देहरादून: उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी 67 वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन में हिस्सा लेकर वापस लौट आई हैं. वापस लौटने के बाद स्पीकर खंडूड़ी ने ऑस्ट्रेलिया में आयोजित सम्मेलन में हुई चर्चाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान संसदीय कार्य प्रणाली को और बेहतर किए जाने पर चर्चा की गई. साथ ही सम्मेलन में संघ को नॉन चैरिटेबल संगठन के रूप में मान्यता दिए जाने पर भी फैसला लिया गया.
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में तीन दिवसीय राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें हिस्सा लेने के लिए उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भी पहुंची. खास बात ये है कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ लोकतंत्र के संवैधानिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आर्थिक और विधायी जैसे विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श करता है. इस बार 67 वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन में अध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव किया गया, जिसमें भारतीय क्षेत्र की ओर से समर्थित उम्मीदवार डॉक्टर क्रिस्टोफर कलिला को नया अध्यक्ष चुन लिया गया.
बारबाडोस में होगा 68 वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन: सम्मेलन के दौरान विभिन्न विधायी और संवैधानिक नियमों के बेहतर रूप को लेकर चर्चा कर इन्हें अपनाए जाने का मौका मिला. सम्मेलन के दौरान अगले 68 वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन की तारीख और स्थान का भी चयन किया गया. 68 वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन 6 अक्टूबर से 13 अक्टूबर 2025 तक बारबाडोस में आयोजित किया जाएगा.
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि यह सम्मेलन विभिन्न देशों में सामाजिक आर्थिक और संवैधानिक परंपराओं को समझने व उनके आदान-प्रदान का बेहतर मौका देता है. इस दौरान सम्मेलन में भारत की ओर से अपनाई जा रही योजनाओं और बेहतर कार्यों को भी उन्होंने रखा. इस दौरान भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सशक्त करने के लिए उठाए गए कदम की भी सम्मेलन में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन के दौरान कई वर्कशॉप हुए जिसमें भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए कार्यों की भी जानकारी दी गई. पूरी दुनिया भर में 9 रीजन संघ में अपना प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें से एक भारतीय रीजन से अध्यक्ष चुना गया है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि भी है.
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