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54 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, ढोल बजाकर रैयतों को वापस दिलायी 8 बीघा जमीन - SIWAN COURT DECISION

सिवान में 54 साल बाद कोर्ट के फैसले के कारण रैयतों को उनकी 8 बीघा जमीन वापस मिली है. ढोल बजाकर मालिकाना हक दिलाया गया.

SIWAN COURT DECISION
सिवान सिविल कोर्ट का फैसला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 1, 2024, 2:54 PM IST

सिवान: कहते हैं कि भगवान के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं. यह कहावत सिवान में उन रैयतों के लिए सच साबित हुई, जिनको पूरे 54 साल बाद उनकी जमीन वापस मिली. मामला जिले के आंदर थाना क्षेत्र के भैरराजपुर गांव के सबरी पोखरा के पूरब साइड का है. जहां कोर्ट के एक अहम फैसले के बाद रैयतों को उनकी 8 बीघा जमीन वापस मिल गई.

क्या है मामला?: दरअसल, 54 वर्ष पहले जमीन (तौजी संख्या 7492) को लेकर अजीज हैदर और सतीश कुमार के बीच केस दर्ज हुआ था. अजीज हैदर ने दावा किया था कि यह हमारी खानदानी जमीन है, जिसमें कई पाटीदार हैं. हैदर मियां के माता-पिता ने इस जमीन को सतीश कुमार से जरपेसकी में रखा था लेकिन जब वह लोग पैसे वापस देने गए तो जरपेसकी रखने वाले लोगों ने पैसा लेने से मना कर दिया. जिसके बाद यह मामला कोर्ट में गया और अजीज हैदर मियां के पिता और अन्य लोगों ने जरपेसकी का पैसा कोर्ट में जमा कर दिया और जमीन वापसी के लिए कोर्ट से गुहार लगाई.

SIWAN COURT DECISION
कोर्ट के फैसले से रैयत खुश (ETV Bharat)

54 साल बाद मिला इंसाफ: मामले में लगातार सुनवायी होती रही. इस दौरान कितने फरीक (पाटीदार) की मौत भी हो चुकी है लेकिन 54 वर्ष तक सुनवाई के बाद आखिरकार न्यायालय ने हैदर मियां के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने हुक्म दिया कि तमाम वरीय पदाधिकारी मौके पर जाकर इसका दखल-कब्जा कराकर रैयतों की जमीन वापस कराएंगे.

ढोल बजाकर रैयतों को दिलाई जमीन: कोर्ट के आदेश के बाद अब असली रैयतों को उनकी 8 बीघा जमीन वापस मिल गई. जब गांव में एक-एक कर कोर्ट के अलावे भी कई पदाधिकारी पहुंचे तो धीरे-धीरे भीड़ जुटने लगी. यही नहीं जब ढोल बजाकर और भीड़ इकट्ठी की गई और पूरे गांव के सामने ऐलान किया गया कि आज से यह प्लॉट अजीज हैदर मियां की रहेगी. यही नहीं खेत की ट्रैक्टर से जुताई भी कराई गई.

SIWAN COURT DECISION
जमीन की ट्रैक्टर से हुई जुताई (ETV Bharat)

"मैं माननीय अदालत का शुक्रिया अदा करता हूं. आखिरकार 54 बाद हमलोगों को अपनी जमीन वापस मिल गई. जरपेसकी के कारण जब हमलोग जमीन वापस करने गए तो सतीश कुमार ने पैसा लेने से इनकार कर दिया था. जमीन को भी कब्जा में ले लिया था. जिस वजह से मेरे पिता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब इंसाफ मिला है."- गुलाम हैदर, अजीज मियां के बेटे

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क्या है मामला?: दरअसल, 54 वर्ष पहले जमीन (तौजी संख्या 7492) को लेकर अजीज हैदर और सतीश कुमार के बीच केस दर्ज हुआ था. अजीज हैदर ने दावा किया था कि यह हमारी खानदानी जमीन है, जिसमें कई पाटीदार हैं. हैदर मियां के माता-पिता ने इस जमीन को सतीश कुमार से जरपेसकी में रखा था लेकिन जब वह लोग पैसे वापस देने गए तो जरपेसकी रखने वाले लोगों ने पैसा लेने से मना कर दिया. जिसके बाद यह मामला कोर्ट में गया और अजीज हैदर मियां के पिता और अन्य लोगों ने जरपेसकी का पैसा कोर्ट में जमा कर दिया और जमीन वापसी के लिए कोर्ट से गुहार लगाई.

SIWAN COURT DECISION
कोर्ट के फैसले से रैयत खुश (ETV Bharat)

54 साल बाद मिला इंसाफ: मामले में लगातार सुनवायी होती रही. इस दौरान कितने फरीक (पाटीदार) की मौत भी हो चुकी है लेकिन 54 वर्ष तक सुनवाई के बाद आखिरकार न्यायालय ने हैदर मियां के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने हुक्म दिया कि तमाम वरीय पदाधिकारी मौके पर जाकर इसका दखल-कब्जा कराकर रैयतों की जमीन वापस कराएंगे.

ढोल बजाकर रैयतों को दिलाई जमीन: कोर्ट के आदेश के बाद अब असली रैयतों को उनकी 8 बीघा जमीन वापस मिल गई. जब गांव में एक-एक कर कोर्ट के अलावे भी कई पदाधिकारी पहुंचे तो धीरे-धीरे भीड़ जुटने लगी. यही नहीं जब ढोल बजाकर और भीड़ इकट्ठी की गई और पूरे गांव के सामने ऐलान किया गया कि आज से यह प्लॉट अजीज हैदर मियां की रहेगी. यही नहीं खेत की ट्रैक्टर से जुताई भी कराई गई.

SIWAN COURT DECISION
जमीन की ट्रैक्टर से हुई जुताई (ETV Bharat)

"मैं माननीय अदालत का शुक्रिया अदा करता हूं. आखिरकार 54 बाद हमलोगों को अपनी जमीन वापस मिल गई. जरपेसकी के कारण जब हमलोग जमीन वापस करने गए तो सतीश कुमार ने पैसा लेने से इनकार कर दिया था. जमीन को भी कब्जा में ले लिया था. जिस वजह से मेरे पिता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब इंसाफ मिला है."- गुलाम हैदर, अजीज मियां के बेटे

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