रांची: राजधानी रांची के नामकुम, बुंडू, दशम, अनगड़ा, राहे, तुपुदाना, तमाड़, पिठोरिया और खरसीदाग थाना क्षेत्रों में बडे पैमाने पर अफीम की खेती की गई है. खतरनाक बात यह है कि जहां-जहां अफीम की फसल उगाई गई थी वहां की फसल अब तैयार हो गई है. इन इलाकों में रांची पुलिस के द्वारा लगातार अभियान चलाकर लगभग 20 एकड़ में लगे अफीम की खेती को नष्ट किया जा चुका है लेकिन अभी भी सैटेलाइट इमेज के अनुसार सभी थाना क्षेत्र में लगभग 200 एकड़ जमीन पर अफीम की फसल तैयार हो चुकी है.
अफीम को खेतों से बाहर निकालने के लिए तस्कर लोकल सपोर्ट तलाश रहे हैं. सूचना यह भी है कि उन्हें कुछ लोकल सपोर्टर मिल भी गए हैं जो लगातार अफीम को रातों-रात राजधानी से बाहर निकलने में उनकी मदद भी कर रहे हैं. इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद स्पेशल ब्रांच के द्वारा रांची पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को भी सतर्क किया गया है.
तस्करों और उग्रवादियों का लगा हुआ है पैसा
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अफीम की खेती में बड़े पैमाने पर नशे के तस्कर और उग्रवादियों का पैसा लगा हुआ है. क्योंकि अब फसल तैयार हो चुका है ऐसे में अफीम को बाहर निकालने की पूरी तैयारी की जा रही है. अफीम तस्कर इसके लिए ग्रामीणों की मदद भी ले रहे हैं.
सूचना के बाद अलर्ट हुई पुलिस, अनाज-भूसा के ट्रक पर नजर
तैयार अफीम को जंगल से बाहर निकालने के लिए तस्कर अनाज और भूसा के ट्रैकों का प्रयोग करते हैं ऐसे में रांची एसएसपी के द्वारा सभी थाना प्रभारी को यह निर्देश दिया गया है कि वह भूसा और अनाज ढोने वाले ट्रैकों पर विशेष नजर रखें.
पुलिस से लेकर चौकीदार तक हुए एक्टिव
ग्रामीण इलाकों में अफीम तस्करों की चहलकदमी को लेकर पुलिस से लेकर ग्रामीण इलाकों में तैनात चौकीदारों तक को अलर्ट किया गया है. सभी को यह पता लगाने का निर्देश दिया गया कि अफीम निकालने में कौन लोग तस्करों का साथ दे रहे हैं. ऐसे लोगों को चिहिन्त कर उन पर कार्रवाई करें.
अफीम तस्करी के आरोप में जेल गए तस्करों पर नजर
एक तरफ जहां पुलिस इंटर डिस्ट्रिक्ट चेक पोस्ट पर नजर रखे हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ वैसे अफीम तस्कर जो पहले कभी ना कभी जेल जा चुके हैं उन पर भी नजर रखी जा रही है. पुलिस की टीम यह पता लग रही है कि अफीम तस्कर जो जेल में थे वे जमानत पर निकले है तो फिलहाल कहां हैं और वे क्या कर रहे हैं. कहीं वह फिर से अफीम की तस्करी में शामिल तो नहीं है. अगर उसकी संग्लिपता सामने आती है तो ऐसे तस्करों को चिहिन्त कर न सिर्फ जेल भेजें, बल्कि उन पर सीसीए के तहत कार्रवाई करें.
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