मुजफ्फरपुर: मोतिहारी के सुगौली से आठ साल पहले नाबालिग के जबरन अपहरण मामले में एसआईटी ने मुजफ्फरपुर के रेड लाइट एरिया में घेराबंदी कर छापेमारी की. पुलिस ने इस दौरान कई कोठे पर नाबालिग की खोजबीन की. वहीं एक कोठे पर अपहृत लड़की की हमनाम और समान उम्र की एक युवती मिली. जिसके बाद आगे की जानकारी लेने के लिए एसआईटी के अधिकारी एसआई शंभू साह ने वीडियो कॉल के माध्यम से परिजनों को लड़की से बात कराई लेकिन उन्होंने कहा कि यह युवती उनकी बेटी नहीं है.
8 साल पहले हुआ अपहरण: इस मामले में रेड लाइट की एक महिला नर्तकी को भी नगर थाने लाकर उससे पूछताछ की गई. बाद में उसके भाई के मुचलके पर उसे थाने से मुक्त कर दिया गया. बताया जा रहा है कि मोतिहारी के सुगौली थाना से 20 नवंबर 2016 को युवती का अपहरण हुआ था. जिसके बाद नाबालिग के पिता के आवेदन पर सुगौली थाने में 14 दिसंबर 2016 को एफआईआर दर्ज किया गया. लड़की के पिता ने गांव के ही एक परिवार पर शादी की नीयत या गलत उद्देश्य से बेटी का अपहरण करने का आरोप लगाया था.
अपहरण के 24 दिन बाद हुआ था मामला दर्ज: अपहरण के इस मामले को लेकर बताया जा रहा है कि पीड़ित पिता ने बेटी को लौटाने के लिए पंचायती भी कराई गई थी. हालांकि पंचायती के बाद भी बेटी को नहीं लौटाया गया, तब जाकर 24 दिन बाद अपहरण की धारा के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई. सुगौली थाना पुलिस ने नामजद दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था. जिसके बाद दोनों पर चार्जशीट दाखिल करने के बाद छानबीन नहीं हुई और जेल भेजे गए दो नामजदों को जमानत भी मिल गई.
हाईकोर्ट में 18 जुलाई को सुनवाई: बता दें कि पुलिस की शिथिलता को देखते हुए अपहृता के पिता ने मार्च 2023 में उनके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसमें मुख्य सचिव के अलावा चंपारण रेंज के डीआईजी, मोतिहारी एसपी, सुगौली थानेदार और कांड के आईओ को पक्षकार बनाया गया था. वहीं इस मामले में हाइकोर्ट में सुनवाई होने के बाद एसआईटी टीम गठित की गई. फिलहाल अपहृता को सेकर एसआईटी को कोई सुराग नहीं मिला है. मामले में 18 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है.