मंडी: अस्पतालों में इलाज करवाने आए मरीजों के लिए सबसे बड़ी परेशानी होती है कि उन्हें लंबी-लंबी कतारों में खड़े रहकर पर्ची कटवानी पड़ती है. जिससे की मरीजों को और ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है. मरीजों को इसी दिक्कत से निजात दिलाने के लिए हिमाचल के जोनल अस्पताल मंडी ने एक नई पहल शुरू की है, जिससे मरीजों या उनके तीमारदारों को लंबी-लंबी लाइनों में लगकर घंटों इंतजार नहीं करना होगा. अब पर्ची काउंटर पर पहुंचे ही पर्ची झट से बन जाएगी, जिसके लिए बस एक क्यूआर कोड को स्कैन करने की जरूरत है.
क्यूआर कोड स्कैन करने से कैसे बनेगी पर्ची ?
मंडी के जोनल अस्पताल में आपको पर्ची के लिए इंतजार न करना पड़े और आपके काउंटर पर पहुंचते ही पर्ची मिल जाए, इसके लिए मोबाइल फोन पर 'आभा' ऐप डाउनलोड करके पेशेंट का अकाउंट खोलना होगा. इसके बाद काउंटर पर लगाए गए क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा, जिसके बाद एक घंटे के लिए एक टोकन नंबर जनरेट होगा. इसके बाद पर्ची काउंटर पर सिर्फ टोकन नंबर, पिता का नाम और जिस विभाग में मरीज को दिखाना है, ये सब बताने के साथ ही आपकी पर्ची बन जाएगी. क्यूआर कोड को भविष्य में पर्ची बनाने के लिए मोबाइल की गैलरी में भी रखा जा सकेगा. जब भी पर्ची बनानी हो तो आभा ऐप में क्यूआर कोड को स्कैन किया, टोकन नंबर लिया औप पर्ची काउंटर पर थोड़ी सी जानकारी देने के बाद पर्ची बना ली.
ट्रायल बेसिस पर शुरू की ये व्यवस्था
जोनल अस्पताल मंडी के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डीएस वर्मा ने बताया, " डीसी मंडी ने पर्ची बनाने में घंटों लगने वाली लाइन की समस्या को दूर करने के निर्देश दिए हैं. जिसके तहत फिलहाल ट्रायल बेसिस पर ये व्यवस्था की गई है. अगर ये व्यवस्था पूरी तरह से सफल रही तो पर्ची काउंटर पर पर्चियां बहुत जल्दी बनना शुरू हो जाएंगी. अभी तक पर्ची बनाने के लिए मरीज का नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल नंबर, पता, जिस विभाग में दिखाना है उसकी सारी जानकारी देनी होती है. इसे भरने में काफी समय लग जाता था. नई व्यवस्था में अगर कोई क्यूआर कोड को स्कैन करके पर्ची बनाने आता है तो सिर्फ टोकन नंबर, पिता का नाम और जिस विभाग में दिखाना है बताने पर पर्ची तुरंत बन जाएगी."
आगामी समय में घर पर बनेगी पर्चियां !
वहीं, डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि जोनल अस्पताल के पर्ची काउंटर पर लगने वाली लंबी लाइनों का मामला उनके ध्यान में था. उन्होंने प्रशासन को इसमें सुधार करने के निर्देश दिए थे, ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को राहत मिल सके. उन्होंने उम्मीद जताई कि क्यूआर कोड को स्कैन करने से पर्ची बनाने से व्यवस्था में सुधार आएगा. आगे भी ऐसी व्यवस्था किए जाने पर विचार किया जा रहा है कि अस्पताल आने वाले मरीज की घर पर ही पर्ची बन जाए. डीसी मंडी ने बताया कि छुट्टी से अगले दिन अस्पताल आने वाले मरीजों की ज्यादा संख्या को देखते हुए अस्पताल के पिछली ओर कोविड के दौरान बनाए गए काउंटर में भी 9:30 बजे से लेकर 1:30 बजे तक पर्चियां बनाई जा रही हैं.