भरतपुर. जिले के भोंट फतेहपुर गांव के बाहर तेंदुआ का मूवमेंट देखे जाने की सूचना है. तेंदुआ दिखने की सूचना से ग्रामीणों में भय का माहौल है. वहीं वन विभाग की टीम को भी गांव के बाहर जंगली जानवर के पगमार्क मिले हैं, जो कि संभवतः तेंदुआ के हैं. ऐसे में वन विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर तेंदुआ की तलाश की. साथ ही ग्रामीणों को सचेत कर दिया गया है. वन विभाग की टीम आज फिर से तेंदुआ की तलाश करेगी और उसे पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाया जा सकता है.
गांव फतेहपुर के खेतों में एक ढेचा के खेत में तेंदुआ होने की जानकारी मिल रही है. तेंदुआ के गांव की तरफ आने पर बंदर पेड़ों पर चढ़ गए और चीखना शुरू कर दिया. जैसे ही तेंदुआ गांव की तरफ आने लागा तो ग्रामीणों को देखकर तेंदुआ ढेंचा फसल के खेत में घुस गया. तेंदुआ की सूचना पर मौके पर पहुंचे उच्चैन थाने के एएसआई फतेह सिंह ने बताया की तेंदुआ के पगमार्क जमीन पर मिले हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि तेंदुआ ने दो श्वानों पर हमला किया था.
घना डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि तेंदुआ की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर भेजी गई थी. गांव के बाहर एक वन्यजीव के पगमार्क मिले हैं संभवतः ये तेंदुआ के पगमार्क हैं. टीम ने मौके पर तेंदुआ की तलाश की लेकिन कहीं नजर नहीं आया. ग्रामीणों को सचेत कर दिया है. रविवार को टीम फिर से पगमार्क के 10 किमी क्षेत्र में तेंदुआ की तलाश करेगी. साथ ही हम घना के ट्रैप कैमरों की भी जांच कर रहे हैं. घना में दो दिन पहले ही तेंदुआ नजर आया था. यदि कैमरों में तेंदुआ नजर आता है तो इसका मतलब ये घना का तेंदुआ नहीं है बल्कि अन्य तेंदुआ है.
डीएफओ मानस ने बताया कि हमारी टीम पूरी तरह तैयार है. जरूरत पड़ने पर गांव में पिंजरा भी लगाया जा सकता है. हम रणथंभौर और जयपुर की टीम से भी लगातार संपर्क में हैं. गौरतलब है कि घना में करीब 9 माह से तेंदुआ डेरा डाले हुए है. संभावना है कि घना का तेंदुआ गांव की तरफ निकला हो हालांकि अभी तक इस बारे में कैमरा ट्रैप की जांच के बाद ही स्पष्ट पता चल सकेगा.