रांची: 75 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज झारखंड विधानसभा परिसर में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने ध्वजारोहण किया. ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत में गणतंत्र का इतिहास सदियों पुराना है, लेकिन वर्षों की गुलामी ने हमारी गणतांत्रिक व्यवस्था को तहस नहस कर दिया था. हमारे असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और त्याग से मिली आजादी के बाद हमारे देश के कर्णधारों ने एक लोकतांत्रिक गणतंत्र को आत्मसात किया.
स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि भारत के संविधान को स्वीकार करते समय बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने कहा था कि 26 जनवरी 1950 के बाद हमारा जीवन एक विरोधाभासी होगा, जब राजनीतिक रूप से लोगों में बराबरी होगी वहीं सामाजिक और आर्थिक स्थिति से लोगों में गैरबराबरी होगी. स्पीकर ने कहा कि भीम राव अंबेडकर ने तब कहा था कि राजनीतिक रूप से एक व्यक्ति एक वोट सबके लिए होगा, राजनीतिक सिद्धांतों में बराबरी होगी लेकिन सामाजिक और आर्थिक संरचना की वजह से समाज में बराबरी नहीं होगी. बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के शब्दों में यह गैर बराबरी तब तक चलेगा जब तक हम सामाजिक और आर्थिक गैरबराबरी को खत्म नहीं कर देते.
अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि एक गणतांत्रिक देश के रूप में हमने दुनिया में अपनी जगह बनाई है. देश ने सभी क्षेत्रों में काफी विकास किया है, लेकिन जो सपना हमारे स्वधीनता सेनानियों ने देखा था, जिस देश की उन्होंने परिकल्पना की थी, उसे साकार करने के लिए अभी बहुत काम करना है. स्पीकर ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि जब तक हम देश के हर एक व्यक्ति के आंखों का आंसू नहीं पोछ पाते तब तक हमारी विकास की यह यात्रा अधूरी ही रहेगी.
ध्वजारोहण के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि देश के आर्थिक विकास को समावेशी विकास में तब्दील करना होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड की सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम, सावित्रीबाई फुले योजना सहित जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू कर यह कोशिश की है कि देश और राज्य के आर्थिक विकास का लाभ उन लोगों तक पहुंचे जो आर्थिक, सामाजिक रूप से पीछे हैं. स्पीकर ने राज्यवासियों को 75 वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं भी दी.
ये भी पढ़ेंः
दुमका में गणतंत्र दिवस समारोहः सीएम हेमंत सोरेन ने फहराया तिरंगा, परेड का किया निरीक्षण