ETV Bharat / state

आखिर क्यों नागपंचमी पर गोबर का नाग है जरूरी, भोलेनाथ से जुड़ा है कनेक्शन - Nag Panchami 2024

नागपंचमी के दिन गोबर से नाग बनाने की परम्परा सालों से चली आ रही है. इस बारे में ईटीवी भारत ने ज्योतिष प्रियाशरण त्रिपाठी से बातचीत की. आइए जानते हैं नागपंचमी पर गोबर नाग बनाना क्यों है जरूरी.

NAG PANCHAMI 2024
गोबर से नाग बनाने की परम्परा (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 8, 2024, 6:21 PM IST

आखिर क्यों नागपंचमी पर गोबर का नाग है जरूरी (ETV Bharat)

रायपुर: सावन माह में दो पंचमी तिथि पड़ती है. पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष. दोनों पंचमी पर लोग नागपंचमी मनाते हैं. हालांकि अधिकतर लोग शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाते हैं. 9 अगस्त यानी कि शुक्रवार को नागपंचमी है. इस दिन नाग देवता और नागमाता की विशेष पूजा की जाती है. सनातन धर्म में नाग देवता भगवान भोलेनाथ के प्रिय माने जाते हैं. इस दिन विशेष रूप से हिंदू धर्म में गाय के गोबर से नाग की आकृति बनाकर पूजा करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. इसलिए नाग पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से नाग की आकृति बनाकर पूरे विधि-विधान से नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. साथ ही जातक को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं. घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से नाग देवता की आकृति बनाई जाती है.

गोबर से नाग बनाने की परम्परा: गोबर से नाग की आकृति के पिछे की क्या मान्यता है, जानने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिष पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की. उन्होंने बताया, "सनातन धर्म में गाय और सर्प का बड़ा महत्व है. सर्प की पूजा करने से जातक के संतान के जीवन में आने वाले अवरोध या परेशानियां दूर होती है. गाय के बारे में ऐसा कहां गया है कि गाय में सभी प्रकार के देवता वास करते हैं, इसलिए गाय के गोबर से सर्प बनाकर उसकी पूजा की जाती हैं. ताकि पूरे साल घर में समृद्धि बनी रहे. जल और अन्न के देवता की कृपा बरसती रहे. इसके साथ ही घर में शिव पार्वती की कृपा हो, अन्नपूर्णा की कृपा हो, घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो, नाग का भय ना हो. मान्यता यह भी है कि नाग को धन और धान्य का देवता भी माना गया है. इसलिए नाग पंचमी के दिन गाय के गोबर से नाग बनाकर उसकी पूजा की जाती है. जब कभी भी गाय के गोबर से गणेश या सर्प की आकृति या मूर्ति बनाई जाती है, तो वह परिवार में समृद्धि और खुशहाली लाती है."

जानिए नागपंचमी का शुभ मुहूर्त: 9 अगस्त के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का समय शाम को 5:45 से लेकर रात 8:27 तक रहेगा. वहीं, पूजा का दोपहर का शुभ मुहूर्त 12:13 से लेकर दोपहर 1:00 तक रहेगा. प्रदोष काल में भी पूजा का शुभ मुहूर्त है. शाम को 6:35 से रात्रि 8:20 तक पूजा का मुहूर्त है. इन मुहूर्तों में नागपंचमी की पूजा करना शुभ है.

नोट: यहां लिखी सारी बातें पंडित जी द्वारा कही गई बातें हैं. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.

नागपंचमी पर 8 तरह के नागों की पूजा, शुभ संयोग से इस बार सिद्धि योग - Snakes worshipped on nag panchami
Shree Krishna Janmashtami: बिलासपुर के वेंकटेश मंदिर में विशेष झूला उत्सव, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
छत्तीसगढ़ का नागलोक जशपुर में खूबसूरत सांपों का कलेक्शन, इस सर्पलोक में मिलती है रेयर स्नेक्स की वैरायटी - Snakes In Nagalok Jashpur

आखिर क्यों नागपंचमी पर गोबर का नाग है जरूरी (ETV Bharat)

रायपुर: सावन माह में दो पंचमी तिथि पड़ती है. पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष. दोनों पंचमी पर लोग नागपंचमी मनाते हैं. हालांकि अधिकतर लोग शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाते हैं. 9 अगस्त यानी कि शुक्रवार को नागपंचमी है. इस दिन नाग देवता और नागमाता की विशेष पूजा की जाती है. सनातन धर्म में नाग देवता भगवान भोलेनाथ के प्रिय माने जाते हैं. इस दिन विशेष रूप से हिंदू धर्म में गाय के गोबर से नाग की आकृति बनाकर पूजा करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. इसलिए नाग पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से नाग की आकृति बनाकर पूरे विधि-विधान से नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. साथ ही जातक को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं. घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से नाग देवता की आकृति बनाई जाती है.

गोबर से नाग बनाने की परम्परा: गोबर से नाग की आकृति के पिछे की क्या मान्यता है, जानने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिष पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की. उन्होंने बताया, "सनातन धर्म में गाय और सर्प का बड़ा महत्व है. सर्प की पूजा करने से जातक के संतान के जीवन में आने वाले अवरोध या परेशानियां दूर होती है. गाय के बारे में ऐसा कहां गया है कि गाय में सभी प्रकार के देवता वास करते हैं, इसलिए गाय के गोबर से सर्प बनाकर उसकी पूजा की जाती हैं. ताकि पूरे साल घर में समृद्धि बनी रहे. जल और अन्न के देवता की कृपा बरसती रहे. इसके साथ ही घर में शिव पार्वती की कृपा हो, अन्नपूर्णा की कृपा हो, घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो, नाग का भय ना हो. मान्यता यह भी है कि नाग को धन और धान्य का देवता भी माना गया है. इसलिए नाग पंचमी के दिन गाय के गोबर से नाग बनाकर उसकी पूजा की जाती है. जब कभी भी गाय के गोबर से गणेश या सर्प की आकृति या मूर्ति बनाई जाती है, तो वह परिवार में समृद्धि और खुशहाली लाती है."

जानिए नागपंचमी का शुभ मुहूर्त: 9 अगस्त के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का समय शाम को 5:45 से लेकर रात 8:27 तक रहेगा. वहीं, पूजा का दोपहर का शुभ मुहूर्त 12:13 से लेकर दोपहर 1:00 तक रहेगा. प्रदोष काल में भी पूजा का शुभ मुहूर्त है. शाम को 6:35 से रात्रि 8:20 तक पूजा का मुहूर्त है. इन मुहूर्तों में नागपंचमी की पूजा करना शुभ है.

नोट: यहां लिखी सारी बातें पंडित जी द्वारा कही गई बातें हैं. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.

नागपंचमी पर 8 तरह के नागों की पूजा, शुभ संयोग से इस बार सिद्धि योग - Snakes worshipped on nag panchami
Shree Krishna Janmashtami: बिलासपुर के वेंकटेश मंदिर में विशेष झूला उत्सव, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
छत्तीसगढ़ का नागलोक जशपुर में खूबसूरत सांपों का कलेक्शन, इस सर्पलोक में मिलती है रेयर स्नेक्स की वैरायटी - Snakes In Nagalok Jashpur
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.