कांकेर : अंतागढ़ पुलिस की मुस्तैदी के कारण छह नक्सली सदस्य सलाखों के पीछे हैं.अंतागढ़ थाना क्षेत्र के नवागांव में पुलिस ने नक्सलियों के प्रचार प्रसार का काम करते हुए छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है.इनके पास से पुलिस ने बैनर,पोस्टर बरामद किए हैं.ये सभी तीन मोटरसाइकिल में सवार होकर आए थे.जिन्हें जब्त कर लिया गया है.
छह नक्सली सदस्य गिरफ्तार : कांकेर पुलिस के मुताबिक सूचना मिली थी कि बड़ेधौसा जंगल से अंतागढ़ शहर की ओर नक्सली संगठन के प्रचार-प्रसार के इरादे से बैनर पोस्टर लगाने नक्सल सदस्य आने वाले हैं. सूचना पर थाना प्रभारी अंतागढ़ के नेतृत्व में पुलिस टीम रवाना हुई. नवागांव नदी पुलिया के पास सड़क पर पुलिस ने मोबाइल चेक पोस्ट लगाया था. जहां आमागांव तरफ से अंतागढ़ आ रहे 3 मोटर सायकिल में सवार 6 लोग दिखाई दिए.जैसे ही मोटर साइकिल सवार जंगल के बीच गाड़ी से उतरे पुलिस ने घेराबंदी करके छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
कौन हैं पकड़े गए नक्सली ? : पुलिस के पूछताछ करने पर नक्सली सदस्यों ने अपना नाम लखन लाल नुरूटी, शैलेन्द्र कुपाल, सुकरेन ध्रुव, हेमराज मंडावी, हरिश कुमार बघेल, सुनतेर गावड़े बताया.जो बड़ेधौसा में नक्सल प्रचार प्रसार करने आए थे.आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि सभी नक्सली प्रचार प्रसार का काम देखते है.इनके पास से पुलिस ने 3 नग लाल कलर का बैनर, 50 नग पम्पलेट को बरामद किया है.जो अंतागढ़ शराब भट्टी के पास लगाने वाले थे.
बीजापुर में गिरफ्त में आए तीन हार्डकोर नक्सली: मंगलवार को फरसेगढ़ में जवानों की सर्चिंग अभियान के दौरान आलवाड़ा से दो नक्सलियों को जवानों ने गिरफ्तार किया था. पकड़े गए दोनों नक्सली मिलिशिया सदस्य थे. पकड़े गए नक्सली पुलिस पर फायरिंग और जवानों की टीम पर हमला करने का संगीन आरोप हैं. दोनों नक्सलियों पर स्थायी वारंट भी लंबित था. पुलिस ने दोनों नक्सलियों पर दस दस हजार का इनाम भी रखा था. पकड़े गए दोनों नक्सलियों को पुलिस ने बीजापुर कोर्ट में पेश किया है.
राजनांदगांव में नक्सलियों ने किया सरेंडर : राजनांदगांव में मिलिशिया कमांडर सहित तीन संघम सदस्यों ने हथियार सहित सरेंडर किया. समर्पण करने वाले नक्सलियों को शासन की ओर से प्रोत्साहन राशि दी गई. तीनों नक्सलियों ने राजनांदगांव एसपी रत्ना सिंह के सामने सरेंडर किया. छत्तीसगढ़ में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत लगातार जवानों को बड़ी सफलता मिल रही है. हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों की भी संख्या लगातार बढ़ी है.