देहरादून: पूरा देश भीषण गर्मी का प्रकोप झेल रहा है. राजधानी देहरादून भी गर्मी से अछूती नहीं है. समर में बच्चे आइसक्रीम समेत तमाम ठंडी चीजों का सेवन करते हैं, जिससे उन्हें कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल भीषण गर्मी के कारण आम दिनों की तुलना में बाल रोग विभाग की ओपीडी बढ़कर 170 के आसपास पहुंच गई है. गलत खानपान के चलते बच्चों में उल्टी-दस्त की समस्या भी पैदा हो रही है, जिससे बच्चे डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं.
बच्चों के लिए घर पर तैयार करें जूस और आइसक्रीम: बाल रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर (रिटायर) मेजर गौरव मुखिजा ने बताया कि छोटे बच्चों को बाहर से जूस और आइसक्रीम न दिलाए, बल्कि उनके लिए घर पर ही शुद्ध आइसक्रीम और जूस तैयार करें, ताकि बच्चे दूषित खानपान से बच सकें. उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों को दोपहर के वक्त खुले मैदाने में खेलने ना जाने दें, ताकि वे गर्मी के प्रकोप से बच सकें.
बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या: गौरव मुखिजा ने बताया कि गर्मी के मौसम में हीट वेव जैसे हालात पैदा हो रहे हैं, जिससे अभिभावक अपने बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या लेकर दून अस्पताल की ओपीडी पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि रोजाना हेपेटाइटिस ए, गैस्ट्रोएन्टराइटिस और टाइफाइड से ग्रसित करीब सात बच्चों को एडमिट करने की नौबत आ रही है.
हेपेटाइटिस ए की शुरुआत में पीलापन नजर नहीं आता: हेपेटाइटिस ए की शुरुआत होने पर बच्चों में पीलापन नजर नहीं आता है. उसके बाद आंख के ऊपर वाले हिस्से में पीलिया नजर आने लगता है और फिर धीरे-धीरे पीलिया बढ़ने लगता है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाले ज्यादातर बच्चों में जी मचलाना, उल्टी आना और कमजोरी जैसे लक्षण दिख रहे हैं.
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