रोहतास: अपनी दंबगई और हनक दिखाने के लिए बाउंसर रखना अब मंहगा पड़ सकता है. रोहतास में बाउंसर रखने के बढ़ते क्रेज को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने बाउंसर रखने वालों को स्थानीय थाना को सूचित करने का निर्देश दिया है. बिना सूचना के बाउंसर रखने वालों के खिलाफ स्थानीय थाना की पुलिस मामला दर्ज कर कार्रवाई कर सकती है. बाउंसर रखने की सूचना देने के बाद स्थानीय पुलिस बाउंसर का सत्यापन करेगी.
बाउंसर में तैनात जवानों का पुलिस करेगी सत्यापन: रोहतास के एसपी रौशन कुमार के इस निर्देश के बाद वैसे नेता व हथियार के बल पर हनक दिखाने वाले लोगों में हड़कंप मचा है. एसपी ने बताया कि अब हर थाना की पुलिस ऐसे बाउंसर रखने वालों की सूची तैयार कर उनका सत्यापन करेगी. बाउंसर के रूप में तैनात जवान को किस सुरक्षा एजेंसी ने तैनात किया है. बाउंसर के पास किस हथियार का लाइसेंस हैं, वह लाइसेंस किस राज्य के लिए निर्गत है. यह सारी जानकारी लेगी, ताकि अगर उस बाउंसर के द्वारा कभी किसी तरह की घटना की जाए तो बाउंसर को रखने वाले के साथ- साथ बाउंसर के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सके.
रोहतास में मिली थी शिकायत: एसपी ने बताया कि विगत सप्ताह रोहतास और आसपास के जिले में कुछ व्यक्तियों के द्वारा निजी अंगरक्षक व हथियार से लैस बाउंसर को साथ लेकर सार्वजनिक स्थानों पर घूमने की बात संज्ञान में आई थी. वैसे लोगों के विरुद्ध रोहतास पुलिस कड़ी से कड़ी कर कार्रवाई करेगी.
नेता जी सहित 4 लोगों को पुलिस ने थाने बुलाया: एसपी ने बताया कि रोहतास जिले के डेहरी में एक शख्स जाहिद परवेज उर्फ कक्कू खान जो सुभाष नगर वार्ड नंबर 14 के रहने वाला है. उसके साथ चार हथियार के लैस बाउंसर्स को लेकर सार्वजनिक स्थलों पर घूमने की शिकायत मिली थी. जिस पर संज्ञान लेने के बाद जांच कर कार्रवाई की जा रही है.
"जाहिद परवेज उर्फ कक्कू खान के साथ चार निजी बॉडीगार्ड के हथियार के साथ लैस हो कर सार्वजनिक स्थलों पर घूमने की शिकायत मिली थी. थाने बुलाकर जांच की गई. कोई भी जनप्रतिनिधि या माननीय निजी अंगरक्षक रख हथियार का सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शन करते हैं तो यह नियमों का सरासर उल्लंघन है. वैसे लोगों के विरुद्ध रोहतास पुलिस कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी." -रौशन कुमार, एसपी, रोहतास
रोहतास में बाउंसर का क्रेज: रोहतास में बाउंसर के बढ़ते क्रेज को देखते हुए इनसे निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. हद तो यह है कि जिन लोगों की सुरक्षा में ये बाउंसर तैनात हैं, वे इसे लेकर थाना पहुंचने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जो व्यक्ति बाउंसर लेकर थाना जाता है, वह पुलिस के समक्ष भी अपने आप को असुरक्षित महसूस करता है.
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