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फर्जी दस्तावेजों के सहारे 18 साल तक करता रहा पीएसी में नौकरी, ऐसे खुला राज - Fake Pac Jawan

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 22, 2024, 10:25 PM IST

पीएसी बाराबंकी में तैनात एक सिपाही पिछले 18 सालों से अपना राज छिपाकर नौकरी कर रहा था. अब जांच हुई तो सिपाही से अपराधी बन गया. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है?

पीएसी बाराबंकी
पीएसी बाराबंकी (सांकेतिक तस्वीर)

बाराबंकी: फर्जी दस्तावेजों के सहारे एक व्यक्ति पिछले 18 वर्षों से पीएसी में नौकरी कर रहा था. शिकायत हुई तो जांच में युवक द्वारा विभाग में जमा किये गए दस्तावेज फर्जी पाए गए. इसके बाद बाराबंकी के 10वीं वाहिनी पीएसी सेनानायक ने आरोपी आरक्षी को निलंबित कर केस दर्ज कराया है.

मसौली थाना एसएचओ अरुण कुमार के मुताबिक, गोरखपुर जिले के सिकरीगंज थाना क्षेत्र के सथरा मोहन गांव निवासी रविन्द्र कुमार 10वीं वाहनी पीएसी बाराबंकी में आरक्षी चालक पद पर तैनात है. पिछले 18 वर्षों से यह नौकरी कर रहा है. भर्ती के समय रविंद्र ने 30 अगस्त 2006 को अपने को अनुसूचित जाति का बताकर और दस्तावेज दाखिल किया था. जबकि वास्तविक में रविंद्र यादव है, जो ओबीसी श्रेणी में आती है. रविन्द्र कुमार की शिकायत डीएम गोरखपुर से किसी ने शिकायत की थी.

जिलाधिकारी गोरखपुर ने रविन्द्र कुमार के प्रमाणपत्रों की जांच के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक अयोध्या को लिखा. पुलिस उप महानिरीक्षक ने रविन्द्र कुमार के जाति प्रमाण पत्र की जांच 26वीं पीएसी वाहिनी गोरखपुर के सहायक सेनानायक को सौंपी. जांच करने के बाद सेनानायक गोरखपुर ने अपनी जांच रिपोर्ट 29 अप्रैल को सौंप दी. जांच में यह निकल कर आया कि रविन्द्र द्वारा सेवा अभिलेखों में अपनी जाति अनुसूचित जाति अंकित की गई है. जबकि परिवार रजिस्टर व खण्ड विकास अधिकारी खजनी गोरखपुर द्वारा की गई जांच में रविन्द्र अहीर जाति का निकला.

जिला प्रशासन गोरखपुर द्वारा भेजे गए जांच रिपोर्ट पर आरोपी आरक्षी चालक रविन्द्र कुमार दोषी पाया गया. दोषी पाए जाने पर 10वीं वाहिनी पीएसी सेनानायक बाराबंकी ने रवीन्द्र कुमार को निलंबित कर उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए. इसके बाद शिविरपाल उमेश कुमार राय की तहरीर पर मसौली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. एसएचओ मसौली अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

इसे भी पढ़ें-कूटरचित दस्तावेज से बैंक को लगाया साढ़े चार करोड़ का चूना, एक गिरफ्तार

बाराबंकी: फर्जी दस्तावेजों के सहारे एक व्यक्ति पिछले 18 वर्षों से पीएसी में नौकरी कर रहा था. शिकायत हुई तो जांच में युवक द्वारा विभाग में जमा किये गए दस्तावेज फर्जी पाए गए. इसके बाद बाराबंकी के 10वीं वाहिनी पीएसी सेनानायक ने आरोपी आरक्षी को निलंबित कर केस दर्ज कराया है.

मसौली थाना एसएचओ अरुण कुमार के मुताबिक, गोरखपुर जिले के सिकरीगंज थाना क्षेत्र के सथरा मोहन गांव निवासी रविन्द्र कुमार 10वीं वाहनी पीएसी बाराबंकी में आरक्षी चालक पद पर तैनात है. पिछले 18 वर्षों से यह नौकरी कर रहा है. भर्ती के समय रविंद्र ने 30 अगस्त 2006 को अपने को अनुसूचित जाति का बताकर और दस्तावेज दाखिल किया था. जबकि वास्तविक में रविंद्र यादव है, जो ओबीसी श्रेणी में आती है. रविन्द्र कुमार की शिकायत डीएम गोरखपुर से किसी ने शिकायत की थी.

जिलाधिकारी गोरखपुर ने रविन्द्र कुमार के प्रमाणपत्रों की जांच के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक अयोध्या को लिखा. पुलिस उप महानिरीक्षक ने रविन्द्र कुमार के जाति प्रमाण पत्र की जांच 26वीं पीएसी वाहिनी गोरखपुर के सहायक सेनानायक को सौंपी. जांच करने के बाद सेनानायक गोरखपुर ने अपनी जांच रिपोर्ट 29 अप्रैल को सौंप दी. जांच में यह निकल कर आया कि रविन्द्र द्वारा सेवा अभिलेखों में अपनी जाति अनुसूचित जाति अंकित की गई है. जबकि परिवार रजिस्टर व खण्ड विकास अधिकारी खजनी गोरखपुर द्वारा की गई जांच में रविन्द्र अहीर जाति का निकला.

जिला प्रशासन गोरखपुर द्वारा भेजे गए जांच रिपोर्ट पर आरोपी आरक्षी चालक रविन्द्र कुमार दोषी पाया गया. दोषी पाए जाने पर 10वीं वाहिनी पीएसी सेनानायक बाराबंकी ने रवीन्द्र कुमार को निलंबित कर उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए. इसके बाद शिविरपाल उमेश कुमार राय की तहरीर पर मसौली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. एसएचओ मसौली अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

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