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पीटीआर में देखा गया छठा टाइगर, एमपी के बाघों को लुभा रहा है झारखंड - SIXTH TIGER SPOTTED IN PTR

पलामू टाइगर रिजर्व में छठा बाघ देखा गया जो पहले से मौजूद बाघों से नया है. यह बाघ मध्य प्रदेश से यहां आया है.

Sixth tiger entered here from MP
पलामू टाइगर रिजर्व में छठा बाघ देखा गया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 29, 2024, 5:32 PM IST

पलामूः जिले के पलामू टाइगर रिजर्व में छठे बाघ को देखने की पुष्टि हुई है, जो झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर गढ़वा के इलाके में मौजूद है. पिछले डेढ़ वर्षों में पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में एक बाघिन एवं चार बाघों के मूवमेंट की पुष्टि हुई है. सभी बाघों की तस्वीर कैमरे में कैद हुई है.

छठे बाघ ने पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में मवेशियों का शिकार किया है. जिसके बाद पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) प्रबंधन ने बाघ के पगमार्क एवं स्कैट का सैंपल लिया था. पगमार्क एवं स्कैट की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि इलाके में नया बाघ दाखिल हुआ है. हालांकि छठे बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद नहीं हुई है. जिस इलाके में बाघ का मूवमेंट है उस इलाके में हाई अलर्ट जारी किया गया है एवं ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं. बाघ के मूवमेंट वाले इलाके में अतिरिक्त कर्मियों की भी तैनाती की गई है.

पीटीआर निदेशक, कुमार आशुतोष ने बताया कि पलामू टाइगर रिजर्व में जिस छठे बाघ की एंट्री हुई है. उस बाघ ने अब तक कई मवेशियों का शिकार किया है. यह बाघ पहले से मौजूद बाघों से नया है एवं मध्य प्रदेश के इलाके से दाखिल हुआ है. इलाके में निगरानी बढ़ाई गई है एवं ट्रैकिंग कैमरों को भी लगाया गया है. पीटीआर के लिए यह सुखद है कि इलाके में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है.

एमपी के बाघों को लुभा रहा है पलामू टाइगर रिजर्व

पलामू टाइगर रिजर्व में पिछले वर्षों में छह बाघों की एंट्री हुई है. सभी बाघों का लिंक मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से जुड़ा है. मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघ निकलकर पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पहुंच रहे हैं. पलामू टाइगर रिजर्व एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बीच की दूरी करीब 400 किलोमीटर है. बाघों के इस कॉरीडोर में छत्तीसगढ़ के दो टाइगर रिजर्व भी शामिल हैं. बांधवगढ़ से बाघ निकलने के बाद छत्तीसगढ़ के गुरु घसीदाग टाइगर रिजर्व होते हुए पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में दाखिल हो रहे हैं.

पीटीआर में बाघों के प्रवास लिए की जा रही है पहल

पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों के रुके रहने लिए कई स्तर पर पहल की जा रही है. पीटीआर के चार अलग-अलग इलाकों में सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए जा रहे हैं. वहीं ग्रास लैंड को भी विकसित किया जा रहा है. पीटीआर प्रबंधन हिरण एवं चीतल को छत्तीसगढ़ के सेवा सीमावर्ती इलाकों में भी शिफ्ट करने की योजना पर कार्य कर रहा है ताकि बाघों को भोजन मिल सके. फिलहाल पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में बाघ बड़ी संख्या में मवेशियों का शिकार कर अपना पेट भर रहे हैं.

बाघ बढ़ा रहे अपनी टेरिटरी, एमपी के रास्ते झारखंड में दाखिल हो रहे टाइगर्स!

पीटीआर में बाघिन की एंट्री! चार बाघ के बाद एक बाघिन की पुष्टि - Comfirmed Tigress in PTR

बाघ की आहट से गढ़वा में दहशत, वन विभाग ने ग्रामीणों से की जंगल में नहीं जाने की अपील

पलामूः जिले के पलामू टाइगर रिजर्व में छठे बाघ को देखने की पुष्टि हुई है, जो झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर गढ़वा के इलाके में मौजूद है. पिछले डेढ़ वर्षों में पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में एक बाघिन एवं चार बाघों के मूवमेंट की पुष्टि हुई है. सभी बाघों की तस्वीर कैमरे में कैद हुई है.

छठे बाघ ने पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में मवेशियों का शिकार किया है. जिसके बाद पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) प्रबंधन ने बाघ के पगमार्क एवं स्कैट का सैंपल लिया था. पगमार्क एवं स्कैट की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि इलाके में नया बाघ दाखिल हुआ है. हालांकि छठे बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद नहीं हुई है. जिस इलाके में बाघ का मूवमेंट है उस इलाके में हाई अलर्ट जारी किया गया है एवं ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं. बाघ के मूवमेंट वाले इलाके में अतिरिक्त कर्मियों की भी तैनाती की गई है.

पीटीआर निदेशक, कुमार आशुतोष ने बताया कि पलामू टाइगर रिजर्व में जिस छठे बाघ की एंट्री हुई है. उस बाघ ने अब तक कई मवेशियों का शिकार किया है. यह बाघ पहले से मौजूद बाघों से नया है एवं मध्य प्रदेश के इलाके से दाखिल हुआ है. इलाके में निगरानी बढ़ाई गई है एवं ट्रैकिंग कैमरों को भी लगाया गया है. पीटीआर के लिए यह सुखद है कि इलाके में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है.

एमपी के बाघों को लुभा रहा है पलामू टाइगर रिजर्व

पलामू टाइगर रिजर्व में पिछले वर्षों में छह बाघों की एंट्री हुई है. सभी बाघों का लिंक मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से जुड़ा है. मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघ निकलकर पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पहुंच रहे हैं. पलामू टाइगर रिजर्व एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बीच की दूरी करीब 400 किलोमीटर है. बाघों के इस कॉरीडोर में छत्तीसगढ़ के दो टाइगर रिजर्व भी शामिल हैं. बांधवगढ़ से बाघ निकलने के बाद छत्तीसगढ़ के गुरु घसीदाग टाइगर रिजर्व होते हुए पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में दाखिल हो रहे हैं.

पीटीआर में बाघों के प्रवास लिए की जा रही है पहल

पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों के रुके रहने लिए कई स्तर पर पहल की जा रही है. पीटीआर के चार अलग-अलग इलाकों में सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए जा रहे हैं. वहीं ग्रास लैंड को भी विकसित किया जा रहा है. पीटीआर प्रबंधन हिरण एवं चीतल को छत्तीसगढ़ के सेवा सीमावर्ती इलाकों में भी शिफ्ट करने की योजना पर कार्य कर रहा है ताकि बाघों को भोजन मिल सके. फिलहाल पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में बाघ बड़ी संख्या में मवेशियों का शिकार कर अपना पेट भर रहे हैं.

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