदान पर गुरुवार से नहीं होंगे कोच

यूपी में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे उन तमाम खिलाड़ियों के लिए निराश करने वाली खबर है. प्रदेश में खेल प्रशिक्षकों की संविदा (Contract of Sports Trainers) की अवधि आज तक थी. जब तक खेल निदेशलय की तरफ से फिर से खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक बिना कोच के ही प्रैक्टिस करनी पड़ सकती है.आइए जानते हैं पूरा मामला.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 31, 2024, 10:28 PM IST

प्रदेश में खेल प्रशिक्षकों की संविदा आज खत्म

मेरठ: यूपी के लाखों ऐसे युवा खिलाड़ियों के लिए यह खबर बेहद ही निराश करने वाली है, जोकि भविष्य में आगे बढ़ने के लिए निरंतर अभ्यास कर रहे हैं. क्योंकि, प्रदेश भर में खेल प्रशिक्षकों का कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो चुका है. खेल निदेशालय द्वारा जब तक पुनः अलग-अलग खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी, तब तक विभिन्न प्रतियोगिताओं की तैयारी करने वाले खिलाड़ियों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

बता दें कि प्रदेश भर के तमाम राज्य सरकार के ऐसे स्टेडियम जहां पर युवा अपने सपनों को उड़ान देने को पसीना बहाते हैं, वहां अब ऐसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन मिलना मुश्किल हो जाएगा. प्रदेशभर में कुल अलग-अलग जिलों या शहरों में 55 ऐसे स्पोर्ट्स स्टेडियम हैं, जहां भविष्य के खिलाड़ी तैयार होते हैं. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि अप्रैल में तो ओलम्पिक गेम्स भी होने वाले हैं. वहीं, इंटरनेशनल खेल स्पर्धा के अलावा आगामी समय में अलग-अलग प्रतियोगिता भी होनी हैं. इसके लिए प्रत्येक खेल के लिए प्रशिक्षण देने के लिए कोच की आवश्यकता होती है. ऐसे में अगर इस महत्वपूर्ण समय में कोच की संविदा समाप्त होने के बाद बेहद जरूरी हो जाता है कि शीघ्र से शीघ्र प्रदेश का खेल निदेशालय इस तरफ ध्यान दे.

पश्चिमी यूपी की बात करें तो मेरठ को खिलाड़ियों की नर्सरी कहा जाता है. यहां के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में हर दिन 1750 से अधिक बच्चे अलग-अलग गेम्स के लिए प्रशिक्षण लेने आते हैं. लेकिन, अब युवाओं को निखारने के लिए कल यानी एक फरवरी से कोच ही नहीं होंगे तो स्वाभाविक है कि जो भी युवा आगामी प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के लिए मेहनत कर रहे थे, उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

इस बारे में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में आज यानि 31 जनवरी को खिलाड़ियों को अलग-अलग खेल के लिए प्रशिक्षण देने वाले सभी कोच की संविदा समापन का आखिरी दिन था. उन्होंने कहा कि अब तो इसमें जो कुछ होना है वह खेल निदेशालय के जिम्मेदारों द्वारा ही किया जाना है. उन्होंने बताया कि मेरठ में भी 15 अलग-अलग खेल प्रतियोगिताओं के लिए कोच की किल्ल्त कल से झेलनी होगी. कहा कि जो युवा खिलाड़ी प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए समस्या न हो इसको लेकर निश्चित ही खेल निदेशालय भी गंभीर होगा औऱ उम्मीद है कि शीघ्र से शीघ्र खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्राम्भ हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसमें कितना समय लग सकता है, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.

क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह ने कहा कि वह प्रयास करेंगे कि जो कोच बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे थे, वह ऑनलाइन उन खिलाड़ियों की मदद करेंगे. समय निकालकर ऐसे बच्चों को मार्गदर्शन तब तक सप्ताह में एक या दो दिन कर सकेंगे, जिन्हें किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेना है. अलग-अलग गेम्स का प्रशिक्षण ले रहे कई खिलाड़ियों ने कहा कि जब यह पहले से मालूम है कि 31 जनवरी को प्रशिक्षकों का कॉन्ट्रेक्ट समाप्त हो रहा है तो पहले से ही जिम्मेदारों को इस विषय में सोचना चाहिए था. रोहन ने कहा कि निश्चित ही वह थोड़े तनाव में आ गए हैं कि उन्हें आगे कॉम्पिटिशन खेलना है और ऐसे में उन्हें कोच की जरूरत है. अगर उन्हें मार्गदर्शन ही नहीं मिलेगा तो उन्हें निश्चित ही परेशान होना पड़ेगा. कोच गौरव त्यागी ने कहा कि खिलाड़ियों का वह अपनी तरफ से मार्गदर्शन करने की कोशिश करेंगे. लेकिन, ऐसे में नियमित मार्गदर्शन तो वह नहीं कर पाएंगे, जबकि बच्चे अलग-अलग प्रतियोगिताओं के लिए मेहनत कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने कहा- ज्ञानवापी में वजूखाने का साइंटिफिक सर्वे कराने की मांग वाली याचिका विचारणीय

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प्रदेश में खेल प्रशिक्षकों की संविदा आज खत्म

मेरठ: यूपी के लाखों ऐसे युवा खिलाड़ियों के लिए यह खबर बेहद ही निराश करने वाली है, जोकि भविष्य में आगे बढ़ने के लिए निरंतर अभ्यास कर रहे हैं. क्योंकि, प्रदेश भर में खेल प्रशिक्षकों का कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो चुका है. खेल निदेशालय द्वारा जब तक पुनः अलग-अलग खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी, तब तक विभिन्न प्रतियोगिताओं की तैयारी करने वाले खिलाड़ियों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

बता दें कि प्रदेश भर के तमाम राज्य सरकार के ऐसे स्टेडियम जहां पर युवा अपने सपनों को उड़ान देने को पसीना बहाते हैं, वहां अब ऐसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन मिलना मुश्किल हो जाएगा. प्रदेशभर में कुल अलग-अलग जिलों या शहरों में 55 ऐसे स्पोर्ट्स स्टेडियम हैं, जहां भविष्य के खिलाड़ी तैयार होते हैं. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि अप्रैल में तो ओलम्पिक गेम्स भी होने वाले हैं. वहीं, इंटरनेशनल खेल स्पर्धा के अलावा आगामी समय में अलग-अलग प्रतियोगिता भी होनी हैं. इसके लिए प्रत्येक खेल के लिए प्रशिक्षण देने के लिए कोच की आवश्यकता होती है. ऐसे में अगर इस महत्वपूर्ण समय में कोच की संविदा समाप्त होने के बाद बेहद जरूरी हो जाता है कि शीघ्र से शीघ्र प्रदेश का खेल निदेशालय इस तरफ ध्यान दे.

पश्चिमी यूपी की बात करें तो मेरठ को खिलाड़ियों की नर्सरी कहा जाता है. यहां के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में हर दिन 1750 से अधिक बच्चे अलग-अलग गेम्स के लिए प्रशिक्षण लेने आते हैं. लेकिन, अब युवाओं को निखारने के लिए कल यानी एक फरवरी से कोच ही नहीं होंगे तो स्वाभाविक है कि जो भी युवा आगामी प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के लिए मेहनत कर रहे थे, उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

इस बारे में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में आज यानि 31 जनवरी को खिलाड़ियों को अलग-अलग खेल के लिए प्रशिक्षण देने वाले सभी कोच की संविदा समापन का आखिरी दिन था. उन्होंने कहा कि अब तो इसमें जो कुछ होना है वह खेल निदेशालय के जिम्मेदारों द्वारा ही किया जाना है. उन्होंने बताया कि मेरठ में भी 15 अलग-अलग खेल प्रतियोगिताओं के लिए कोच की किल्ल्त कल से झेलनी होगी. कहा कि जो युवा खिलाड़ी प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए समस्या न हो इसको लेकर निश्चित ही खेल निदेशालय भी गंभीर होगा औऱ उम्मीद है कि शीघ्र से शीघ्र खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्राम्भ हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसमें कितना समय लग सकता है, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.

क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह ने कहा कि वह प्रयास करेंगे कि जो कोच बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे थे, वह ऑनलाइन उन खिलाड़ियों की मदद करेंगे. समय निकालकर ऐसे बच्चों को मार्गदर्शन तब तक सप्ताह में एक या दो दिन कर सकेंगे, जिन्हें किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेना है. अलग-अलग गेम्स का प्रशिक्षण ले रहे कई खिलाड़ियों ने कहा कि जब यह पहले से मालूम है कि 31 जनवरी को प्रशिक्षकों का कॉन्ट्रेक्ट समाप्त हो रहा है तो पहले से ही जिम्मेदारों को इस विषय में सोचना चाहिए था. रोहन ने कहा कि निश्चित ही वह थोड़े तनाव में आ गए हैं कि उन्हें आगे कॉम्पिटिशन खेलना है और ऐसे में उन्हें कोच की जरूरत है. अगर उन्हें मार्गदर्शन ही नहीं मिलेगा तो उन्हें निश्चित ही परेशान होना पड़ेगा. कोच गौरव त्यागी ने कहा कि खिलाड़ियों का वह अपनी तरफ से मार्गदर्शन करने की कोशिश करेंगे. लेकिन, ऐसे में नियमित मार्गदर्शन तो वह नहीं कर पाएंगे, जबकि बच्चे अलग-अलग प्रतियोगिताओं के लिए मेहनत कर रहे हैं.

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