कुल्लू: लद्दाख की मांगों को लेकर पर्यावरणविद सोनम वांगचुक लेह से दिल्ली तक पदयात्रा पर निकले हैं. कुल्लू के ढालपुर पहुंचे सोनम वांगचुक ने लद्दाख में अफसरशाही पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि साल 2020 में केंद्र सरकार द्वारा लद्दाख को कई तरह की सुविधा देने की बात कही गई थी, लेकिन आज वो सब मुद्दे ठंडे बस्ते में पड़ गए हैं. ऐसे में लेह से लेकर दिल्ली की जो पदयात्रा शुरू की गई है, वो इन्हीं सभी मुद्दों के लिए है, ताकि लद्दाख को उसका वास्तविक हक मिल सके. सोनम वांगचुक ने कहा कि आज लद्दाख में अफसरशाही हावी है और हिमालय को बचाने की दिशा में भी कोई काम नहीं किया जा रहा है.
हिमाचल संरक्षण में रखा पक्ष
सोनम वांगचुक ने कहा कि ऐसे में उनकी मांग है कि लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा दिया जाए और जो मुद्दे एपेक्स बॉडी द्वारा उठाए गए हैं, उन सभी मुद्दों पर भी सरकार द्वारा जल्द से जल्द गौर किया जाए. उन्होंने कहा कि हिमालय पूरे उत्तर भारत को पानी उपलब्ध करवाता है और साफ हवा भी हिमालय से मिलती है. ऐसे में किसी भी कीमत पर हिमालय का शोषण नहीं होना चाहिए. हिमालय में अगर विकास करना है तो पहले इसके प्रबंधन के बारे में भी सोचना होगा, ताकि उचित तरीके से हिमालय में विकास हो और इससे हिमालय के पर्यावरण पर भी कोई बुरा असर ना पड़े.
इस दिन खत्म होगी पदयात्रा
सोनम वांगचुक ने कहा कि लेह से लेकर दिल्ली की पदयात्रा 2 अक्टूबर को समाप्त की जाएगी. इस पदयात्रा में जिस तरह से हिमालय क्षेत्र के लोगों का समर्थन मिल रहा है, उससे लगता है कि अब लोग हिमालय के संरक्षण के प्रति गंभीर हो रहे हैं. जिसके आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरकार के समक्ष हिमालय पर्यावरण के मुद्दों को लेकर भी विशेष रूप से चर्चा की जाएगी. सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लेह से दिल्ली तक पदयात्रा 1 सितंबर से शुरू की गई.