दुर्ग: जिले में तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों पर ट्रैफिक पुलिस नकेल कसने जा रहा है. जिले में पहली बार स्पीड वायलेशन डिटेक्टर कैमरा लगाए जाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए पुलिस ने सात जगहों का चयन किया है. इन जगहों में रसमड़ा, पाहंदा-फुडां मार्ग, अंडा-जंजगिरी मार्ग, अंजोरा और सेक्टर-सात चौक का नाम शामिल है. इसमें रसमड़ा में सड़क के दोनों तरफ कैमरे लगाए जाएंगे. इनके साथ ही नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे भी लगाए जाएंगे.
प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय भेजा गया: दरअसल, दुर्ग यातायात पुलिस ने लोगों की जान बचाने के लिए हाईटेक तरीका अख्तियार किया है. इसके तहत अब स्पीड वायलेशन डिटेक्टर कैमरे लगाए जाएंगे. उसके लिए दुर्ग यातायात विभाग ने पूरी तैयारी कर ली हैं. यातायात विभाग की ओर से कैमरे लगाने का प्रस्ताव बनाकर पुलिस मुख्यालय भेजा गया है. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद कैमरे लगाए जाएंगे. स्पीड वायलेशन कैमरे और नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे लगाने के बाद उन्हें एनआईसी के सर्वर से जोड़ा जाएगा. अगर सड़क से 100 से अधिक की स्पीड से कोई वाहन निकलेगा तो ये कैमरे उसकी रफ्तार को सेंस कर लेगा. इसके बाद नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे से वाहन के नंबर को दर्ज कर लिया जाएगा.
फिलहाल स्पीड रडार से की जाती है कार्रवाई: साथ ही एनआईसी के सर्वर से वाहन के पंजीयन नंबर के आधार पर वाहन मालिक की जानकारी निकालकर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ऑनलाइन ई चालान भेजा जाएगा. यातायात पुलिस ने कैमरे लगाने का प्रस्ताव बनाकर पुलिस मुख्यालय के पास भेजा है. वर्तमान में तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों के खिलाफ स्पीड रडार से कार्रवाई की जाती है. पुलिस के पास सिर्फ एक ही स्पीड रडार हैं. उससे दुर्ग राजनांदगांव बाईपास रोड पर समय-समय पर कार्रवाई की जाती है.
नेशनल हाईवे नेहरू नगर से अंजोरा तक 15 किलोमीटर रोड पर हाई स्पीड गाड़ियां चलती है. वहां दो जगह सेलेक्ट किया गया है, जहां हाई स्पीड वायलेशन डिवाइस कैमरा लगाए जाएंगे. वहां पर स्पीड लिमिट 80 हैं. किसी गाड़ी की स्पीड अगर 80 से अधिक होगी तो कैमरे से फोटो और नंबर का पता चल जाएगा. इसके बाद चालान उसके घर पहुंच जाएगा. इस कैमरे को लगाने से स्पीड और दुर्घटना दोनों को कम किया जा सकेगा. -सतीश ठाकुर, ट्रैफिक डीएसपी, दुर्ग
वाहन चालक के स्पीड पर रखेगा नजर: जिले के यातायात पुलिस की मानें तो सड़क हादसों के कई कारण होते हैं. इन कारणों में तेज रफ्तार, शराब पीकर वाहन चलना और खराब सड़क जैसी समस्याएं शामिल है. तेज रफ्तार एक बड़ा कारण है, तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले न सिर्फ अपनी जान को जोखिम में डालते हैं, बल्कि वह दूसरे वाहन चालकों के लिए भी खतरा पैदा करते हैं. ऐसे में तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों पर नजर रखना और कार्रवाई करना काफी कठिन है, इसलिए पुलिस ने हाईटेक तरीका अपनाने का योजना बनाया है.