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जजरेड़ पहाड़ी भूस्खलन जोन पर मिट्टी की जांच शुरू, ट्रीटमेंट के लिए तैयार होगी डीपीआर - JAJRED SOIL TESTING

जौनसार बावर की लाइफलाइन कालसी चकराता मोटर रोड पर जजरेड़ का भूस्खलन जोन बना सिरदर्द, अब स्थायी समाधान के लिए मिट्टी की जांच शुरू

JAJRED SOIL TESTING
जजरेड़ लैंडस्लाइड जोन (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 27, 2024, 4:52 PM IST

विकासनगर: कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर नासूर जजरेड़ पहाड़ी लैंडस्लाइड जोन के ट्रीटमेंट को लेकर जांच शुरू हो गई है. जिसके तहत मिट्टी आदि की जांच की जा रही है. जांच के बाद लोनिवि सहिया की ओर से डीपीआर तैयार की जाएगी. जिसे शासन को भेजा जाएगा. माना जा रहा है कि शासन से अप्रूवल मिलने के बाद जजरेड़ पहाड़ी का ट्रीटमेंट किया जाएगा.

जजरेड़ पहाड़ी से भूस्खलन बना मुसीबत: जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी-चकराता मोटर मार्ग के डेंजर जोन जजरेड़ पहाड़ी से बरसात के दिनों में भारी भूस्खलन होता है. जिससे मोटर मार्ग आए दिन बंद हो जाता है, जिसके कारण लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बरसात के अलावा सामान्य दिनों में भी इस मार्ग पर पहाड़ी से पत्थर गिरते रहते हैं. इस जगह पर कई वाहन क्षतिग्रस्त होने के साथ ही कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं.

Jajred Soil Testing
मिट्टी की जांच शुरू (फोटो- ETV Bharat)

केबल ब्रिज बनाने के लिए कराई जा चुकी मिट्टी की जांच: कई बार इसका स्थायी समाधान निकालने का प्रयास किया गया. इसके लिए तत्कालीन और वर्तमान सरकार के जनप्रतिनिधियों ने कई बार लोक निर्माण विभाग सहिया को भूस्खलन जोन की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए. जिसके बाद लोनिवि सहिया ने भूस्खलन जोन पर करीब 200 मीटर लंबे केबल ब्रिज बनाने के लिए सड़क के दोनों ओर की मिट्टी की जांच भी कराई. ब्रिज बनाने के लिए करोड़ों रुपए की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा, लेकिन जजरेड़ भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट नहीं हो सका.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने लिया था जायजा: वहीं, दो महीने पहले कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने महासू देवता के जागड़ा पर्व में शामिल होने हनोल जाते वक्त कालसी-चकराता मोटर मार्ग के जजरेड़ भूस्खलन जोन पर अपना काफिला रोका. जिसके बाद उन्होंने भूस्खलन जोन का जायजा लिया था. साथ ही मौके पर ही लोनिवि सहिया के अधिकारियों को जजरेड़ पहाड़ी भूस्खलन के ट्रीटमेंट को लेकर निर्देशित किया था. अब लोनिवि और टीएचडीसी के बीच गठित टीम जजरेड़ पहाड़ी के पास भूस्खलन जोन पर मिट्टी की जांच कर रही है.

क्या हो पाएगा स्थायी समाधान? इससे पहले भी केबल ब्रिज बनाने को लेकर मिट्टी की जांज कराई गई थी. जिसके लिए करोड़ों रुपए की डीपीआर लोनिवि सहिया की ओर से शासन को भेजी गई थी. बावजूद इसके मिट्टी की जांच तक ही कार्य सीमित रहा था. अब देखना ये होगा कि क्या इस बार जजरेड़ पहाड़ी के भूस्खलन से क्षेत्र के लोगों को निजात मिल पाएगी या फिर मिट्टी की जांच करा कर इतिश्री की जाएगी.

कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड पहाड़ी भूस्खलन जोन पर टीएचडीसी की ओर से मिट्टी की जांच की जा रही है. जांच के बाद लोनिवि की ओर से डीपीआर शासन को भेजी जाएगी. स्वीकृति मिलते ही ट्रीटमेंट का काम शुरू किया जाएगा. - रचना थपलियाल, अधिशासी अभियंता,लोक निर्माण विभाग सहिया

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जजरेड़ पहाड़ी से भूस्खलन बना मुसीबत: जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी-चकराता मोटर मार्ग के डेंजर जोन जजरेड़ पहाड़ी से बरसात के दिनों में भारी भूस्खलन होता है. जिससे मोटर मार्ग आए दिन बंद हो जाता है, जिसके कारण लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बरसात के अलावा सामान्य दिनों में भी इस मार्ग पर पहाड़ी से पत्थर गिरते रहते हैं. इस जगह पर कई वाहन क्षतिग्रस्त होने के साथ ही कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं.

Jajred Soil Testing
मिट्टी की जांच शुरू (फोटो- ETV Bharat)

केबल ब्रिज बनाने के लिए कराई जा चुकी मिट्टी की जांच: कई बार इसका स्थायी समाधान निकालने का प्रयास किया गया. इसके लिए तत्कालीन और वर्तमान सरकार के जनप्रतिनिधियों ने कई बार लोक निर्माण विभाग सहिया को भूस्खलन जोन की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए. जिसके बाद लोनिवि सहिया ने भूस्खलन जोन पर करीब 200 मीटर लंबे केबल ब्रिज बनाने के लिए सड़क के दोनों ओर की मिट्टी की जांच भी कराई. ब्रिज बनाने के लिए करोड़ों रुपए की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा, लेकिन जजरेड़ भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट नहीं हो सका.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने लिया था जायजा: वहीं, दो महीने पहले कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने महासू देवता के जागड़ा पर्व में शामिल होने हनोल जाते वक्त कालसी-चकराता मोटर मार्ग के जजरेड़ भूस्खलन जोन पर अपना काफिला रोका. जिसके बाद उन्होंने भूस्खलन जोन का जायजा लिया था. साथ ही मौके पर ही लोनिवि सहिया के अधिकारियों को जजरेड़ पहाड़ी भूस्खलन के ट्रीटमेंट को लेकर निर्देशित किया था. अब लोनिवि और टीएचडीसी के बीच गठित टीम जजरेड़ पहाड़ी के पास भूस्खलन जोन पर मिट्टी की जांच कर रही है.

क्या हो पाएगा स्थायी समाधान? इससे पहले भी केबल ब्रिज बनाने को लेकर मिट्टी की जांज कराई गई थी. जिसके लिए करोड़ों रुपए की डीपीआर लोनिवि सहिया की ओर से शासन को भेजी गई थी. बावजूद इसके मिट्टी की जांच तक ही कार्य सीमित रहा था. अब देखना ये होगा कि क्या इस बार जजरेड़ पहाड़ी के भूस्खलन से क्षेत्र के लोगों को निजात मिल पाएगी या फिर मिट्टी की जांच करा कर इतिश्री की जाएगी.

कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड पहाड़ी भूस्खलन जोन पर टीएचडीसी की ओर से मिट्टी की जांच की जा रही है. जांच के बाद लोनिवि की ओर से डीपीआर शासन को भेजी जाएगी. स्वीकृति मिलते ही ट्रीटमेंट का काम शुरू किया जाएगा. - रचना थपलियाल, अधिशासी अभियंता,लोक निर्माण विभाग सहिया

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