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सैनिक का पार्थिव शरीर पहुंचा घर; राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, सभी की आंखें हुई नम

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 10, 2024, 9:19 PM IST

फायरिंग में गोली लगने से घायल हुए कासगंज के सैनिक की इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं, शनिवार को सैनिक के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ कासंगज में उनके पैतृक गांव नौरथा लाया गया. जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ सैनिक का अंतिम संस्कार किया गया.

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कासगंज : कासगंज के रहने वाले और असम में तैनात सैनिक की विगत दिनों हुई फायरिंग में घायल होने के उपरांत इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद शनिवार को सैनिक का पार्थिव शरीर कासगंज लाया गया. जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ सैनिक का अंतिम संस्कार किया गया.

बता दें, कासगंज जिले की सदर तहसील क्षेत्र के गांव नौरथा के रहने वाले रमेश चंद्र यादव असम राइफल बटालियन में जूनियर कमीशन अधिकारी के पद पर मणिपुर में तैनात थे. बीती 24 जनवरी को उनके ही कैंप पर एक संत्री ने जवानों पर फायरिंग कर दी थी. जिसमें रमेश चंद्र और अन्य पांच जवान घायल हो गए थे. सभी घायल जवानों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन, गुरुवार को इलाज के दौरान कासगंज के सैनिक रमेश चंद्र ने दम तोड़ दिया. इसके बाद शनिवार को उनके पार्थिव शरीर को सैनिकों की एक टुकड़ी मणिपुर से कासगंज में उनके गांव नौरथा लेकर पहुंची. जैसे ही शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर गांव नौरथा में पहुंचा तो परिवारीजन और सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े.

आगरा आर्मी कैंप बेस के सूबेदार करतार सिंह के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी शहीद का शव लेकर कासगंज के नौरथा गांव पहुंची और गार्ड ऑफ ऑनर देकर पूरे सैन्य सम्मान के साथ शव का अंतिम संस्कार किया. इसके साथ ही शहीद सैनिक के बेटे को आगरा आर्मी कैंप बेस के सूबेदार करतार सिंह ने तिरंगा भेंट किया. बता दें कि मृतक सैनिक रमेश चंद्र के परिवार में पत्नी कुसमा देवी, दो बेटियां सुदीक्षा और भूमिका हैं जबिक एक नेटा नवनीत है.

कासगंज : कासगंज के रहने वाले और असम में तैनात सैनिक की विगत दिनों हुई फायरिंग में घायल होने के उपरांत इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद शनिवार को सैनिक का पार्थिव शरीर कासगंज लाया गया. जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ सैनिक का अंतिम संस्कार किया गया.

बता दें, कासगंज जिले की सदर तहसील क्षेत्र के गांव नौरथा के रहने वाले रमेश चंद्र यादव असम राइफल बटालियन में जूनियर कमीशन अधिकारी के पद पर मणिपुर में तैनात थे. बीती 24 जनवरी को उनके ही कैंप पर एक संत्री ने जवानों पर फायरिंग कर दी थी. जिसमें रमेश चंद्र और अन्य पांच जवान घायल हो गए थे. सभी घायल जवानों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन, गुरुवार को इलाज के दौरान कासगंज के सैनिक रमेश चंद्र ने दम तोड़ दिया. इसके बाद शनिवार को उनके पार्थिव शरीर को सैनिकों की एक टुकड़ी मणिपुर से कासगंज में उनके गांव नौरथा लेकर पहुंची. जैसे ही शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर गांव नौरथा में पहुंचा तो परिवारीजन और सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े.

आगरा आर्मी कैंप बेस के सूबेदार करतार सिंह के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी शहीद का शव लेकर कासगंज के नौरथा गांव पहुंची और गार्ड ऑफ ऑनर देकर पूरे सैन्य सम्मान के साथ शव का अंतिम संस्कार किया. इसके साथ ही शहीद सैनिक के बेटे को आगरा आर्मी कैंप बेस के सूबेदार करतार सिंह ने तिरंगा भेंट किया. बता दें कि मृतक सैनिक रमेश चंद्र के परिवार में पत्नी कुसमा देवी, दो बेटियां सुदीक्षा और भूमिका हैं जबिक एक नेटा नवनीत है.

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