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HNB विवि में इस सत्र से छात्रों के बनेंगे स्मार्ट कार्ड, मिलेंगे कई फायदे - HNB University Smart Card

HNB University Smart Card गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए डिजिटल आईकार्ड बनाए जाएंगे, जिसमें चिप भी लगी होगी. इसके बन जाने से छात्रसंघ चुनाव के दौरान फर्जी मतदान पर रोक लगेगी. साथ ही कार्ड खोने की स्थिति में निर्धारित शुल्क का भुगतान कर नया दिया जाएगा.

Hemvati Nandan Bahuguna Garhwal University
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 30, 2024, 10:41 AM IST

गढ़वाल विश्वविद्यालय में छात्रों के बनेंगे स्मार्ट कार्ड (Video-ETV Bharat)

श्रीनगर: गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों का अब डिजिटल पहचान पत्र बनेगा. यह परिचय पत्र के साथ लाइब्रेरी कार्ड का भी कार्य करेगा. इससे जहां छात्रसंघ चुनाव के दौरान फर्जी मतदान की संभावना शून्य हो जायेगी. वहीं छात्रों को साल दर साल नये आई कार्ड बनाने से भी निजात मिलेगी. आधुनिक सेवाओं से युक्त आरएफआईडी कार्ड की कीमत सौ रुपये रखी गई है. इस पहचान पत्र में क्यूआर कोड, बारकोड के साथ साथ आधुनिक नॉन विजिबल चिप भी लगी हुई है.

डिजिटल आईकार्ड बनाने की कवायद: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से बढ़ रहा है. विवि के नियंता मंडल ने छात्रों के आई कार्ड को अपग्रेड किया है, अब छात्रों का डिजिटल आई कार्ड विवि द्वारा प्रवेश के दौरान बनाया जायेगा. इससे छात्रों को कोर्स पूरा होने तक दूसरा आई कार्ड बनाने की आवश्यकता नहीं होगी, जबकि लाइब्रेरी कार्ड बनाने से भी निजात मिलेगी. डिजिटल आई कार्ड बनाने के लिए विवि स्तर पर नियंता मंडल द्वारा पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया था, जिन्हें इस डिजिटल आईकार्ड को बनाने के लिए अध्ययन में 6 माह का समय लगा.

डेटा अपडेट के लिए करना होगा भुगतान: टीम के संयोजक डॉ देवेंद्र सिंह ने कहा कि पहली बार गढ़वाल विवि में इस तरह का आधुनिक आई कार्ड प्रयोग में लाया जायेगा. इसे आरएफआईडी कार्ड यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिजिटल कार्ड के नाम से जाना जायेगा. इसमें बार कोड, क्यू कोड समेत फेस आईडी की सुविधा उपलब्ध रहेगी. साथ ही विवि में अध्ययनरत छात्र की शैक्षणिक व पुस्तकालय की गतिविधि एक क्लिक पर उपलब्ध हो जायेगी. डॉ देवेंद्र सिंह ने बताया कि कार्ड में प्रति साल छात्र के डाटा को अपडेट करना होगा, लेकिन नया आई कार्ड बनाने की छात्रों को आवश्यकता नहीं पड़ेगी. हालांकि प्रति वर्ष डेटा अपडेट के लिए छात्रों को सौ रुपये का भुगतान करना पड़ेगा.

समर्थ पोर्टल से छात्रों का डाटा आई कार्ड बनाने के लिए लिया जाएगा. शुरुआती समय पर कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उन्हें ठीक कर लिया जायेगा. नये शैक्षणिक सत्र 2024-25 को लेकर प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही विवि में प्रवेश लेने वाले छात्रों को आरएफआईडी कार्ड निर्गत कर दिया जायेगा. पीजी व पीएचडी के छात्रों को इंस्टीट्यूशनल डोमेन आईडी उपलब्ध कराने की भी योजना है. प्रो. बीपी नैथानी, मुख्य नियंता, गढ़वाल विवि.

फर्जी मतदान से मिलेगी निजात: गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव के दौरान छात्र संगठन फर्जी मतदान किये जाने का आरोप लगाते थे. आरएफआईडी कार्ड बनने से फर्जी मतदान की संभावनाएं भी शून्य हो जायेगी. छात्रसंघ चुनाव में फेस आईडी का प्रयोग किया जायेगा. मतदान स्थल के बाहर डिजिटल मशीन लगाई जाएगी, जिसमें आरएफआईडी कार्ड से छात्र की फेस आईडी की पहचान की जाएगी, एक बार छात्र मतदान कर दे तो 24 घंटे के लिए कार्ड ब्लॉक हो जायेगा.

कार्ड खोने पर क्या करें छात्र: अगर छात्र आरएफआईडी कार्ड को खो देता है तो नया कार्ड बनाने के लिए उसे 200 रुपये का भुगतान करने के साथ नजदीकी पुलिस स्टेशन में कार्ड खोने की एफआईआर दर्ज करानी होगी. हालांकि छात्र का डिजिटल डाटा कार्ड खोने के बाद भी सुरक्षित रहेगा.

पढ़ें-गढ़वाल केंद्रीय विवि ने रजिस्ट्रेशन के लिए लॉन्च किया 'समर्थ पोर्टल', ऐसे करें यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अप्लाई

गढ़वाल विश्वविद्यालय में छात्रों के बनेंगे स्मार्ट कार्ड (Video-ETV Bharat)

श्रीनगर: गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों का अब डिजिटल पहचान पत्र बनेगा. यह परिचय पत्र के साथ लाइब्रेरी कार्ड का भी कार्य करेगा. इससे जहां छात्रसंघ चुनाव के दौरान फर्जी मतदान की संभावना शून्य हो जायेगी. वहीं छात्रों को साल दर साल नये आई कार्ड बनाने से भी निजात मिलेगी. आधुनिक सेवाओं से युक्त आरएफआईडी कार्ड की कीमत सौ रुपये रखी गई है. इस पहचान पत्र में क्यूआर कोड, बारकोड के साथ साथ आधुनिक नॉन विजिबल चिप भी लगी हुई है.

डिजिटल आईकार्ड बनाने की कवायद: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से बढ़ रहा है. विवि के नियंता मंडल ने छात्रों के आई कार्ड को अपग्रेड किया है, अब छात्रों का डिजिटल आई कार्ड विवि द्वारा प्रवेश के दौरान बनाया जायेगा. इससे छात्रों को कोर्स पूरा होने तक दूसरा आई कार्ड बनाने की आवश्यकता नहीं होगी, जबकि लाइब्रेरी कार्ड बनाने से भी निजात मिलेगी. डिजिटल आई कार्ड बनाने के लिए विवि स्तर पर नियंता मंडल द्वारा पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया था, जिन्हें इस डिजिटल आईकार्ड को बनाने के लिए अध्ययन में 6 माह का समय लगा.

डेटा अपडेट के लिए करना होगा भुगतान: टीम के संयोजक डॉ देवेंद्र सिंह ने कहा कि पहली बार गढ़वाल विवि में इस तरह का आधुनिक आई कार्ड प्रयोग में लाया जायेगा. इसे आरएफआईडी कार्ड यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिजिटल कार्ड के नाम से जाना जायेगा. इसमें बार कोड, क्यू कोड समेत फेस आईडी की सुविधा उपलब्ध रहेगी. साथ ही विवि में अध्ययनरत छात्र की शैक्षणिक व पुस्तकालय की गतिविधि एक क्लिक पर उपलब्ध हो जायेगी. डॉ देवेंद्र सिंह ने बताया कि कार्ड में प्रति साल छात्र के डाटा को अपडेट करना होगा, लेकिन नया आई कार्ड बनाने की छात्रों को आवश्यकता नहीं पड़ेगी. हालांकि प्रति वर्ष डेटा अपडेट के लिए छात्रों को सौ रुपये का भुगतान करना पड़ेगा.

समर्थ पोर्टल से छात्रों का डाटा आई कार्ड बनाने के लिए लिया जाएगा. शुरुआती समय पर कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उन्हें ठीक कर लिया जायेगा. नये शैक्षणिक सत्र 2024-25 को लेकर प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही विवि में प्रवेश लेने वाले छात्रों को आरएफआईडी कार्ड निर्गत कर दिया जायेगा. पीजी व पीएचडी के छात्रों को इंस्टीट्यूशनल डोमेन आईडी उपलब्ध कराने की भी योजना है. प्रो. बीपी नैथानी, मुख्य नियंता, गढ़वाल विवि.

फर्जी मतदान से मिलेगी निजात: गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव के दौरान छात्र संगठन फर्जी मतदान किये जाने का आरोप लगाते थे. आरएफआईडी कार्ड बनने से फर्जी मतदान की संभावनाएं भी शून्य हो जायेगी. छात्रसंघ चुनाव में फेस आईडी का प्रयोग किया जायेगा. मतदान स्थल के बाहर डिजिटल मशीन लगाई जाएगी, जिसमें आरएफआईडी कार्ड से छात्र की फेस आईडी की पहचान की जाएगी, एक बार छात्र मतदान कर दे तो 24 घंटे के लिए कार्ड ब्लॉक हो जायेगा.

कार्ड खोने पर क्या करें छात्र: अगर छात्र आरएफआईडी कार्ड को खो देता है तो नया कार्ड बनाने के लिए उसे 200 रुपये का भुगतान करने के साथ नजदीकी पुलिस स्टेशन में कार्ड खोने की एफआईआर दर्ज करानी होगी. हालांकि छात्र का डिजिटल डाटा कार्ड खोने के बाद भी सुरक्षित रहेगा.

पढ़ें-गढ़वाल केंद्रीय विवि ने रजिस्ट्रेशन के लिए लॉन्च किया 'समर्थ पोर्टल', ऐसे करें यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अप्लाई

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