रांची: अपने परिवार और झारखंड मुक्ति मोर्चा से नाराज होकर भाजपा का दामन थामने वाली जामा की जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद कल्पना सोरेन पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राजनीति में कदम रखते ही कल्पना ने स्वर्गीय दुर्गा सोरेन को अपमानित किया है.
सीता सोरेन ने कहा कि गिरिडीह की जनसभा में जिस तरह से कल्पना सोरेन के द्वारा अन्य शहीदों के साथ दुर्गा सोरेन का नाम नहीं लिया गया वह बेहद ही आपत्तिजनक है, जिसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी. 19 मार्च को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद गुरुवार 28 मार्च को रांची लौटी सीता सोरेन ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा को अलविदा करने की वजह बताई.
झारखंड मुक्ति मोर्चा को दलाल किस्म के लोग कब्जा कर बैठे हैं-सीता सोरेन
अपने पति दुर्गा सोरेन की मौत की जांच और जामा मोड़ पर अपने पति की आदमकद प्रतिमा अब तक नहीं लगने से नाराज सीता सोरेन ने इसके लिए अपने देवर हेमंत सोरेन को दोषी ठहराया है. सीता सोरेने कहा कि इसके लिए कई बार हेमंत सोरेन को कहा गया है, मगर उन्होंने इसे अनसुना कर दिया. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि मैने झारखंड मुक्ति मोर्चा ज्वाइन किया था कि अपने पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन के सपनों को सरकार करूं, क्योंकि झारखंड के निर्माण में बाबा के साथ-साथ दुर्गा सोरेन की अहम भूमिका थी.
पति के निधन के बाद परिवार में हो रही समस्या का जिक्र करते हुए सीता सोरेन ने कहा कि शुरुआत में बाबा ने मुझे सहयोग जरूर किया, मगर जैसे-जैसे उनकी तबीयत खराब होती चली गई, परेशानी बढ़ती गई और मुझे परिवार से अलग होकर रहना पड़ा. इस वजह से मुझे और बच्चों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी, इसके बावजूद मैं इस उम्मीद के साथ 14 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा में रही कि स्वर्गीय दुर्गा सोरेन के सपनों को साकार कर सकूं मगर ऐसा नहीं हो सका.
सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की नीति बदल चुकी है और इसमें दलाल किस्म के लोगों का कब्जा हो चुका है, ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा का आने वाले समय में अस्तित्व नहीं बचेगा. दुमका सीट पर जो भी चुनाव मैदान में आएंगे उनका सामना किया जाएगा, इतना जरूर तय है कि वहां कमल खिलेगा.
ये भी पढ़ें:
सीता सोरेन ने हेमंत सोरेन को दी खुली चुनौती, कहा- दुमका में जिससे भी हो सामना जीत हमारी ही होगी