देहरादून: जंगलों में वनकर्मियों को पेट्रोलिंग के दौरान कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है. यह समस्याएं जंगल की परिस्थितियों और वन्य जीव के खतरों से जुड़ी होती हैं. ऐसी ही कई दिक्कतों के समाधान के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क प्रशासन में एक स्मार्ट स्टिक के उपयोग को लेकर शुरुआत की है. दावा किया जा रहा है कि इस स्मार्ट स्टिक के जरिए जंगलों में वन कर्मियों की कई समस्याएं दूर की जा सकेंगी. फिलहाल राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ स्मार्ट स्टिक को इस्तेमाल करने के लिए खरीदा है. यदि इसकी उपयोगिता बेहतर पाई जाती है तो बाद में सभी वन कर्मियों के लिए भी इसे खरीदे जाने पर विचार किया जाएगा.
स्मार्ट स्टिक के ये हैं फायदे: स्मार्ट स्टिक के एक नहीं बल्कि कई फायदे बताए जा रहे हैं. सवा मीटर लंबी इस स्मार्ट स्टिक का वजन 1 किलो है. इसमें दो एलईडी लाइट लगी हुई हैं. इसके अलावा इमरजेंसी लाइट का फीचर भी इसमें दिया गया है. स्मार्ट स्टिक में तेज आवाज करने वाला सायरन भी लगाया गया है, जबकि फोन चार्ज करने का भी ऑप्शन इसमें मौजूद है. इतना ही नहीं इस स्टिक में करंट का झटका देने की भी क्षमता है. मेटल की बनी यह स्टिक करंट का हल्का झटका देती है, जो किसी के लिए भी तगड़ा झटका तो होता है. इसके झटके से किसी की जान नहीं जा सकती है.
स्मार्ट स्टिक का ऐसे हो सकता है इस्तेमाल: स्मार्ट स्टिक के उपयोग के रूप में देखें तो अंधेरा होने पर वन कर्मी इस स्टिक की एलइडी लाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं. इमरजेंसी की स्थिति में इमरजेंसी लाइट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा यदि कोई वन्य जीव वनकर्मी के पास आता है तो इसमें सायरन का बटन दबाकर तेज आवाज से उसे वन्य जीव को दूर किया जा सकता है. यही नहीं इसका इस्तेमाल उस स्थिति में भी हो सकता है यदि कोई वनकर्मी अपने साथी वन कर्मियों से गलती से अलग हो जाए या रास्ता भटक जाए तो भी सायरन के जरिए अपनी लोकेशन की जानकारी वह दे सकता है. पेट्रोलिंग के दौरान यदि किसी वनकर्मी का फोन डेड हो जाता है तो इस स्थिति से वह अपने फोन को चार्ज भी कर सकता है. इसके अलावा यदि कोई वन्य जीव वनकर्मी पर हमला कर दे तो वह स्थिति में हल्के करंट का झटका देकर उसे भगा सकता है.
राजाजी रिजर्व प्रशासन ने खरीदी 11 स्मार्ट स्टिक: फिलहाल राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने 11 स्टिक खरीदी हैं. जिनका राजाजी पार्क में कुछ वन कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है. राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडोला ने कहा इसका वन कर्मियों को बहुत फायदा मिलेगा. फिलहाल इसे पहले चरण में उपयोगिता चैक करने के तौर पर लिया गया है. अभी इन स्मार्ट स्टिक की संख्या कम है. यदि इनकी परफॉर्मेंस बेहतर दिखाई देती है तो भविष्य में बाकी जगहों के लिए भी इन्हें खरीदा जा सकता है.
इन राज्यों में स्मार्ट स्टिक का हो रहा इस्तेमाल: वैसे राजाजी टाइगर रिजर्व में इसका पहली बार इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इससे पहले महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार जैसे राज्यों में इसका इस्तेमाल हो रहा है. उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्र में भी इसकी जरूरत महसूस की जा रही है. लिहाजा राजाजी टाइगर रिजर्व में उसके उपयोग की दिशा में कदम बढ़ाया है.