देहरादून: उत्तराखंड में वन विभाग के कर्मचारी जंगलों की भयंकर आग से जूझ रहे हैं. फील्ड में कई जगह बिना सुविधाओं के भी कर्मी आग पर काबू पाने की कोशिश करने का प्रयास कर रहे हैं. इस बीच विभाग में टीम 'स्पेशल 43' तैयार की गई है. ये टीम वनाग्नि वाले क्षेत्र में मोर्चा संभालेगी.
फिलहाल, इस टीम को नरेंद्र नगर डिवीजन और पौड़ी क्षेत्र का टास्क दिया गया है. इन क्षेत्रों में कई जगहों पर आग की घटनाओं की सूचनाओं मिल रही है. सभी जगह पर डिवीजन के कर्मचारियों का ही पहुंचना काफी मुश्किल हो रहा है. लिहाजा वन विभाग के कर्मचारियों की मदद के लिए टीम 'स्पेशल 43' रवाना की गई.
टीम 'स्पेशल 43' में इन्हें मिली जगह: वन विभाग के 43 सदस्यों वाली यह टीम पौड़ी और टिहरी के लिए रवाना हो चुकी है. इस टीम को हरिद्वार वन प्रभाग क्षेत्र से रवाना किया गया है. खास बात ये है कि वन विभाग की महिला अफसर एससीएफ (ACF) शिप्रा वर्मा इस टीम को लीड कर रही हैं.
उनके साथ वन दरोगा और फॉरेस्ट गार्ड के अलावा उपनल व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भी टीम में शामिल हैं. इस टीम को 8 हिस्सों में बांटा गया गया, जिनमें कुछ को पौड़ी और कुछ को टिहरी के नरेंद्र नगर डिवीजन में भेजा गया है. इसमें ज्यादातर सदस्य हरिद्वार वन प्रभाग के हैं. जबकि, 5 कर्मी गंगोत्री नेशनल पार्क के हैं.
प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन (Chief Conservator of Forest HoFF Dhananjay Mohan) का कहना है कि वन विभाग का हर कर्मचारी वनाग्नि में लगा है. ऐसे में नए जोशीले युवाओं की टीम बनाकर फॉरेस्ट फायर वाले क्षेत्र में इन्हें भेजा गया है. ताकि, यहां पहले से ही आग बुझाने की कोशिश कर रहे कर्मचारियों को उनकी ओर से मदद की जा सके. उन्होंने हरिद्वार वन प्रभाग के साथ इस टीम की भी तारीफ की है.
फॉरेस्ट फायर से जुड़े उपकरणों से लैस है टीम: भले ही प्रदेश में तमाम जगहों से आग बुझाने के दौरान झाड़ियां की मदद लेते हुए वन विभाग के कमी दिख रहे हों, लेकिन 'स्पेशल 43' के सदस्य आग बुझाने को लेकर उपकरणों से लैस है. इसमें शामिल कर्मचारियों को पूर्व में ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
इसके अलावा आग बुझाने के दौरान जरूरी सामान इन्हें उपलब्ध कराया गया है. ताकि, ये कर्मचारी पूरी तरह से सुरक्षित रहे. इस तरह वन विभाग के इन कर्मचारियों को किट उपलब्ध कराई गई है. जिसमें आग बुझाने के लिए ब्लोअर्स भी उपलब्ध हैं. ऐसे में ये वनकर्मी आसानी से आग बुझाने का काम कर सकेंगे.
हरिद्वार वन प्रभाग को आग से दूर रखने में कामयाब रहे कर्मी: हरिद्वार वन प्रभाग इस बार वनाग्नि की घटनाओं को नियंत्रित रखने में कामयाब रहा है. इस क्षेत्र में आग की घटनाएं कम रिकॉर्ड की गई है. शायद यही कारण है कि हरिद्वार डिविजन न केवल अपने क्षेत्र को सुरक्षित रख पाया है. बल्कि, अब यहां से कर्मचारी उन क्षेत्रों को भी सुरक्षित करने के लिए रवाना हुए हैं. जहां आग लगने की घटनाएं ज्यादा हो रही है.
ये भी पढ़ें-