हल्द्वानी: कुमाऊं की सबसे बड़ी हल्द्वानी नगर निगम सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है. सपा नेता शोएब अहमद ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. जिसके बाद अब मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच देखा जा रहा है. सपा प्रत्याशी शोएब अहमद मुस्लिम समुदाय से आने वाले कद्दावर नेता माने जाते हैं. ऐसे में अब हल्द्वानी सीट दिलचस्प हो गई है. शोएब अहमद के नाम वापस लेने के बाद से प्रदेश समाजवादी पार्टी नेतृत्व में हलचल पैदा हो गई है और सपा प्रभारी शोएब अहमद को पार्टी से निष्कासित करने के लिए राष्ट्रीय हाई कमान से मांग की जा रह है है.
गौरतलाब हैं की हल्द्वानी में 34 हजार से अधिक मुस्लिम मतदाता है और शोएब अहमद की मुस्लिम मतदाताओं में अच्छी पकड़ है. पिछले दो चुनाव में शोएब अहमद 10 हजार से अधिक मत लेकर तीसरे स्थान पर बने रहते थे, जिसके चलते कांग्रेस प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ रहा था. शोएब अहमद के नामांकन वापस लेने के बाद से मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की संभावना जताई जा रही है.
समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार शोएब अहमद द्वारा नामांकन वापस लेना कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी राजनीतिक राहत के रूप में देखा जा रहा है. चर्चाएं हैं कि शोएब अहमद कांग्रेस प्रत्याशी ललित जोशी के करीबी हैं. जिसके चलते उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया है. शोएब अहमद, जो समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला उन्होंने जनहित में देखते हुए लिया है. पिछले 10 सालों से बीजेपी के मेयर हल्द्वानी में है, जिन्होंने जनता को निराश किया है. इस घटनाक्रम से कांग्रेस को एक मजबूत स्थिति में आने का मौका मिल सकता है, क्योंकि अब मुकाबला सीधा बीजेपी और कांग्रेस के बीच में हो सकता है.
यह कदम आगामी चुनावी रणनीति के तहत लिया गया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका चुनाव परिणामों पर क्या प्रभाव पड़ता है. हल्द्वानी नगर निगम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार रूपेंद्र नागर ने अपना नामांकन पत्र भी वापस लिया है और उन्होंने अपना समर्थन भाजपा प्रत्याशी गजराज बिष्ट को दिया है. हल्द्वानी नगर निगम चुनाव में अब मेयर पद के लिए 10 प्रत्याशी मैदान में हैं. मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच देखा जा रहा है.
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