ETV Bharat / state

उत्तराखंड में आयुष नीति बनेगी सरकार का मास्टरस्ट्रोक, दक्षिण भारत की आयुर्वेद कंपनियों पर नजर - UTTARAKHAND AYUSH POLICY

विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 उत्तराखंड के लिए बड़ा प्लेटफार्म, आयुर्वेद कंपनियों पर सरकार की नजर

UTTARAKHAND YOGA POLICY
उत्तराखंड में आयुष नीति बनेगी सरकार का मास्टरस्ट्रोक (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 16, 2024, 6:41 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश की आयुष प्रदेश बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. हाल ही में देहरादून में हुए वर्ल्ड आयुर्वेद सम्मेलन के बाद अब सरकार दक्षिण भारत के राज्यों में मौजूद आयुर्वेद कंपनियों पर फोकस कर शुरू किया है. इसके लिए सरकार, प्रदेश की आयुष नीति- 2023 को सामने रखकर दक्षिण भारत के राज्यों पर फोकस कर रहा है, ताकि दक्षिण भारत की प्रमुख आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं को उत्तराखंड में आने के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके.

इसको लेकर उत्तराखंड आयुष विभाग ने केरल आयुर्वेदशाला, श्रीधर्यम समेत अन्य संस्थाओं के साथ संवाद शुरू कर दिया है. सरकार का मानना है कि विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 उत्तराखंड के लिए एक बड़ा प्लेटफार्म साबित हुआ है. वर्तमान समय में देश की तमाम बड़ी आयुर्वेदिक दवा कंपनियां उत्तराखंड से संबद्ध हैं. यहां दवा निर्माण का कार्य कर रही हैं, लेकिन आयुष स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से समृद्ध केरल और अन्य दक्षिण भारत राज्यों की दवा कंपनियां अब भी उत्तराखंड से दूर है.

साथ ही उत्तराखंड की नजरें ऐसे राज्यों और उनकी दवा कंपनियों पर टिकी हुई हैं. इसके लिए सरकार अब अपनी आयुष नीति के प्रावधानों को सामने रखकर उन्हें आकर्षित करना चाह रही है. अपर सचिव आयुष विजय जोगदंडे के बताया दक्षिण भारत के राज्यों की आयुर्वेद दवा कंपनियों को उत्तराखंड में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. कुछ कंपनियों के साथ बातचीत आगे बढ़ी है. विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का अवसर इस लिहाज से भी काफी मददगार साबित हुआ है.

आयुष के क्षेत्र में उत्तराखंड पहले ही देश का पहला ऐसे राज्य है जिसने आयुष नीति को लागू किया है. दरअसल, साल 2023 में आयुष नीति को लागू की गई है. इसमें आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने, निवेश को प्रोत्साहित करने समेत तमाम बिंदुओं पर फोकस करते हुए प्रावधान किए गए हैं. साथ ही अपर सचिव आयुष ने बताया आयुष नीति लागू होने के बाद से करीब 1200 करोड़ के निवेश धरातल पर उतरे हैं, जो कि एक सकारात्मक संदेश है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा उत्तराखंड में आयुष को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. इस दिशा में आयुष नीति -2023 मील का पत्थर साबित होगी. उत्तराखंड में आयुष नीति के लागू होने के बाद निवेश बढ़ रहा है. आयुष सुविधाओं का विस्तार हो रहा है. विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 के वैश्विक प्लेटफार्म से आयुष नीति का व्यापक प्रचार प्रसार हुआ. जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे.

पढे़ं- योग नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड! ये रहेंगे मुख्य बिंदु -

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश की आयुष प्रदेश बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. हाल ही में देहरादून में हुए वर्ल्ड आयुर्वेद सम्मेलन के बाद अब सरकार दक्षिण भारत के राज्यों में मौजूद आयुर्वेद कंपनियों पर फोकस कर शुरू किया है. इसके लिए सरकार, प्रदेश की आयुष नीति- 2023 को सामने रखकर दक्षिण भारत के राज्यों पर फोकस कर रहा है, ताकि दक्षिण भारत की प्रमुख आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं को उत्तराखंड में आने के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके.

इसको लेकर उत्तराखंड आयुष विभाग ने केरल आयुर्वेदशाला, श्रीधर्यम समेत अन्य संस्थाओं के साथ संवाद शुरू कर दिया है. सरकार का मानना है कि विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 उत्तराखंड के लिए एक बड़ा प्लेटफार्म साबित हुआ है. वर्तमान समय में देश की तमाम बड़ी आयुर्वेदिक दवा कंपनियां उत्तराखंड से संबद्ध हैं. यहां दवा निर्माण का कार्य कर रही हैं, लेकिन आयुष स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से समृद्ध केरल और अन्य दक्षिण भारत राज्यों की दवा कंपनियां अब भी उत्तराखंड से दूर है.

साथ ही उत्तराखंड की नजरें ऐसे राज्यों और उनकी दवा कंपनियों पर टिकी हुई हैं. इसके लिए सरकार अब अपनी आयुष नीति के प्रावधानों को सामने रखकर उन्हें आकर्षित करना चाह रही है. अपर सचिव आयुष विजय जोगदंडे के बताया दक्षिण भारत के राज्यों की आयुर्वेद दवा कंपनियों को उत्तराखंड में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. कुछ कंपनियों के साथ बातचीत आगे बढ़ी है. विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का अवसर इस लिहाज से भी काफी मददगार साबित हुआ है.

आयुष के क्षेत्र में उत्तराखंड पहले ही देश का पहला ऐसे राज्य है जिसने आयुष नीति को लागू किया है. दरअसल, साल 2023 में आयुष नीति को लागू की गई है. इसमें आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने, निवेश को प्रोत्साहित करने समेत तमाम बिंदुओं पर फोकस करते हुए प्रावधान किए गए हैं. साथ ही अपर सचिव आयुष ने बताया आयुष नीति लागू होने के बाद से करीब 1200 करोड़ के निवेश धरातल पर उतरे हैं, जो कि एक सकारात्मक संदेश है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा उत्तराखंड में आयुष को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. इस दिशा में आयुष नीति -2023 मील का पत्थर साबित होगी. उत्तराखंड में आयुष नीति के लागू होने के बाद निवेश बढ़ रहा है. आयुष सुविधाओं का विस्तार हो रहा है. विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 के वैश्विक प्लेटफार्म से आयुष नीति का व्यापक प्रचार प्रसार हुआ. जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे.

पढे़ं- योग नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड! ये रहेंगे मुख्य बिंदु -

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.