कानपुर/इटावा: सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव रविवार को पार्टी नेताओं के वैवाहिक कार्यक्रमों में शिरकत करने कानपुर पहुंचे. अखिलेश यादव सबसे पहले नंदलाल जायसवाल के श्याम नगर आवास पर गए. इसके बाद वे किदवई नगर स्थित रायल मंदाकिनी पैलेस पहुंचे, जहां पूर्व विधायक सतीश निगम की पुत्री के वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां पर वे पत्रकारों से रूबरू हुए और इसके बाद इटावा के लिए रवाना हो गए.
सपा प्रमुख ने प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्था पर सवाल उठाए. वहीं दिल्ली में मची भगदड़ पर अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार तो कहती थी कि हमने 100 करोड़ लोगों के आने की व्यवस्था की है. जब इतनी व्यवस्था थी तो फिर जान कैसे चली गई. कहा कि महाकुंभ में वीआईपी ट्रीटमेंट चल रहा है. जबकि आम आदमी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने पॉलिटिकल इमेज चमकाने के लिए प्रचार तो खूब किया, लेकिन व्यवस्था नहीं कर पाए. यह भाजपा का कहना है कि महाकुंभ 144 साल बाद आया है. कहा कि मेरी जानकारी अनुसार अब तक 60 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं, लेकिन सरकार नहाने वालों के आंकड़े भी छिपा रही है. कहा कि भाजपा में करप्शन चरम पर है. हर चीज के लिए रुपए मांगे जा रहे हैं.
कुछ लोग तो ऐसे हैं जो लोग लखनऊ में बैठे हैं लेकिन उनके हाथ की सफाई ऐसी है कि पकड़े भी नहीं जा रहे हैं. आगे अखिलेश ने कहा कि गंगा में अरबों रुपए खर्च होने के बाद भी मैली है. कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव जीतने से भाजपा को लग रहा है कि अयोध्या का बदला ले लिया.
इटावा में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के 27 से 47 तक सरकार न बनने के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि कौन क्या कह रहा है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस समय भारत में सबसे बड़ा आयोजन महाकुंभ चल रहा है. भारतीय जनता पार्टी यह जानती है कि किस तरीके से किसी भी कार्यक्रम और आयोजन का श्रेय लिया जाना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे प्रचार किया है जैसे कि पहले कभी महाकुंभ ही न हुआ हो और जबसे भारतीय जनता पार्टी आई है तभी से महाकुंभ हो रहा है.
अखिलेश ने कहा कि जिस सरकार ने कहा हो कि हमने 100 करोड़ लोगों श्रद्धालुओं और साधु संतों के लिए इंतजाम किया हो और जिस दिन सबसे बड़ा स्नान हुआ उसी दिन लोगों की मौत होती है. जब इस आयोजन की स्टडी होगी, तो इनकी पोल खुल जाएगी. यह जो डबल इंजन की सरकार कहते थे, दिल्ली के हादसे के बाद इनकी डबल इंजन सरकार डबल ब्लंडर की सरकार बन गई है.
अखिलेश ने कहा कि सुनने में यह भी आया है कि जो पत्रकार साथी हॉस्पिटल में जाना चाहते थे, उनको फौज ने रोक दिया. किसी पत्रकार को जानकारी नहीं लेने दी गई. जो यह कहते थे कि महाकुंभ को डिजिटल कर दिया गया है वह यह नहीं बता पा रहे हैं कि कितने लोगों की मौत हुई है. इनका खोया पाया केंद्र भी खो गया है. भारतीय जनता पार्टी को राजनीतिक स्तर पर कार्य नहीं करना चाहिए, जबकि इनको एक परिवार के तौर पर कार्य करना चाहिए.
किसी का पिता खोया है, किसी का बेटा खोया है. किसी के परिवार का अन्य कोई सदस्य खोया है. परिवार की तरह व्यवहार होना चाहिए. नेता की तरह व्यवहार नहीं होना चाहिए. हमारा सरकार से निवेदन है कि महाकुंभ की और तारीख बढ़ाई जाए.
कन्नौज के राजा हर्षवर्धन कुंभ का आयोजन करते थे और 75 दिन होता था. जब राजा हर्षवर्धन कुंभ के आयोजन में जाते थे, तो सभी धर्म के लोगों को बुलाते थे. दान होता था, स्नान होता था. इस सरकार ने क्या दान दिया है. दिल्ली की सरकार ने क्या दान किया है, पता नहीं. हम तो मांग करेंगे कि अकबर का किला जो की संगम नोज पर है, उसको सरकार को दान दे देना चाहिए.