ETV Bharat / state

21 दिन बाद खोला गया औचंदी-फिरोजपुर बॉर्डर, पुलिस ने हटाए बैरिकेड, लोगों ने ली राहत की सांस

Auchandi Border Opened: किसान आंदोलन शांत होने के साथ ही बंद किए गए सभी बॉर्डर धीरे-धीरे खुलने लगे हैं. बुधवार को औचंदी बॉर्डर भी 21 दिन बाद खोल दिया गया है. इससे पहले अंबाल-चंडीगढ़ हाईवे भी खुल चुका है.

Auchandi Border Opened
Auchandi Border Opened
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 6, 2024, 10:47 PM IST

सोनीपत: किसान आंदोलन-2 की घोषणा के साथ किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद बंद किए गए औचंदी-फिरोजपुर बॉर्डर को आखिरकार 21 दिन बाद खोल दिया गया. बॉर्डर खुलने से खरखौदा और आसपास के क्षेत्रों के साथ ही अन्य वाहन चालकों को बड़ी राहत मिली है. मार्ग से बैरिकेड हटाने के बाद ट्रैफिक सामान्य हो गया है.

औचंदी बॉर्डर खुलने से पहले कुंडली बॉर्डर पर 26 फरवरी को राहत दी गई थी. हालांकि कुंडली बॉर्डर के मुख्य फ्लाईओवर अभी भी बंद हैं. पानीपत-दिल्ली मार्ग पर सर्विस रोड की एक लेन खोलने से लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है. किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद पंजाब के किसान 13 फरवरी को अंबाला के शंभू बॉर्डर पर आ डटे थे. वहां से दिल्ली कूच के प्रयास में किसानों का सुरक्षा बलों के साथ टकराव भी हुआ. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने कुंडली-सिंघु बॉर्डर के साथ ही औचंदी-फिरोजपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया था.

वाहन चालकों की परेशानी और किसान-सरकार के बीच सुलह की उम्मीद के चलते कुंडली बॉर्डर को आंशिक रुप से खोल दिया गया था. 26 फरवरी को दिल्ली-पानीपत मार्ग की दोनों और पानीपत-दिल्ली मार्ग पर सर्विस रोड की एक लेन को खोला गया था. कई दिनों से वाहन चालक लगातार यह मांग कर रहे थे कि किसान आंदोलन शांत हो गया है तो बॉर्डर को पूरी तरह से खोल दिया जाए, लेकिन किसानों ने एक बार फिर 6 मार्च को दिल्ली कूच का एलान कर दिया था. हालांकि इससे प्रदेश के साथ ही पंजाब के किसानों को दूर रहने को कहा गया था.

औचंदी-फिरोजपुर बॉर्डर बंद होने से दिल्ली आवागमन के लिए खरखौदा और आसपास के लोगों को लंबा फेर लगाकर दिल्ली पहुंचना पड़ रहा था. इससे काफी नुकसान के साथ ही समय भी लग रहा था. कामकाजी लोगों पर इसका सीधा असर पड़ रहा था. बुधवार को बॉर्डर खोलने से वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है. किसानों को रोकने के लिए यहां पर 13 फरवरी को दिल्ली पुलिस की तरफ से बैरिकेड, कंटीले तार, स्लैब और कंटेनर रखकर इस बॉर्डर को भी अन्य बॉर्डरों की तरह बंद कर दिया गया था. इसे 21 दिन के बाद बुधवार को खोल दिया गया. दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर रखे भारी पत्थरों और अवरोधकों को हटा दिया, जिसके बाद ट्रैफिक सामान्य हो गया.

कुंडली-सिंघु बॉर्डर के आसपास के लोगों के साथ ही हाईवे पर सफर करने वाले वाहन चालकों ने अब नेशनल हाईवे-44 को भी पूरी तरह खोलने की मांग की है. उनका कहना है कि बॉर्डर लगातार बंद रहने के कारण नुकसान हो रहा है. उन्हें घंटों जाम में फंसना पड़ रहा है. इसे लेकर दिल्ली पुलिस का कहना है कि एक-दो दिन में इसे लेकर फैसला किया जाएगा.

ये भी पढ़ें:

सोनीपत: किसान आंदोलन-2 की घोषणा के साथ किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद बंद किए गए औचंदी-फिरोजपुर बॉर्डर को आखिरकार 21 दिन बाद खोल दिया गया. बॉर्डर खुलने से खरखौदा और आसपास के क्षेत्रों के साथ ही अन्य वाहन चालकों को बड़ी राहत मिली है. मार्ग से बैरिकेड हटाने के बाद ट्रैफिक सामान्य हो गया है.

औचंदी बॉर्डर खुलने से पहले कुंडली बॉर्डर पर 26 फरवरी को राहत दी गई थी. हालांकि कुंडली बॉर्डर के मुख्य फ्लाईओवर अभी भी बंद हैं. पानीपत-दिल्ली मार्ग पर सर्विस रोड की एक लेन खोलने से लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है. किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद पंजाब के किसान 13 फरवरी को अंबाला के शंभू बॉर्डर पर आ डटे थे. वहां से दिल्ली कूच के प्रयास में किसानों का सुरक्षा बलों के साथ टकराव भी हुआ. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने कुंडली-सिंघु बॉर्डर के साथ ही औचंदी-फिरोजपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया था.

वाहन चालकों की परेशानी और किसान-सरकार के बीच सुलह की उम्मीद के चलते कुंडली बॉर्डर को आंशिक रुप से खोल दिया गया था. 26 फरवरी को दिल्ली-पानीपत मार्ग की दोनों और पानीपत-दिल्ली मार्ग पर सर्विस रोड की एक लेन को खोला गया था. कई दिनों से वाहन चालक लगातार यह मांग कर रहे थे कि किसान आंदोलन शांत हो गया है तो बॉर्डर को पूरी तरह से खोल दिया जाए, लेकिन किसानों ने एक बार फिर 6 मार्च को दिल्ली कूच का एलान कर दिया था. हालांकि इससे प्रदेश के साथ ही पंजाब के किसानों को दूर रहने को कहा गया था.

औचंदी-फिरोजपुर बॉर्डर बंद होने से दिल्ली आवागमन के लिए खरखौदा और आसपास के लोगों को लंबा फेर लगाकर दिल्ली पहुंचना पड़ रहा था. इससे काफी नुकसान के साथ ही समय भी लग रहा था. कामकाजी लोगों पर इसका सीधा असर पड़ रहा था. बुधवार को बॉर्डर खोलने से वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है. किसानों को रोकने के लिए यहां पर 13 फरवरी को दिल्ली पुलिस की तरफ से बैरिकेड, कंटीले तार, स्लैब और कंटेनर रखकर इस बॉर्डर को भी अन्य बॉर्डरों की तरह बंद कर दिया गया था. इसे 21 दिन के बाद बुधवार को खोल दिया गया. दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर रखे भारी पत्थरों और अवरोधकों को हटा दिया, जिसके बाद ट्रैफिक सामान्य हो गया.

कुंडली-सिंघु बॉर्डर के आसपास के लोगों के साथ ही हाईवे पर सफर करने वाले वाहन चालकों ने अब नेशनल हाईवे-44 को भी पूरी तरह खोलने की मांग की है. उनका कहना है कि बॉर्डर लगातार बंद रहने के कारण नुकसान हो रहा है. उन्हें घंटों जाम में फंसना पड़ रहा है. इसे लेकर दिल्ली पुलिस का कहना है कि एक-दो दिन में इसे लेकर फैसला किया जाएगा.

ये भी पढ़ें:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.