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राज्यसभा क्रॉस वोटिंग मामला: पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार से शिमला में SIT ने की पूछताछ - SIT investigate Cross voting case - SIT INVESTIGATE CROSS VOTING CASE

SIT investigation in Cross voting case: हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार व भाजपा नेता तरुण भंडारी से रविवार को शिमला पुलिस की एसआईटी ने पूछताछ की. डिटेल में पढ़ें खबर...

SIT INVESTIGATE CROSS VOTING CASE
राज्यसभा क्रॉस वोटिंग मामला (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 4, 2024, 10:18 PM IST

शिमला: इस साल बीते 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग में कथित खरीद-फरोख्त और प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचने के मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार व भाजपा नेता तरुण भंडारी से रविवार को शिमला पुलिस की एसआईटी ने घंटों पूछताछ की.

तरुण भंडारी रविवार दोपहर बालूगंज पुलिस स्टेशन में हाजिर हुए. इसी मामले में कोर्ट के आदेश की अनुपालना करते हुए तरुण भंडारी दूसरी बार पुलिस के सामने पेश हुए और जांच में सहयोग किया. एसआईटी ने कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों को चौपर से लाने व ले जाने और पंचकूला के होटल में उनका खर्चा उठाने के मामले में तरुण भंडारी से सवाल पूछे.

माना जा रहा है कि एसआईटी तरुण भंडारी को पूछताछ के लिए दोबारा तलब कर सकती है. इसी केस में एसआईटी गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा व उनके पिता रिटायर आईएएस अधिकारी राकेश शर्मा, लाहौल-स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर और हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा से भी पूछताछ कर चुकी है.

पूछताछ से पहले तरुण भंडारी ने मीडिया से बातचीत में कहा "यह मामला राजनीति से प्रेरित है और राजनीति में यह सब चलता रहता है. पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करूंगा. लोकतंत्र में किसी को भी किसी भी दल में शामिल होने का अधिकार है. हरियाणा में भी तीन विधायक भाजपा को छोड़कर गए हैं. वहां की सरकार ने इस तरह का कोई मामला नहीं बनाया है"

शिमला पुलिस ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के तत्कालीन छह विधायकों और तत्कालीन तीन निर्दलीय विधायकों की हेलीकॉप्टर यात्रा की भी जानकारी जुटाई. उन्हें घुमाने वाले हेलीकॉप्टर कंपनियों में दबिश देने के लिए शिमला पुलिस ने कोर्ट से सर्च वारंट भी हासिल किया.

इस मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब हेलीकॉप्टर कम्पनियों का रिकॉर्ड खंगालने हरियाणा के गुड़गांव पहुंची शिमला पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा. दरअसल पिछले दिनों शिमला पुलिस की टीम को गुड़गांव पुलिस राजेंद्रा पार्क सेक्टर-105 थाने ले गई और देर रात तक वहां रोके रखा.

अगले दिन यह टीम शिमला वापस लौट आई. शिमला पुलिस हेलीकॉप्टर कंपनियों से तत्कालीन विधायकों की हवाई सेवाओं का रिकॉर्ड और इस पर खर्च होने वाली राशि का ब्यौरा मांग चुकी है.

इस घटनाक्रम में तीन हेलीकॉप्टर कंपनियों ग्लोबल वैक्ट्रा, पवन हंस और बिंडबोर्न एयरवन का रिकॉर्ड खंगालने के लिए शिमला पुलिस हाईकोर्ट से फिर से सर्च वारंट हासिल करेगी. वहीं, गुरुग्राम प्रकरण के बाद अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश करेगी.

ये है पूरा मामला

हमीरपुर से भाजपा विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में कथित खरीद फरोख्त के आरोप हैं. कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने बीते 10 मार्च को बालूगंज थाने में आशीष शर्मा और राकेश शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचा है.

दरअसल हिमाचल की एक राज्यसभा सीट के लिए 27 फरवरी को चुनाव हुआ था. विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक होने के कारण राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की जीत तय थी लेकिन चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. इसके साथ ही तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट किया और वोट बराबर होने के बाद पर्ची डाली गई जिसमें भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन जीत गए.

इसके बाद कांग्रेस के छह बागी व तीन निर्दलीय विधायक कुछ दिनों तक हरियाणा के पंचकूला और उत्तराखंड के होटलों में रहे. बाद में इन सभी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. इनकी विधायकी चले जाने के कारण नौ विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हुए. पहले छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ. इनमें कांग्रेस को चार और भाजपा को दो सीटों पर जीत मिली. इसके बाद तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए जिसमें कांग्रेस को दो और भाजपा को एक सीट मिली.

ये भी पढ़ें: "बिना सोचे-समझे शुरू की गई थी हिमकेयर योजना, निजी अस्पतालों के थे अलग-अलग रेट"

शिमला: इस साल बीते 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग में कथित खरीद-फरोख्त और प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचने के मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार व भाजपा नेता तरुण भंडारी से रविवार को शिमला पुलिस की एसआईटी ने घंटों पूछताछ की.

तरुण भंडारी रविवार दोपहर बालूगंज पुलिस स्टेशन में हाजिर हुए. इसी मामले में कोर्ट के आदेश की अनुपालना करते हुए तरुण भंडारी दूसरी बार पुलिस के सामने पेश हुए और जांच में सहयोग किया. एसआईटी ने कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों को चौपर से लाने व ले जाने और पंचकूला के होटल में उनका खर्चा उठाने के मामले में तरुण भंडारी से सवाल पूछे.

माना जा रहा है कि एसआईटी तरुण भंडारी को पूछताछ के लिए दोबारा तलब कर सकती है. इसी केस में एसआईटी गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा व उनके पिता रिटायर आईएएस अधिकारी राकेश शर्मा, लाहौल-स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर और हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा से भी पूछताछ कर चुकी है.

पूछताछ से पहले तरुण भंडारी ने मीडिया से बातचीत में कहा "यह मामला राजनीति से प्रेरित है और राजनीति में यह सब चलता रहता है. पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करूंगा. लोकतंत्र में किसी को भी किसी भी दल में शामिल होने का अधिकार है. हरियाणा में भी तीन विधायक भाजपा को छोड़कर गए हैं. वहां की सरकार ने इस तरह का कोई मामला नहीं बनाया है"

शिमला पुलिस ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के तत्कालीन छह विधायकों और तत्कालीन तीन निर्दलीय विधायकों की हेलीकॉप्टर यात्रा की भी जानकारी जुटाई. उन्हें घुमाने वाले हेलीकॉप्टर कंपनियों में दबिश देने के लिए शिमला पुलिस ने कोर्ट से सर्च वारंट भी हासिल किया.

इस मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब हेलीकॉप्टर कम्पनियों का रिकॉर्ड खंगालने हरियाणा के गुड़गांव पहुंची शिमला पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा. दरअसल पिछले दिनों शिमला पुलिस की टीम को गुड़गांव पुलिस राजेंद्रा पार्क सेक्टर-105 थाने ले गई और देर रात तक वहां रोके रखा.

अगले दिन यह टीम शिमला वापस लौट आई. शिमला पुलिस हेलीकॉप्टर कंपनियों से तत्कालीन विधायकों की हवाई सेवाओं का रिकॉर्ड और इस पर खर्च होने वाली राशि का ब्यौरा मांग चुकी है.

इस घटनाक्रम में तीन हेलीकॉप्टर कंपनियों ग्लोबल वैक्ट्रा, पवन हंस और बिंडबोर्न एयरवन का रिकॉर्ड खंगालने के लिए शिमला पुलिस हाईकोर्ट से फिर से सर्च वारंट हासिल करेगी. वहीं, गुरुग्राम प्रकरण के बाद अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश करेगी.

ये है पूरा मामला

हमीरपुर से भाजपा विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में कथित खरीद फरोख्त के आरोप हैं. कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने बीते 10 मार्च को बालूगंज थाने में आशीष शर्मा और राकेश शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचा है.

दरअसल हिमाचल की एक राज्यसभा सीट के लिए 27 फरवरी को चुनाव हुआ था. विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक होने के कारण राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की जीत तय थी लेकिन चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. इसके साथ ही तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट किया और वोट बराबर होने के बाद पर्ची डाली गई जिसमें भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन जीत गए.

इसके बाद कांग्रेस के छह बागी व तीन निर्दलीय विधायक कुछ दिनों तक हरियाणा के पंचकूला और उत्तराखंड के होटलों में रहे. बाद में इन सभी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. इनकी विधायकी चले जाने के कारण नौ विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हुए. पहले छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ. इनमें कांग्रेस को चार और भाजपा को दो सीटों पर जीत मिली. इसके बाद तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए जिसमें कांग्रेस को दो और भाजपा को एक सीट मिली.

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