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आगरा की शूज फर्म के जीएसटी पर कफ सीरप की तस्करी, जांच में हुआ खुलासा... जानें पूरा मामला - Agra shoes firm raid

आगरा के शूज फर्म के जीएसटी नंबर से बिलिंग करके कफ सीरप की तस्करी हो रही थी. आगरा में औषधि विभाग की जांच में चौंकाने वाला खुलासा होने से तस्करों में खलबली मची हुई है. कारोबारी इससे करोड़ो रुपये कमा रहे थे.

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शूज फर्म के जीएसटी पर कफ सीरप की तस्करी (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 7, 2024, 12:32 PM IST

आगरा: जिला अब नकली और नशीली दवाओं का गढ़ बन गया है. आगरा से अवैध तरीके से नकली और नशीली दवाएं बांग्लादेश और पाकिस्तान तक भेजी जाती हैं. अभी ताजा मामला आगरा से डमी फर्मों के जीएसटी से नशीली दवाओं की तस्करी के करोडों रुपये के खेल का है. शूज फर्म के जीएसटी नंबर से बिलिंग करके कफ सीरप की तस्करी हो रही थी. आगरा में औषधि विभाग की जांच में चौंकाने वाला खुलासा होने से तस्करों में खलबली मची हुई है. आगरा से जांच रिपोर्ट हापुड़ और लखनऊ मुख्यालय में ड्रग कंट्रोलर को भेजी है. जिससे नशीली दवा कारोबार में लिप्त तस्करों पर कार्रवाई हो.

बता दें कि, 20 सितंबर 2023 को औषधि विभाग की टीम ने हापुड़ में ओम ट्रांसपोर्ट एजेंसी पर छापामार कार्रवाई की थी. टीम को छापमार कार्रवाई में कोडिंग युक्त कफ सीरप की 152 पेटियां मिली थीं. ये बरामद किए गए कफ सीरप हापुड़ के अरिहंत और गढ़मुक्तेश्वर के एएके मेडिकल डिस्ट्रीब्यूटर के भेजे गए थे. जहां पर भंडारण नहीं किया सकता था. इस पर औषधि विभाग के अधिकारियों ने जांच की तो तस्करी नेटवर्क की परतें खुलती चली गईं. तस्कर फेनसीड्रिल यानी कफ सीरप को दवा नहीं, नशे के लिए तस्करी करते थे. जो यूपी और बिहार के विभिन्न जिलों में खपाई जाती थी.

इसे भी पढ़े-आगरा में सैंपल की दवाओं का चल रहा अवैध कारोबार, वीडियो वायरल

आगरा में एक्टिव था जीएसटी नंबर: औषधि विभाग की जांच में सामने आया है, कि जिस जीएसटी नंबर से कफ सीरप की खेप भेजी गई थी. वो जीएसटी नंबर आगरा में एक्टिव है. जिसकी जांच आगरा में औषधि विभाग ने की. इसको लेकर हाथरस में ही एक मुकदमा भी दर्ज किया गया था.

जांच करके रिपोर्ट भेजी: आगरा में औषधि विभाग की जांच में संजय प्लेस की एक शूज फर्म के जीएसटी नंबर से कफ सीरप की बिलिंग करने की पुष्टि हुई. इसके साथ ही जांच में अरिहंत डिस्टीब्यूटर, एके एंड संस, एनएस ट्रांसपोर्ट, ओम ट्रांसपोर्ट के नाम सामने आए. तस्कर इनके जरिए ही बिहार, वाराणसी, गाजियाबाद, आजमगढ़, आगरा, कानपुर, कासगंज में कफ सीरप की भेजते थे. आगरा के सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि, जो जांच मिली थी. उसकी जांच के बाद जांच रिपोर्ट तैयार करके हापुड़ और लखनऊ ड्रग कंट्रोलर ऑफिस भेज दी है.

यह भी पढ़े-GST और BIS के विरोध में सड़क पर उतरे शूज कारोबारी, पीएम से मिलने के लिए दिल्ली पैदल मार्च का ऐलान

आगरा: जिला अब नकली और नशीली दवाओं का गढ़ बन गया है. आगरा से अवैध तरीके से नकली और नशीली दवाएं बांग्लादेश और पाकिस्तान तक भेजी जाती हैं. अभी ताजा मामला आगरा से डमी फर्मों के जीएसटी से नशीली दवाओं की तस्करी के करोडों रुपये के खेल का है. शूज फर्म के जीएसटी नंबर से बिलिंग करके कफ सीरप की तस्करी हो रही थी. आगरा में औषधि विभाग की जांच में चौंकाने वाला खुलासा होने से तस्करों में खलबली मची हुई है. आगरा से जांच रिपोर्ट हापुड़ और लखनऊ मुख्यालय में ड्रग कंट्रोलर को भेजी है. जिससे नशीली दवा कारोबार में लिप्त तस्करों पर कार्रवाई हो.

बता दें कि, 20 सितंबर 2023 को औषधि विभाग की टीम ने हापुड़ में ओम ट्रांसपोर्ट एजेंसी पर छापामार कार्रवाई की थी. टीम को छापमार कार्रवाई में कोडिंग युक्त कफ सीरप की 152 पेटियां मिली थीं. ये बरामद किए गए कफ सीरप हापुड़ के अरिहंत और गढ़मुक्तेश्वर के एएके मेडिकल डिस्ट्रीब्यूटर के भेजे गए थे. जहां पर भंडारण नहीं किया सकता था. इस पर औषधि विभाग के अधिकारियों ने जांच की तो तस्करी नेटवर्क की परतें खुलती चली गईं. तस्कर फेनसीड्रिल यानी कफ सीरप को दवा नहीं, नशे के लिए तस्करी करते थे. जो यूपी और बिहार के विभिन्न जिलों में खपाई जाती थी.

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आगरा में एक्टिव था जीएसटी नंबर: औषधि विभाग की जांच में सामने आया है, कि जिस जीएसटी नंबर से कफ सीरप की खेप भेजी गई थी. वो जीएसटी नंबर आगरा में एक्टिव है. जिसकी जांच आगरा में औषधि विभाग ने की. इसको लेकर हाथरस में ही एक मुकदमा भी दर्ज किया गया था.

जांच करके रिपोर्ट भेजी: आगरा में औषधि विभाग की जांच में संजय प्लेस की एक शूज फर्म के जीएसटी नंबर से कफ सीरप की बिलिंग करने की पुष्टि हुई. इसके साथ ही जांच में अरिहंत डिस्टीब्यूटर, एके एंड संस, एनएस ट्रांसपोर्ट, ओम ट्रांसपोर्ट के नाम सामने आए. तस्कर इनके जरिए ही बिहार, वाराणसी, गाजियाबाद, आजमगढ़, आगरा, कानपुर, कासगंज में कफ सीरप की भेजते थे. आगरा के सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि, जो जांच मिली थी. उसकी जांच के बाद जांच रिपोर्ट तैयार करके हापुड़ और लखनऊ ड्रग कंट्रोलर ऑफिस भेज दी है.

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