देवघर: 22 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावणी मेला को लेकर तैयारी जोरशोर से की जा रही है. इसी को लेकर देवघर जिला प्रशासन के पदाधिकारियों द्वारा सावन में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाओं का लगातार निरीक्षण भी किया जा रहा है. खासकर वैसे श्रद्धालुओं की व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन ज्यादा गंभीर दिख रहा है. जो सुल्तानगंज घाट से जल लेकर पैदल ही देवघर पहुंचते हैं.
देवघर आने वाले श्रद्धालुओं को आराम देने के लिए देवघर जिला की सीमा पर एक आध्यात्मिक भवन बनाया गया है. जो कहीं ना कहीं श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित हो रहा है. यह आध्यात्मिक भवन पिछले वर्ष ही केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत बनाया गया था. इस भवन को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह था कि जो श्रद्धालु सैकड़ों किलोमीटर चलकर कांवरिया पथ से होते हुए बाबा मंदिर में जलाभिषेक करते हैं, वैसे कांवरिया इस भवन में विश्राम कर सकते हैं.
आध्यात्मिक भवन की उपयोगिता बताते हुए देवघर उपायुक्त विशाल सागर ने कहा कि इस भवन में करीब पांच हजार कांवरिया एक साथ विश्राम कर सकते हैं. डीसी ने कहा कि श्रावणी मेला शुरू होने से पहले आध्यात्मिक भवन को पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया जाएगा. भवन के बाहर अस्थायी दुकानें भी लगाई जाएंगी ताकि आराम करने वाले श्रद्धालुओं को जरूरी सामान मिल सके. आध्यात्मिक भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं गायन के साथ साथ भजन भी आयोजित किए जाएंगे. जिससे आध्यात्मिक भवन में आराम करने वाले भक्त राहत महसूस कर सकें.
सावन के महीने में 90 से 100 किलोमीटर पैदल चलकर आने वाले कांवरियों के लिए यह आध्यात्मिक भवन वरदान साबित होगा. देवघर उपायुक्त विशाल सागर ने बताया कि पदाधिकारी को आध्यात्मिक भवन को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं. 22 जुलाई से पहले यह भवन पूरी तरह से व्यवस्थित होकर श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए तैयार हो जाएगा. आध्यात्मिक भवन में श्रावणी मेला के दौरान सूचना केंद्र भी लगाए जाएंगे ताकि माइकिंग और अनाउंसमेंट के माध्यम से लोगों को सुविधा की जानकारी दी जा सके.
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