सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिला स्थित सुरसंड प्रखंड के करीब डेढ़ दर्जन बाल मजदूरों को पंजाब के जालंधर में बंधक बनाकर मजदूरी करवाये जाने का मामला प्रकाश में आया है. बताया जा रहा है कि जो बच्चे भागने का प्रयास करते हैं, उनके साथ बुरी तरह से मारपीट की जाती है. स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर जिला पार्षद रानी कुमारी, समाजसेवी डॉ मनोज कुमार और लेखिका नैना साहू ने पीड़ित परिवारों से मिलकर मामले की जानकारी ली.
''मामले की जानकारी मिली है. मामले की जांच को लेकर लेबर विभाग के इंस्पेक्टर को निर्देश दिया गया .है अभी तक कोई आवेदन नहीं आया है. हालांकि जांच चल रही है. आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई भी की जाएगी.''- इश्तियाक अली अंसारी, एसडीएम, पुपरी
बंधकों में अधिकतर महादलित बच्चेः स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बंधकों में अधिकांश महादलित परिवार के नाबालिग बच्चे हैं. इन्हें बहला-फुसला कर पंजाब ले जाया गया है. वहां इन बच्चों को अमानवीय तरीके से बंधक बनाकर रखा गया है. 16-16 घंटों तक मजदूरी करवायी जा रही है. घरवालों व परिजन से बात तक नहीं करने दी जा रही है. पीड़ित अभिभावकों ने बताया कि, ''हमारे बच्चों से जबरन कार्य कराया जा रहा है.''
मंत्री को मामला से कराया अवगतः समाजसेवी डॉ मनोज व जिला पार्षद रानी कुमारी ने बिहार के अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री जनक राम से बात कर उन्हें समस्या से अवगत कराया. साथ ही जिला प्रशासन, मुख्यमंत्री कार्यालय व मानवाधिकार संगठनों को भी इस मामले की जानकारी देते हुए बंधकों की रिहाई के लिए हरसंभव प्रयास करने की गुहार लगायी.
ग्रामीणों को किया जागरूकः समाजसेवी डॉ मनोज ने ग्रामीणों से बच्चों की शिक्षा पर विशेष जोर देने की अपील की. उन्होंने पीड़ित परिवारों व उपस्थित ग्रामीणों से किसी भी परिस्थिति में अपने बच्चों को बाल मजदूरी के चंगुल में नहीं फंसने देने को कहा. इस मौके पर बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए लेखिका नैना साहू ने पाठ्य सामग्रियों का वितरण किया.